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UCC मुस्लिम लड़कियों के लिए बनेगा सुरक्षा कवच, जानें कैसे - uniform civil code

Uttarakhand uniform civil code उत्तराखंड विधानसभा सत्र का दूसरा दिन पूरी देवभूमि और देश के लिए अहम है, क्योंकि आज वो घड़ी आई है, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को सदन के पटल पर रख दिया है. खास बात ये है कि यूसीसी विधेयक 2024 मुस्लिम लड़कियों के लिए सुरक्षा कवच बनने वाला है. जानें कैसे...

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 4:08 PM IST

Updated : Feb 6, 2024, 5:15 PM IST

UCC मुस्लिम लड़कियों के लिए बनेगा सुरक्षा कवच

देहरादून: उत्तराखंड और पूरे देश का आखिरकार अब इंतजार खत्म हो गया है, क्योंकि विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को सदन के पटल पर रख दिया है. अभी सदन में यूसीसी पर चर्चा जारी है. इसी बीच 'जय श्री राम', वंदे मातरम्, और भारत माता की जयकारों से पूरा सदन गूंज उठा. चारों तरफ तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगी.

यूसीसी मुस्लिम लड़कियों के लिए सुरक्षा कवच: बता दें कि यूसीसी में बेटियों की सुरक्षा को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है. जिसके तहत हिंदू-मुस्लिम समेत सभी धर्मों की लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल रखी गई है. साथ ही सभी धर्मों की लड़कियों को उनके पिता की संपत्ति से भाई के बराबर संपत्ति मिलने का अधिकार मिलेगा. इसके अलावा फारसी समुदाय में पहले तलाक के बाद 2 साल का समय दिया जाता था, लेकिन अब उस अवधि को कम करके 6 माह कर दिया गया है. साथ ही यूसीसी में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को तलाक के बाद उनको भरण-पोषण देने का प्रावधान भी किया गया है.

भाजपा के चुनावीं घोषणा पत्र में शामिल था यूसीसी: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना भाजपा के चुनावीं घोषणा पत्र में शामिल था. यही वजह कि 23 मार्च 2022 को धामी सरकार के गठन के बाद हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने की मंजूरी दी गई थी. साथ ही मंत्रिमंडल ने यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करने का निर्णय लिया था. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया. यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति में पांच सदस्यों को शामिल किया गया था.

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यूसीसी मुस्लिम लड़कियों के लिए सुरक्षा कवच: बता दें कि यूसीसी में बेटियों की सुरक्षा को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है. जिसके तहत हिंदू-मुस्लिम समेत सभी धर्मों की लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल रखी गई है. साथ ही सभी धर्मों की लड़कियों को उनके पिता की संपत्ति से भाई के बराबर संपत्ति मिलने का अधिकार मिलेगा. इसके अलावा फारसी समुदाय में पहले तलाक के बाद 2 साल का समय दिया जाता था, लेकिन अब उस अवधि को कम करके 6 माह कर दिया गया है. साथ ही यूसीसी में मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को तलाक के बाद उनको भरण-पोषण देने का प्रावधान भी किया गया है.

भाजपा के चुनावीं घोषणा पत्र में शामिल था यूसीसी: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना भाजपा के चुनावीं घोषणा पत्र में शामिल था. यही वजह कि 23 मार्च 2022 को धामी सरकार के गठन के बाद हुई पहली मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने की मंजूरी दी गई थी. साथ ही मंत्रिमंडल ने यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करने का निर्णय लिया था. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया. यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति में पांच सदस्यों को शामिल किया गया था.

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Last Updated : Feb 6, 2024, 5:15 PM IST
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