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चिराग पासवान की डिग्री पर 'महाभारत', बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का दावा और तह तक खंगालती यह रिपोर्ट पढ़ें - Chirag Degree Controversy

Chirag Paswan Degree Controversy : चिराग पासवान डिग्री विवाद पर लोजपा रामविलास पार्टी भड़की हुई है. पार्टी के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर सफाई दी और पूरे मामले को आइने की तरह साफपाक बताया. दावा किया गया कि जो कुछ भी चुनावी हलफनामा में चिराग ने दिया है शत प्रतिशत सही है. बस उनको लेकर भ्रामक खबर फैलाई जा रही है. सवाल ये है कि आखिर उन्होंने अपने चुनावी हलफनामें में क्या लिखा था? पूरी खबर को जानने के लिए पढ़ें ये स्पेशल रिपोर्ट-

चिराग का चुनावी हलफनामा और विवाद
चिराग का चुनावी हलफनामा और विवाद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 2, 2024, 6:26 PM IST

चिराग का चुनावीं हलफनामा और विवाद (ETV Bharat)

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर बुंदेलखंड विश्विद्यालय के प्रोफेसर ने बड़ा खुलासा किया है. झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने चिराग के पास B.Tech की डिग्री न होने का दावा किया है. बता दें कि डिग्री विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई थी लेकिन कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में जाने को कहा है.

''चिराग पासवान जी ने यहां एडमिशन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में लिया था. फर्स्ट सेमेस्टर का एग्जाम उन्होंने दिया लेकिन उसके बाद सेकेंड सेमेस्टर से लेकर 8वें समेस्टर तक व्यक्तिगत कारणों से परीक्षा देने नहीं आए. इसलिए जब उन्होंने परीक्षा नहीं दी तो उनका बीटेक डिसकंटीन्यू हो गया.''- बृजेन्द्र शुक्ला, प्रोफेसर, बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, झांसी

मंत्रालय में चिराग पासवान
मंत्रालय में चिराग पासवान (ETV Bharat)

चिराग का चुनावीं हलफनामा और विवाद : चिराग पासवान ने 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग में हलफनामा में अपनी शिक्षा को लेकर भी डिटेल दिया है. फॉर्म के 11 में नंबर कॉलम में उच्चतम शैक्षणिक आहर्ता वाले कॉलम में 'B.Tech सेकंड सेमेस्टर कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी झांसी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी वर्ष 2005' दिया गया है.

भ्रामक ख़बर फैलाने का आरोप : लोजपा रामविलास पासवान के प्रवक्ता विनीत कुमार सिंह का कहना है कि चिराग पासवान के शैक्षणिक योग्यता पर झूठी खबर फैलाई गई जो विश्वसनीयता पर बट्टा लगाने जैसा है. उन्होंने दावा किया कि झूठी खबर फैलाने वाले को पहले उनके चुनावी हलफनामे को अच्छी तरह से देख लेना चाहिए. उन्होंने जो कुछ लिखा है एकदम स्पष्ट लिखा है.

चिराग का चुनावी हलफनामा
चिराग का चुनावी हलफनामा (ETV Bharat)

''भ्रामक खबर फैलाने वाले अगर आप उनके चुनावी हलफनामा को अच्छे से देख लें, जिसमें साफगोई और बड़ी स्पष्टता से उन्होंने अपनी योग्यता के बारे में लिखा है, तो आप यह खबर नहीं चलाते. सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे झूठे खबर आपकी विश्वसनीयता पर बट्टा लगता है. इसलिए सचेत रहें सावधान रहें.''- विनीत कुमार सिंह, प्रवक्ता, लोजपा (रामविलास)

कहां से उपजा विवाद : दरअसल, जिस विश्वविद्यालय से चिराग पासवान इंजीनियरिंग की डिग्री ले रहे थे उस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेन्द्र शुक्ल ने दावा किया कि उन्होंने महज पहला सेमेस्टर ही क्लियर किया है. दूसरे सेमेस्टर से वो बीटेक कंटीन्यू नहीं कर पाए. उनके बयान पर जब सवाल उठे तो अपने ही प्रोफेसर के बयान को काटते हुए बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह की ओर से विरोधाभासी बयान जारी किया गया.

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (ETV Bharat)

''शिक्षक बृजेंद्र शुक्ला ने याददाश्त के आधार पर ये बयान दिया है जबकि, उन्हें रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ कहना चाहिए था. शिक्षक को सावधानी बरतनी चाहिए थी. शिक्षक को बुलाकर बात की गई है. उन्होंने कहा है कि जांच किए जाने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें चिराग पासवान के द्वारा चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में भी इंजीनियरिंग विभाग से तीन सेमेस्टर पढ़ाई का रिकार्ड मिला है.''- विनय कुमार सिंह, कुलसचिव, बुंदेलखंड विश्विद्यालय, झांसी

हलफनाफे में क्या है हकीकत : दरअसल चिराग पासवान ने चुनावी हलफनामे में जो लिखा है वो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजेन्द्र शुक्ला के बयान से मेल खाता है. यानी दोनों ने जो कहा और हलफनामे में जो लिखा है उसमें एकरूपता दिखाई देती है. जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी बयान में विरोधाभास दिखाई देता है. हलफनामे में चिराग ने स्पष्ट लिखा है कि 'बीटेक सेकेंड समेस्टर 2025'.

चिराग पासवान
चिराग पासवान (ETV Bharat)

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर : पिछले कई दिनों से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की शैक्षणिक योग्यता पर भी विवाद चल रहा है. बिहार के एक स्थानीय नेता ने चिराग पासवान के शैक्षणिक योग्यता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट याचिका दायर किया था. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में करने को कहा.

