वेल्लूर: तमिलनाडु के वेल्लूर के ओडुगाथुर इलाके में 9 दिन की बच्ची को जहरीला दूध पिलाकर मारने वाले दंपती, एक महिला और उन्हें आश्रय देने वाले रिश्तेदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. खबर के मुताबिक वेल्लोर में एक महिला को 27 अगस्त को प्रसव पीड़ा हुई और उसे ओडुकाथुर सरकारी प्राथिमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां उसने एक सुंदर बच्ची को जन्म दिया.
हालांकि, बल्ड काउंट कम होने की वजह से महिला को वेल्लोर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां 9 दिन के इलाज के बाद 4 सितंबर को मां और बच्चे और उसके पति के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
वेल्लूर के दंपती जीवा और डायना को पहले से एक बेटी भी है. इस बार भी बच्ची के जन्म लेने से दंपती काफी दुखी थे. उनको इस लड़का होने की उम्मीद थी. बेटी के पैदा होने से आहत माता-पिता ने अपनी दुधमुंही बेटी को जान से मारने का फैसला कर लिया. कलयुगी मां-बाप ने घर के पास लगे पपीते के पेड़ को काट कर उसमें से निकलने वाले जहरीले दूध को बच्ची पर डाल दियाय जिससे मासूम बच्ची के मुंह और नाक से खून बहने लगा और कुछ ही देर बाद बच्ची की मौत हो गई.
इस घटना की शिकायत के बाद, वेप्पंगुपम उप-निरीक्षक भास्करन के नेतृत्व में पुलिस और राजस्व विभाग ने मौके पर जाकर जांच की. हालांकि, दंपती ने इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए. पुलिस भी पूछताछ करते हुए उन पर नजर रख रही थी. कुछ दिन बाद दंपत्ति अपने पहले बच्चे को छोड़कर भाग गए और पास के जंगल में छिप गए. इससे हैरान पुलिस ने पति-पत्नी दोनों का पीछा किया.
इसके बाद पुलिस उस जगह का दौरा किया जहां बच्ची को दफनाया गया था. इस संबंध में, बच्चे के दादा सरवनन द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया और मामले की जांच शुरू हो गई. दूसरी तरफ पुलिस और राजस्व विभाग ने बच्चे के शव को बाहर निकाला और उसे पोस्टमार्टम के लिए वेल्लोर के अदुक्कमपराई इलाके के सरकारी अस्पताल में भेज दिया. वहीं पुलिस ने दंपती की खोज में एड़ी चोटी की जोड़ लगा दी. आखिरकार पुलिस ने उन्हें उनके एक रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मामले में बच्ची के माता-पिता जीवा और डायना के अलावा , उन्हें आश्रय देने वाले उमापति और जीवा की मां बेबी को भी गिरफ्तार किया है.
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