पटना : केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू यादव पर जमकर निशाना साधा साथ ही तेजस्वी को भी एक सलाह दी. उन्होंने कहा कि लालू यादव को नीतीश कुमार के नाम का लॉकेट पहनना चाहिए. तंज कसते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश की भूल का ही नतीजा है कि खत्म होती पार्टी को उन्होंने सहारा दिया और आज जिस स्थिति में तेजस्वी हैं उन्हें भी नीतीश के नाम का लॉकेट पहनकर सदन में आना चाहिए.
''हम तो कहते हैं लालू यादव को नीतीश जी के नाम का लॉकेट पहनना चाहिए. आज तेजस्वी जहां हैं उसका कारण भी नीतीश जी की एक भूल है. तेजस्वी यादव को तो नीतीश के नाम का लॉकेट पहनकर विधानसभा तक जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें सदन तक पहुंचाने का काम किया है. नहीं तो इन लोगों की राजनीति तो खत्म हो गई थी.''- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
'..आरजेडी खत्म हो गई थी' : आज आरजेडी अपना 28वां स्थापना दिवस मना रही है. ऐसे समय में गिरिराज सिंह ने कहा कि ये पार्टी आज खत्म हो गई होती अगर नीतीश ने सहारा न दिया होता. 2015 और 2022 में नीतीश की भूल की वजह से आरजेडी फिर खड़ी हो गई. नीतीश ने ही तेजस्वी को सदन तक पहुंचाने का काम किया था. उस वक्त तेजस्वी की राजनीति खत्म हो गई थी.
'अफसोस की बिहार में 9 सीट नहीं जीत पाए' : गिरिराज ने कहा कि 2025 में विधानसभा चुनाव आनेवाला है. इस बार जनता राजद का वो हाल करेगी जिससे उन्हें सही हालत पता चल जाएगी. उन्होंने दावा किया कि बिहार में फिर से 200 से ज्यादा सीट पर एनडीए गठबंधन की जीत होगी. गिरिराज सिंह ने कहा कि मुझे आज भी अफसोस है कि बिहार में नौ सीट हम नहीं जीत पाए और इसको रोकने में दो ताकत ने बिहार में काम किया है.
'हमें रोकने में विरोधी कामयाब..': पहली ताकत वो तत्व हैं जो सनातन धर्म के लोगों को धर्मांतरण करवाता है. दूसरा वो तत्व है जो देश में गजवा ए हिंद लाना चाहता है. जबकि उन लोगों को भी साथ में लेकर हमारे देश के प्रधानमंत्री चल रहे हैं. देश में सबका साथ सबका विकास हो रहा है. सभी योजनाओं का लाभ वो लोग भी ले रहे हैं, लेकिन माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि वावजूद इसके वो हमारा विरोध करने में सफल हो रहे हैं.
'बिहार को जंगलराज से बचाना है' : गिरिराज सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों से हमको जमकर लड़ाई लड़नी है. बिहार में वही हालात लाना है जो वर्ष 2010 में था. इसीलिए विधान सभा के चुनाव की तैयारी में हम लोगों को लग जाना है. फिर से जंगल राज की स्थिति नहीं बने, इसको लेकर आगे की लड़ाई लड़नी है.
ये भी पढ़ें-