कोंडागांव: मर्दापाल थाना इलाके में सक्रिय दो हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों ने कहा कि वो अब शांति के रास्ते पर चलना चाहते हैं. सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली मुठभेड़ सहित कई नक्सली वारदातों में शामिल रहे थे. पुलिस ने कहा है कि बस्तर में लगातार नक्सलियों पर आत्मसमर्पण के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है. बड़ी संख्या में नक्सली सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर बंदूक का रास्ता छोड़ रहे हैं. सरकार की भी कोशिश है कि नक्सली हथियार छोड़ शांति के रास्ते पर अब आगे बढ़ें.
बस्तर में चल रहा नक्सल विरोधी अभियान: पूरे बस्तर में इन दिनों नक्सल विरोधी अभियान चल रहा है. सुरक्षा बल के जवान जहां घने जंगलों में एरिया डोमिनेशन के लिए जा रहे हैं वहीं सर्चिंग भी लगातार जारी है. जंगल के जिन इलाकों में जहां कभी नक्सलियों का गढ़ होता था वहां आज जवानों के कैंप बन चुके हैं. जंगल में जवानों की बढ़ती संख्या और नक्सलियों के कम होते मददगार अब जवानों का हौसला बढ़ा रहे हैं. पुलिस एक ओर जहां नक्सलियों के खिलाफ अभियान को तेज कर रही, दूसरी ओर नक्सलियों के पुनर्वास की भी कोशिशों को तेज किया जा रहा है. जवानों को अब इन दोनों ही मोर्चों पर बड़ी सफलता मिल रही है.
सरेंडर करने वाले नक्सली: जिन दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया उसमें सोनू उर्फ घसिया कश्यप और घिना शामिल हैं. पुलिस की ओर से सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों को 25 पच्चीस हजार की मदद राशि तुरंत दी गई. एएसपी सतीश भार्गव ने बताया कि सरकार की ओर से जो भी सुविधाएं इनको मिलनी है उसे दिलाई जाएगी. शासन की ओर से जो नक्सलियों के पुनर्वास की योजना चलाई गई हैं उसका बड़ा फायदा मिलना अब शुरु हो गया है.