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वरुण चौधरी को मिली "विक्ट्री"...अंबाला से बीजेपी की बंतो कटारिया को मिली करारी हार - Varun Chaudhary Won Ambala Election

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 4, 2024, 10:38 PM IST

Updated : Jun 4, 2024, 10:45 PM IST

Varun Chaudhary Won Ambala Election: हरियाणा के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस बार कांग्रेस की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के सियासी गणित ने बीजेपी के सभी दस सीटों पर फिर से जीत दर्ज करने के इरादे पर पानी फेरते हुए पांच सीटों पर जीत दर्ज कर सभी चौंका दिया है. हालांकि हरियाणा में पहले से ही इस बार बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की बात सभी मान रहे थे. वहीं, अंबाला जैसी प्रतिष्ठित लोकसभा सीट पर भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. यही वजह है कि इस बार अंबाला में कांग्रेस की जीत से ज्यादा बीजेपी की हार के चर्चे है.

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अंबाला से जीते कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी (Etv Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा में अंबाला लोकसभा सीट पर भी मतगणना के बाद चुनावी तस्वीर स्पष्ट हो गई है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी ने बीजेपी प्रत्याशी बंतो कटारिया को कांटे की टक्कर में 49,036 वोटों के मार्जिन से मात दी. वरुण चौधरी ने मतगणना के साथ ही लीड बनाई जो जीत में जाकर तब्दील हो गई. बंतो कटारिया को पार्टी ने उनके पति स्वर्गीय रतन लाल कटारिया की जगह चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन बीजेपी का दांव ठीक नहीं बैठा.

कांग्रेस की जीत से ज्यादा बीजेपी की हार के चर्चे: वरुण चौधरी की जीत में हरियाणा बीजेपी की बड़ी हार भी मानी जा सकती है. सबसे पहले बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का गृह क्षेत्र नारायणगढ़ भी इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. वहीं, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी इस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसके साथ ही हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल भी अंबाला शहरी से विधायक हैं. जो कि इसी विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र के तहत आने वाले पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता आते हैं. ऐसे में देखा जाए तो ये हार बंतो कटारिया से ज्यादा इन दिग्गज नेताओं की हार मानी जा सकती है.

कौन है वरुण चौधरी ? : वरुण चौधरी पहली बार 2019 में कांग्रेस के टिकट पर मुलाना विधानसभा से चुनाव लड़े. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को हराकर पहली बार विधायक बने. वहीं,कांग्रेस पार्टी ने इस बार युवा प्रत्याशी के तौर पर वरुण मुलाना को अंबाला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. वरुण चौधरी पार्टी के विश्वास पर खरे उतरे और बीजेपी प्रत्याशी बंतो कटारिया को चुनावी दंगल में मात दे डाली.

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे वरुण : आपको बता दें कि वरुण चौधरी के पिता फूलचंद मुलाना हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे. फूल चंद मुलाना चार बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य रहे. इसके साथ ही वे हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. वहीं, फूल चंद मुलाना 2007 से 2014 तक पार्टी के अध्यक्ष भी रहे. उनकी राजनीतिक विरासत को वरुण चौधरी आगे बढ़ाते हुए जहां पहले हरियाणा विधानसभा के सदस्य बने, वहीं अब पहली बार लोकसभा सदस्य भी चुने गए हैं.

ये भी पढ़ें: हुड्डा के गढ़ में फिर से "हुड्डा" का कब्जा...दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लिया 2019 का बदला...रोहतक में 3 लाख से ज्यादा वोटों से BJP कैंडिडेट को दी मात

ये भी पढ़ें: करनाल में बीजेपी की बल्ले-बल्ले...हरियाण के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने जीता चुनाव

चंडीगढ़: हरियाणा में अंबाला लोकसभा सीट पर भी मतगणना के बाद चुनावी तस्वीर स्पष्ट हो गई है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी ने बीजेपी प्रत्याशी बंतो कटारिया को कांटे की टक्कर में 49,036 वोटों के मार्जिन से मात दी. वरुण चौधरी ने मतगणना के साथ ही लीड बनाई जो जीत में जाकर तब्दील हो गई. बंतो कटारिया को पार्टी ने उनके पति स्वर्गीय रतन लाल कटारिया की जगह चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन बीजेपी का दांव ठीक नहीं बैठा.

कांग्रेस की जीत से ज्यादा बीजेपी की हार के चर्चे: वरुण चौधरी की जीत में हरियाणा बीजेपी की बड़ी हार भी मानी जा सकती है. सबसे पहले बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का गृह क्षेत्र नारायणगढ़ भी इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है. वहीं, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी इस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसके साथ ही हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल भी अंबाला शहरी से विधायक हैं. जो कि इसी विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र के तहत आने वाले पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता आते हैं. ऐसे में देखा जाए तो ये हार बंतो कटारिया से ज्यादा इन दिग्गज नेताओं की हार मानी जा सकती है.

कौन है वरुण चौधरी ? : वरुण चौधरी पहली बार 2019 में कांग्रेस के टिकट पर मुलाना विधानसभा से चुनाव लड़े. इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को हराकर पहली बार विधायक बने. वहीं,कांग्रेस पार्टी ने इस बार युवा प्रत्याशी के तौर पर वरुण मुलाना को अंबाला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. वरुण चौधरी पार्टी के विश्वास पर खरे उतरे और बीजेपी प्रत्याशी बंतो कटारिया को चुनावी दंगल में मात दे डाली.

राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे वरुण : आपको बता दें कि वरुण चौधरी के पिता फूलचंद मुलाना हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे. फूल चंद मुलाना चार बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य रहे. इसके साथ ही वे हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. वहीं, फूल चंद मुलाना 2007 से 2014 तक पार्टी के अध्यक्ष भी रहे. उनकी राजनीतिक विरासत को वरुण चौधरी आगे बढ़ाते हुए जहां पहले हरियाणा विधानसभा के सदस्य बने, वहीं अब पहली बार लोकसभा सदस्य भी चुने गए हैं.

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Last Updated : Jun 4, 2024, 10:45 PM IST
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