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नेपाल बॉर्डर पर बनबसा इंटरनेशनल चेक पोस्ट की सुरक्षा अपने हाथों में लेगा केंद्रीय गृह मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार को भेजा पत्र - Banbasa International Check Post

Union Home Ministry will take care of the security of Banbasa check post अगर आप धड़ल्ले से बनबसा के रास्ते नेपाल जाते रहते हैं, तो अब ऐसा नहीं हो पाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट की सुरक्षा व्यवस्था खुद संभालने जा रहा है. उत्तराखंड सरकार को केंद्र का पत्र मिल चुका है. बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सुरक्षा और सहयोग के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 सुरक्षाकर्मियों की मांग की है.

Banbasa check post
बनबसा चेक पोस्ट पर बदलेगी व्यवस्था (Photo- Uttarakhand Police)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 2, 2024, 8:30 AM IST

देहरादून: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने नेपाल बॉर्डर पर स्थित उत्तराखंड पुलिस के बनबसा चेकपोस्ट को लेकर बड़ा निर्णय लिया है. दरअसल गृह मंत्रालय बनबसा चेक पोस्ट की सुरक्षा और इसकी इमीग्रेशन व्यवस्था को अपने हाथों में लेने जा रहा है. इसके लिए गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड शासन को पत्र लिखकर पुलिस कर्मियों की डिमांड की है, ताकि बॉर्डर चेक पोस्ट पर इमीग्रेशन की व्यवस्था को बेहतर किया जा सके.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथों में जाएगी बनबसा चेक पोस्ट: बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट पर अब भारत सरकार का गृह मंत्रालय सुरक्षा और इमीग्रेशन की व्यवस्थाओं का काम देखेगा. गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड शासन को लिखे पत्र में इस बात को स्पष्ट किया है. दरअसल 2 अप्रैल को गृह मंत्रालय के अंतर्गत ब्यूरो आफ इमीग्रेशन और लैंड स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (LPAI) के अधिकारियों ने बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट का निरीक्षण किया था. इस दौरान चेक पोस्ट पर सुरक्षा के लिहाज से इमीग्रेशन व्यवस्थाओं को अपूर्ण पाया गया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट बनबसा को अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया है.

सुरक्षा के दृष्टिगत इमीग्रेशन की व्यवस्था: उत्तराखंड गृह विभाग को इससे संबंधित पत्र प्राप्त हुआ है, जिसे सचिव गृह स्तर से विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल को भेजा गया है. खबर है कि इस पत्र में न केवल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट बनबसा में संयुक्त निरीक्षण की बात कही गई है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिगत इमीग्रेशन की व्यवस्था को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने अपने हाथों में लेने की भी बात कही है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगे 15 पुलिसकर्मी: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इसके लिए उत्तराखंड शासन को सुरक्षा और इमीग्रेशन व्यवस्था के मद्देनजर 15 पुलिसकर्मियों की भी डिमांड की है. इसमें एक सब इंस्पेक्टर, एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 6 हेड कांस्टेबल और 7 कांस्टेबल पद के कर्मचारियों की डिमांड की गई है. इन कर्मचारियों को बतौर प्रति नियुक्ति पर मांगा गया है. पुलिस कर्मियों की यह प्रतिनियुक्ति अधिकतम 7 साल तक की हो सकती है.

ये होंगे भत्ते और अतिरिक्त वेतन: इस पत्र में प्रतिनियुक्ति के लिए मांगे गए कर्मियों के भत्ते और अतिरिक्त वेतन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यहां तैनात होने वाले कर्मियों को मूल वेतन का 20% विशेष सुरक्षा भत्ता दिया जाएगा. इतना ही नहीं हॉस्टल सब्सिडी के रूप में 81,000 सालाना भी मिलेगा. 27,000 रुपए चिल्ड्रन्स एजुकेशन अलाउंस के रूप में भी दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त वर्दी भत्ते के रूप में ₹10,000 भी दिए जाएंगे.

