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नैनीताल हाईकोर्ट ने 5 लोगों के हत्यारे को अंडरगॉन पर किया रिहा, निचली अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा, 2014 का है मामला - Accused of 5 murders acquitted

Harmeet accused of five murders was acquitted, Nainital HighCourt: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मौत की सजा पाए आरोपी हरमीत को अंडरगॉन पर छोड़ दिया है. हरमीत ने 2014 में अपने ही परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी थी. ये देहरादून के इतिहास का सबसे क्रूर हत्याकांड था.

Harmeet accused of five murders was acquitted
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 5 लोगों के हत्यारे को किया बरी (FILE PHOTO ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 9, 2024, 10:32 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 10:51 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को आरोपी हरमीत द्वारा 2014 में अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने पर सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा उसे फांसी की सजा दिए जाने के मामले पर आखिरी सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हरमीत को उसके खराब स्वास्थ्य के कारण अंडरगॉन (जितनी सजा काट चुके) पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने उसकी सजा उतनी ही मानी है जितना समय तक वो जेल में रहा है और उसी आधार पर उसे कोर्ट ने छोड़ने के आदेश दे दिए हैं. हरमीत 2014 से ही जेल में कैद है.

मानसिक रोग की दलील: इससे पहले आरोपी हरमीत के अधिवक्ता ने कोर्ट को दलील दी थी कि वो दस साल से मानसिक रोग से गुजर रहा है. इस संबंध में उसकी दवा भी चल रही है. इसलिए उसने जितनी भी सजा काट ली है, उसी पर उसे छोड़ दिया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने इसी आधार पर उसे छोड़ दिया है. पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

परिवार को किया था खत्म: घटना के मुताबिक, 23 अक्टूबर 2014 को हरमीत ने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर, और तीन साल की भांजी समेत बहन के कोख में पल रहे गर्भ की भी निर्मम तरीके से चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी. अभियुक्त ने पांच लोगों की हत्या करने में चाकू से 85 बार वार किया था. जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई. पुलिस ने जांच में पाया कि हरमीत के पिता की दो शादियां थी. उसको शक था कि उसके पिता सारी संपत्ति सौतेली बहन के नाम पर न कर दें. उसकी सौतेली बहन एक सप्ताह पहले ही अपनी डिलीवरी के लिए मायके आई हुई थी. उसकी शादी की सालगिरह 25 अक्टूबर को थी जिसकी वजह से वह अपने शिशु की डिलीवरी 25 अक्टूबर को ही कराना चाहती थी. अगर वह डिलीवरी एक दिन पहले करा लेती तो शायद बच्चे और मां की जान बच सकती थी.

इसका फायदा उठाते हुए हरमीत ने दीपावली की रात घर पर पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी. इस केस का मुख्य गवाह हरमीत का पांच वर्षीय भांजा कमलजीत बच गया. अभियुक्त ने घटना को चोरी का अंजाम देने के लिए अपना हाथ भी काट लिया था. पुलिस की जांच में घटना देहरादून के आदर्श नगर की थी. 24 अक्टूबर 2014 को पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था

जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने 5 अक्टूबर 2021 को हरमीत को फांसी की सजा सुनाई थी. साथ में एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ने फांसी की सजा की पुष्टि करने के लिए हाईकोर्ट में रेफरेंस भेजा था.

ये भी पढ़ेंः 5 मर्डर, 85 चाकू के वार, भांजे की गवाही ने खोला था राज, ऐसे हत्यारा बना हरमीत

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को आरोपी हरमीत द्वारा 2014 में अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने पर सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा उसे फांसी की सजा दिए जाने के मामले पर आखिरी सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हरमीत को उसके खराब स्वास्थ्य के कारण अंडरगॉन (जितनी सजा काट चुके) पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने उसकी सजा उतनी ही मानी है जितना समय तक वो जेल में रहा है और उसी आधार पर उसे कोर्ट ने छोड़ने के आदेश दे दिए हैं. हरमीत 2014 से ही जेल में कैद है.

मानसिक रोग की दलील: इससे पहले आरोपी हरमीत के अधिवक्ता ने कोर्ट को दलील दी थी कि वो दस साल से मानसिक रोग से गुजर रहा है. इस संबंध में उसकी दवा भी चल रही है. इसलिए उसने जितनी भी सजा काट ली है, उसी पर उसे छोड़ दिया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने इसी आधार पर उसे छोड़ दिया है. पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

परिवार को किया था खत्म: घटना के मुताबिक, 23 अक्टूबर 2014 को हरमीत ने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहन हरजीत कौर, और तीन साल की भांजी समेत बहन के कोख में पल रहे गर्भ की भी निर्मम तरीके से चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी. अभियुक्त ने पांच लोगों की हत्या करने में चाकू से 85 बार वार किया था. जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई. पुलिस ने जांच में पाया कि हरमीत के पिता की दो शादियां थी. उसको शक था कि उसके पिता सारी संपत्ति सौतेली बहन के नाम पर न कर दें. उसकी सौतेली बहन एक सप्ताह पहले ही अपनी डिलीवरी के लिए मायके आई हुई थी. उसकी शादी की सालगिरह 25 अक्टूबर को थी जिसकी वजह से वह अपने शिशु की डिलीवरी 25 अक्टूबर को ही कराना चाहती थी. अगर वह डिलीवरी एक दिन पहले करा लेती तो शायद बच्चे और मां की जान बच सकती थी.

इसका फायदा उठाते हुए हरमीत ने दीपावली की रात घर पर पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी. इस केस का मुख्य गवाह हरमीत का पांच वर्षीय भांजा कमलजीत बच गया. अभियुक्त ने घटना को चोरी का अंजाम देने के लिए अपना हाथ भी काट लिया था. पुलिस की जांच में घटना देहरादून के आदर्श नगर की थी. 24 अक्टूबर 2014 को पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था

जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने 5 अक्टूबर 2021 को हरमीत को फांसी की सजा सुनाई थी. साथ में एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था. जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ने फांसी की सजा की पुष्टि करने के लिए हाईकोर्ट में रेफरेंस भेजा था.

ये भी पढ़ेंः 5 मर्डर, 85 चाकू के वार, भांजे की गवाही ने खोला था राज, ऐसे हत्यारा बना हरमीत

Last Updated : Jul 9, 2024, 10:51 PM IST
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