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बीजेपी मंत्री बोले 'राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने वालों का भी प्रयागराज महाकुंभ में स्वागत'

प्रयागराज महाकुंभ में प्राचीन संस्कृति, आध्यात्मिकता और आस्था का दिखेगा समागम, यूपी के मंत्री बोले- राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने वाले महाकुंभ में आएं

PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025
देहरादून में बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

देहरादून: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर यूपी सरकार बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर तमाम वरिष्ठ मंत्री विभिन्न राज्यों में जाकर निमंत्रण दे रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह देहरादून पहुंचे. जहां पर उन्होंने सीएम पुष्कर धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात कर कुंभ में आने का निमंत्रण दिया. इसके साथ ही उत्तराखंड के लोगों को भी बुलावा दिया.

महाकुंभ से पहले निकल जाएगा अखाड़ा परिषद का हल: प्रयागराज महाकुंभ को सरकार पुरजोर तैयारियों में जुटी है, लेकिन चिंता इस बात की भी है कि अखाड़ा परिषद में दो-दो अध्यक्ष के साथ यह कुंभ कैसे संपन्न होगा? आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार अखाड़ा परिषद के किस अध्यक्ष को असल में अध्यक्ष मानेगी? इसको लेकर साधु संतों में आज भी असमंजस की स्थिति है.

उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बृजेश सिंह ने साफ किया है कि कुंभ मेले से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी साधु संतों के साथ बैठकर इस विषय का भी हल निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि यूपी की कमान एक संत के हाथ में है. ऐसे में संतों की बीच किसी तरह का कोई मतभेद अगर है तो उसे कैसे सुलझाना है और कुंभ मेले को कैसे सफल बनाना है? यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बखूबी जानते हैं.

विपक्ष के नेता भी लगाएं गंगा में डुबकी: देशभर में कुंभ मेले के लिए निमंत्रण देने के लिए पहुंच रहे यूपी के मंत्रियों ने उत्तराखंड से इसकी शुरुआत की है. लिहाजा, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, इमरान मसूद और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को कुंभ मेले में आने का न्योता देने के सवाल पर बृजेश सिंह ने कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकरा दिया था. ऐसे में सरकार चाहेगी कि 40 करोड़ की जनता के साथ ये लोग भी महाकुंभ में शामिल होकर गंगा में डुबकी लगाएं. जो आएगा उनका स्वागत किया जाएगा, जो नहीं आएगा, उन पर मां गंगा विचार करेगी.

विपक्ष के नेताओं को बुलाने की जरूरत पड़ रही है तो ये सही नहीं: वहीं, उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकीं और वर्तमान में यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि तमाम विपक्ष के नेता भी भारत का हिस्सा हैं और भारत में ही रहते हैं. लिहाजा, महाकुंभ मेले में अगर उनको बुलाने की जरूरत पड़ रही है तो यह सही नहीं है. सरकार चाहती है कि सभी लोग और हिंदू आकर प्रयागराज में डुबकी लगाएं.

महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं आने की संभावना: प्रयागराज महाकुंभ को लेकर डिवाइन ग्रैंड डिजिटल महाकुंभ का ऐप बनाया जा रहा है. मंत्री बृजेश सिंह ने बताया इस महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि 2019 में जो कुंभ हुआ था, उससे भी ज्यादा दिव्य और भव्य 2025 का महाकुंभ होगा. उत्तर प्रदेश के तमाम मंत्री अब विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर उनके माध्यम से जनता को आमंत्रित कर रहे हैं.

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देहरादून: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर यूपी सरकार बड़े पैमाने पर तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर तमाम वरिष्ठ मंत्री विभिन्न राज्यों में जाकर निमंत्रण दे रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह देहरादून पहुंचे. जहां पर उन्होंने सीएम पुष्कर धामी और राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात कर कुंभ में आने का निमंत्रण दिया. इसके साथ ही उत्तराखंड के लोगों को भी बुलावा दिया.

महाकुंभ से पहले निकल जाएगा अखाड़ा परिषद का हल: प्रयागराज महाकुंभ को सरकार पुरजोर तैयारियों में जुटी है, लेकिन चिंता इस बात की भी है कि अखाड़ा परिषद में दो-दो अध्यक्ष के साथ यह कुंभ कैसे संपन्न होगा? आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार अखाड़ा परिषद के किस अध्यक्ष को असल में अध्यक्ष मानेगी? इसको लेकर साधु संतों में आज भी असमंजस की स्थिति है.

उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य और बृजेश सिंह का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बृजेश सिंह ने साफ किया है कि कुंभ मेले से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी साधु संतों के साथ बैठकर इस विषय का भी हल निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि यूपी की कमान एक संत के हाथ में है. ऐसे में संतों की बीच किसी तरह का कोई मतभेद अगर है तो उसे कैसे सुलझाना है और कुंभ मेले को कैसे सफल बनाना है? यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बखूबी जानते हैं.

विपक्ष के नेता भी लगाएं गंगा में डुबकी: देशभर में कुंभ मेले के लिए निमंत्रण देने के लिए पहुंच रहे यूपी के मंत्रियों ने उत्तराखंड से इसकी शुरुआत की है. लिहाजा, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, इमरान मसूद और अखिलेश यादव जैसे नेताओं को कुंभ मेले में आने का न्योता देने के सवाल पर बृजेश सिंह ने कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकरा दिया था. ऐसे में सरकार चाहेगी कि 40 करोड़ की जनता के साथ ये लोग भी महाकुंभ में शामिल होकर गंगा में डुबकी लगाएं. जो आएगा उनका स्वागत किया जाएगा, जो नहीं आएगा, उन पर मां गंगा विचार करेगी.

विपक्ष के नेताओं को बुलाने की जरूरत पड़ रही है तो ये सही नहीं: वहीं, उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकीं और वर्तमान में यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि तमाम विपक्ष के नेता भी भारत का हिस्सा हैं और भारत में ही रहते हैं. लिहाजा, महाकुंभ मेले में अगर उनको बुलाने की जरूरत पड़ रही है तो यह सही नहीं है. सरकार चाहती है कि सभी लोग और हिंदू आकर प्रयागराज में डुबकी लगाएं.

महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं आने की संभावना: प्रयागराज महाकुंभ को लेकर डिवाइन ग्रैंड डिजिटल महाकुंभ का ऐप बनाया जा रहा है. मंत्री बृजेश सिंह ने बताया इस महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि 2019 में जो कुंभ हुआ था, उससे भी ज्यादा दिव्य और भव्य 2025 का महाकुंभ होगा. उत्तर प्रदेश के तमाम मंत्री अब विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर उनके माध्यम से जनता को आमंत्रित कर रहे हैं.

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