अब तक बनबसा चेक पोस्ट पर SSB के साथ उत्तराखंड पुलिस के भी जवान सुरक्षा के साथ इमीग्रेशन की व्यवस्था देख रहे हैं. यहां 24 घंटे 5 से 6 उत्तराखंड पुलिस के जवान मौजूद रहते हैं. इस दौरान यहां से आवाजाही करने वाले लोगों पर निगरानी और चेकिंग का काम इनके द्वारा देखा जाता है. इस चैकपोस्ट से काफी संख्या में लोगों गुजरते हैं, इसलिए और अधिक संख्या में सुरक्षा की जरूरत महसूस की गई है. साथ ही इमीग्रेशन की व्यवस्था में सुधार करने के लिए भी गृह विभाग इसे अधिग्रहित करना चाहता है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथों में जाएगी बनबसा चेक पोस्ट: बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट पर अब भारत सरकार का गृह मंत्रालय सुरक्षा और इमीग्रेशन की व्यवस्थाओं का काम देखेगा. गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड शासन को लिखे पत्र में इस बात को स्पष्ट किया है. दरअसल 2 अप्रैल को गृह मंत्रालय के अंतर्गत ब्यूरो आफ इमीग्रेशन और लैंड स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (LPAI) के अधिकारियों ने बनबसा अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट का निरीक्षण किया था. इस दौरान चेक पोस्ट पर सुरक्षा के लिहाज से इमीग्रेशन व्यवस्थाओं को अपूर्ण पाया गया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय चेक पोस्ट बनबसा को अपने हाथों में लेने का निर्णय लिया है.

सुरक्षा के दृष्टिगत इमीग्रेशन की व्यवस्था: उत्तराखंड गृह विभाग को इससे संबंधित पत्र प्राप्त हुआ है, जिसे सचिव गृह स्तर से विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल को भेजा गया है. खबर है कि इस पत्र में न केवल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर चेक पोस्ट बनबसा में संयुक्त निरीक्षण की बात कही गई है, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिगत इमीग्रेशन की व्यवस्था को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने अपने हाथों में लेने की भी बात कही है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगे 15 पुलिसकर्मी: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इसके लिए उत्तराखंड शासन को सुरक्षा और इमीग्रेशन व्यवस्था के मद्देनजर 15 पुलिसकर्मियों की भी डिमांड की है. इसमें एक सब इंस्पेक्टर, एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 6 हेड कांस्टेबल और 7 कांस्टेबल पद के कर्मचारियों की डिमांड की गई है. इन कर्मचारियों को बतौर प्रति नियुक्ति पर मांगा गया है. पुलिस कर्मियों की यह प्रतिनियुक्ति अधिकतम 7 साल तक की हो सकती है.

ये होंगे भत्ते और अतिरिक्त वेतन: इस पत्र में प्रतिनियुक्ति के लिए मांगे गए कर्मियों के भत्ते और अतिरिक्त वेतन को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यहां तैनात होने वाले कर्मियों को मूल वेतन का 20% विशेष सुरक्षा भत्ता दिया जाएगा. इतना ही नहीं हॉस्टल सब्सिडी के रूप में 81,000 सालाना भी मिलेगा. 27,000 रुपए चिल्ड्रन्स एजुकेशन अलाउंस के रूप में भी दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त वर्दी भत्ते के रूप में ₹10,000 भी दिए जाएंगे.

अब तक बनबसा चेक पोस्ट पर SSB के साथ उत्तराखंड पुलिस के भी जवान सुरक्षा के साथ इमीग्रेशन की व्यवस्था देख रहे हैं. यहां 24 घंटे 5 से 6 उत्तराखंड पुलिस के जवान मौजूद रहते हैं. इस दौरान यहां से आवाजाही करने वाले लोगों पर निगरानी और चेकिंग का काम इनके द्वारा देखा जाता है. इस चैकपोस्ट से काफी संख्या में लोगों गुजरते हैं, इसलिए और अधिक संख्या में सुरक्षा की जरूरत महसूस की गई है. साथ ही इमीग्रेशन की व्यवस्था में सुधार करने के लिए भी गृह विभाग इसे अधिग्रहित करना चाहता है.
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