उज्जैन। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा 'राधा रानी' को लेकर दिए गए बयान पर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बयान को लेकर सोमवार को मथुरा में ब्रज के संतों व लोगों के द्वारा एक महापंचायत आयोजित की गई. इस बैठक में प्रदीप मिश्रा से चार दिनों के अंदर मांफी मांगने के लिए कहा गया. साथ ही अगर प्रदीप मिश्रा के द्वारा माफी नहीं मांगी जाती तो ब्रज मंडल में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी जायेगी. अब प्रदीप मिश्रा के इसी बयान को लेकर उज्जैन के सांदीपनि आश्रम के वंशज रूपम व्यास ने माफी मांगने को कहा है.
महापंयायत में लिया गया ये फैसला
कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ बरसाना में सोमवार को महापंचायत का आयोजन हुआ. बरसाना के मान मंदिर में पद्मश्री संत रमेश बाबा की अध्यक्षता में यह महापंचायत हुई. सैकड़ों की संख्या में लोगों ने महापंचायत में भाग लिया. इस दौरान ब्रज के प्रमुख मंदिरों के गोस्वामी और महंत मौजूद रहे. प्रदीप मिश्रा के खिलाफ एक सप्ताह से अधिक समय से ब्रज में विरोध हो रहा है. करीब एक हफ्ता व्यतीत होने के बावजूद कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने माफी नहीं मांगी है. महापंचायत में निर्णय लिया गया कि प्रदीप मिश्रा को ब्रज की सीमा में घुसने नहीं दिया जाएगा, जब तक वह ब्रज में आकर सभी लोगों से माफी नहीं मांग लेते हैं. साधु संतों ने प्रदीप मिश्रा को चार दिन का और समय दिया है कहा है कि अगर वह 4 दिन में ब्रज में आकर माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें ब्रज के 84 कोस में भागवत कथा नहीं करने दिया जाएगा.
'...मैं आपकी जिंदगी भर गुलामी करूंगा'
वहीं, इस मामले को लेकर उज्जैन के सांदीपनि आश्रम के वंशज रूपम व्यास ने कहा कि "तथाकथित कथावाचकों के द्वारा आजकल भगवान का निरंतर अपमान किया जा रहा है. राधा मां को राधा-राधा करके बोला जा रहा है. राधे मां भगवान कृष्ण के कण-कण में वास करती हैं. आप कैसे बोल सकते हैं कि राधा मां बरसाने में सालभर में एक बार जाती हैं. राधा मां बरसाने के कण-कण में वास करती हैं."
रूपम व्यास ने आगे कहा कि "मैं प्रदीप मिश्रा को चैलेंज करना चाहता हूं कि आपने किस पुराण के माध्यम से ये सब कुछ कहा है. किस पुराण के सहारे आप मां राधा का अपमान कर रहे हैं और कहां इस प्रकार ये सब लिखा हुआ है. मैं आपको चैलेंज करता हूं, अगर आप मुझे बता देंगे तो मैं आपकी जिंदगी भर गुलामी करूंगा. इस दौरान रूपम व्यास ने प्रेमानंद महराज का समर्थन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो हम कोर्ट का सहारा लेंगे."
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पंडित प्रदीप मिश्रा ने दिया था ये बयान
दरअसल, हाल ही में ओंकारेश्वर में अपने प्रवचन के दौरान प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि "राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. राधा जी का विवाह छाता में हुआ था. राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं. बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी. जहां वह साल भर में एक बार आती थीं. बस इसी बयान को लेकर अब उनका विरोध किया जा रहा है."