देहरादूनः उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर परिणाम भाजपा के पक्ष में गए हैं. हरिद्वार लोकसभा सीट पर माना जा रहे त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाजी मार ली है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत को 1.40 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है. जबकि तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार रहे.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2024 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल करने के बाद अब उत्तराखंड की जनता की आवाज संसद में उठाएंगे. हालांकि, इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह 2017 से 2021 तक करीब 4 साल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे. मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने प्रदेश के लिए कई बड़े फैसले लिए. हालांकि, मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिला. 2024 में भाजपा ने त्रिवेंद्र को मेनिफेस्टो कमेटी की जिम्मेदारी दी.
त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर: त्रिवेंद्र सिंह रावत 19 वर्ष की आयु में संघ से जुड़े. 1979 में त्रिवेंद्र ने आरएसएस की सदस्यता ली. 1985 में त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून महानगर प्रचारक बने. संघ प्रचारक के दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समाज के साथ ही राजनीति को बारीकी से जाना. इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भाजपा ज्वाइन की. भाजपा के साथ ही त्रिवेंद्र सिंह रावत संघ में भी सक्रिय रहे.
1993 में त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड आंदोलन में भी सक्रिय रहे. जिसके लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत कई बार गिरफ्तार हुए.1993 में त्रिवेंद्र रावत भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बने. साल 2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद साल 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में त्रिवेंद्र ने डोईवाला सीट से चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विजय हासिल की.
इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में भी त्रिवेंद्र ने डोईवाला से जीत हासिल की. इस बार उन्हें भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई. साल 2012 में त्रिवेंद्र ने रायपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2013 में त्रिवेंद्र को भाजपा ने महासचिव बनाया. 2014 लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को यूपी टीम में शामिल किया.
इसके साथ ही 2014 में ही त्रिवेंद्र सिंह को भाजपा ने झारखंड प्रभारी बनाया. साल 2017 में उत्तराखंड विधानसभा में त्रिवेंद्र सिंह ने डोईवाला से चुनाव लड़ा और बंपर जीत हासिल की. इसके बाद उन्हें हाईकमान ने उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च 2017 को उत्तराखंड के सीएम के तौर पर शपथ ली. वे 2021 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे.
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