उमरिया: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व यूं तो बाघों की दहाड़ के लिए जाना जाता है. हाथियों के नए रहवास के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. अब बारहसिंघा को भी बांधवगढ़ काफी पसंद आ गया है, ऐसे में अब यहां तितलियों का भी एक अनोखा संसार मिला है. जिसमें से कुछ तो बहुत ही दुर्लभ प्रजाति की हैं.
तितलियों की मिलीं 100 से ज्यादा प्रजातियां
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं कि "बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पहली बार तितलियों का सर्वे किया गया है. 2 दिनों तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगलों में तितलियों का सर्वे किया गया. देश के अलग-अलग हिस्सों से आए तितलियों के एक्सपर्ट ने जंगलों में घूम-घूम कर सर्वे कार्य किया. हालांकि अभी एग्जैक्ट डाटा इसे नहीं कहा जा सकता है क्योंकि जो तितलियों का सर्वे हुआ है उसमें ऑनलाइन सीट और ऑफलाइन सीट का कंप्लीशन होना बाकी है, लेकिन जो मोटा-मोटा आंकड़ा आया है उसमें 100 से ज्यादा प्रजातियां तितलियों की पाई गई हैं, जिसमें से कुछ ऐसी है जो बहुत ही रेयर और एंडेंजर्ड हैं जो कि यहां पर बहुत ही रेयरली मिलती हैं और हर जगह आसानी से नहीं मिलती हैं, बहुत कम देखी जाती हैं."
तितलियों की ये हैं दुर्लभ प्रजातियां
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा कहते हैं कि "जो दुर्लभ प्रजातियां तितलियों की मिली हैं, उसमें कॉमन रेड आई, ब्लैक राजा, फॉरगेट मी नॉट, किंग क्रो, इंडियन डॉट शामिल हैं. ये तितलियों की ऐसी दुर्लभ प्रजातियां हैं जो आसानी से कहीं पर भी नहीं मिलती हैं. ये बहुत ही रेयर जगह पर पाई जाती हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उनके लिए एक अच्छा एटमॉस्फेयर है और यहां सर्वे के दौरान ये पाई गई हैं. जो कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए खुशी की बात है, साथ ही जो तितली के एक्सपर्ट थे उनके लिए भी एक बड़ी उपलब्धि थी."
1500 वर्ग किलोमीटर में हुआ सर्वे
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा बताते हैं कि "तितलियों का यहां पहली बार सर्वे किया गया है. बांधवगढ़ में ये पूरे 1500 वर्ग किलोमीटर एरिया में किया गया है. बांधवगढ़ में 9 रेंज हैं, कोर और बफर मिलाकर के सभी में इनका सर्वे किया गया है. देश के अलग-अलग हिस्सों नोएडा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक से तितलियों के 60 एक्सपर्ट आए थे और उनकी 20 टीम बनाई गई थी."
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सर्वे का ये है मकसद
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं कि "जानकारी के साथ-साथ सर्वे कराने का हमारा मुख्य उद्देश्य है कि यहां लोगों के बीच में तितलियों के इस अनोखे संसार को लेकर भी अवेयरनेस क्रिएट हो. तितलियों को लेकर लोगों को एजुकेट करना भी हमारा मकसद है, इनके बारे में जानकारी मिले कि हमारे इकोसिस्टम में तितलियां भी एक महत्वपूर्ण योगदान करती हैं और बांधवगढ़ में उनका भी एक अनोखा संसार है.