मुद्दा गरम है : अब देखना है कि ये विवाद कहां जाकर थमता है. सभी स्थितियां सामने है, गफलत कहां से हुई? भ्रम कहां से फैला या फैलाया गया ये जांच का विषय है. लेकिन जिस तरह से चिराग पासवान ने अपने हलफनामा दिया है उसमें और प्रोफेसर के बयान में समानता है. यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के बयान से मुद्दा जरूर गरमाया हुआ दिखता है.

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चिराग का चुनावीं हलफनामा और विवाद (ETV Bharat)

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान की डिग्री को लेकर बुंदेलखंड विश्विद्यालय के प्रोफेसर ने बड़ा खुलासा किया है. झांसी की बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेंद्र शुक्ला ने चिराग के पास B.Tech की डिग्री न होने का दावा किया है. बता दें कि डिग्री विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई थी लेकिन कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में जाने को कहा है.

''चिराग पासवान जी ने यहां एडमिशन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में लिया था. फर्स्ट सेमेस्टर का एग्जाम उन्होंने दिया लेकिन उसके बाद सेकेंड सेमेस्टर से लेकर 8वें समेस्टर तक व्यक्तिगत कारणों से परीक्षा देने नहीं आए. इसलिए जब उन्होंने परीक्षा नहीं दी तो उनका बीटेक डिसकंटीन्यू हो गया.''- बृजेन्द्र शुक्ला, प्रोफेसर, बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, झांसी

मंत्रालय में चिराग पासवान
मंत्रालय में चिराग पासवान (ETV Bharat)

चिराग का चुनावीं हलफनामा और विवाद : चिराग पासवान ने 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग में हलफनामा में अपनी शिक्षा को लेकर भी डिटेल दिया है. फॉर्म के 11 में नंबर कॉलम में उच्चतम शैक्षणिक आहर्ता वाले कॉलम में 'B.Tech सेकंड सेमेस्टर कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी झांसी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी वर्ष 2005' दिया गया है.

भ्रामक ख़बर फैलाने का आरोप : लोजपा रामविलास पासवान के प्रवक्ता विनीत कुमार सिंह का कहना है कि चिराग पासवान के शैक्षणिक योग्यता पर झूठी खबर फैलाई गई जो विश्वसनीयता पर बट्टा लगाने जैसा है. उन्होंने दावा किया कि झूठी खबर फैलाने वाले को पहले उनके चुनावी हलफनामे को अच्छी तरह से देख लेना चाहिए. उन्होंने जो कुछ लिखा है एकदम स्पष्ट लिखा है.

चिराग का चुनावी हलफनामा
चिराग का चुनावी हलफनामा (ETV Bharat)

''भ्रामक खबर फैलाने वाले अगर आप उनके चुनावी हलफनामा को अच्छे से देख लें, जिसमें साफगोई और बड़ी स्पष्टता से उन्होंने अपनी योग्यता के बारे में लिखा है, तो आप यह खबर नहीं चलाते. सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए ऐसे झूठे खबर आपकी विश्वसनीयता पर बट्टा लगता है. इसलिए सचेत रहें सावधान रहें.''- विनीत कुमार सिंह, प्रवक्ता, लोजपा (रामविलास)

कहां से उपजा विवाद : दरअसल, जिस विश्वविद्यालय से चिराग पासवान इंजीनियरिंग की डिग्री ले रहे थे उस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बृजेन्द्र शुक्ल ने दावा किया कि उन्होंने महज पहला सेमेस्टर ही क्लियर किया है. दूसरे सेमेस्टर से वो बीटेक कंटीन्यू नहीं कर पाए. उनके बयान पर जब सवाल उठे तो अपने ही प्रोफेसर के बयान को काटते हुए बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार सिंह की ओर से विरोधाभासी बयान जारी किया गया.

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (ETV Bharat)

''शिक्षक बृजेंद्र शुक्ला ने याददाश्त के आधार पर ये बयान दिया है जबकि, उन्हें रिकॉर्ड देखने के बाद ही कुछ कहना चाहिए था. शिक्षक को सावधानी बरतनी चाहिए थी. शिक्षक को बुलाकर बात की गई है. उन्होंने कहा है कि जांच किए जाने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें चिराग पासवान के द्वारा चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में भी इंजीनियरिंग विभाग से तीन सेमेस्टर पढ़ाई का रिकार्ड मिला है.''- विनय कुमार सिंह, कुलसचिव, बुंदेलखंड विश्विद्यालय, झांसी

हलफनाफे में क्या है हकीकत : दरअसल चिराग पासवान ने चुनावी हलफनामे में जो लिखा है वो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजेन्द्र शुक्ला के बयान से मेल खाता है. यानी दोनों ने जो कहा और हलफनामे में जो लिखा है उसमें एकरूपता दिखाई देती है. जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी बयान में विरोधाभास दिखाई देता है. हलफनामे में चिराग ने स्पष्ट लिखा है कि 'बीटेक सेकेंड समेस्टर 2025'.

चिराग पासवान
चिराग पासवान (ETV Bharat)

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर : पिछले कई दिनों से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की शैक्षणिक योग्यता पर भी विवाद चल रहा है. बिहार के एक स्थानीय नेता ने चिराग पासवान के शैक्षणिक योग्यता को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट याचिका दायर किया था. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में करने को कहा.

मुद्दा गरम है : अब देखना है कि ये विवाद कहां जाकर थमता है. सभी स्थितियां सामने है, गफलत कहां से हुई? भ्रम कहां से फैला या फैलाया गया ये जांच का विषय है. लेकिन जिस तरह से चिराग पासवान ने अपने हलफनामा दिया है उसमें और प्रोफेसर के बयान में समानता है. यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के बयान से मुद्दा जरूर गरमाया हुआ दिखता है.

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