दंतेवाड़ा: लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलियों को करारा धक्का सरकार की लोन वर्राटू योजना ने दिया है. चुनाव से एन पहले दंतेवाड़ा में 26 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कई इनामी नक्सली भी शामिल हैं. समर्पण करने वाले सभी 26 नक्सली बस्तर के अलग अलग थाना क्षेत्रों में एक्टिव थे. सरेंडर करने वाले ज्यादातर नक्सलियों पर हत्या, लूट और आगजनी सहित कई वारदातों में शामिल होने का आरोप है. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण करना सरकार के लिए बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है.
26 हार्डकोर नक्सलियों ने किया सरेंडर: एक साथ 26 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से बस्तर में माओवाद विचारधारा को बड़ा धक्का लगा है. दंतेवाड़ा सहित पूरे बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. नक्सल विरोधी अभियान से बस्तर के नक्सली डरे और सहमे हैं. सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों को लोन वर्राटू अभियान के तहत घर वापसी कराई जाए. सरकार के इस अभियान को बड़ी सफलता भी मिल रही है.
जोगा मुचाकी हार्डकोर नक्सली है. जोगा भाकपा माओवादी के कोराजगुड़ा पंचायत जनता सरकार का प्रमुख था. जोगा पर एक लाख का इनाम था. सभी नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ जवानों के सामने आत्मसमर्पण किया. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली दक्षिण बस्तर के किस्टाराम, भैरमगढ़, मलंगीर और कलेटकल्याण क्षेत्र में सक्रिय थे. पुलिस की लोन वर्राटू अभियान के तहत सभी को पुनर्वास की सुविधा से जोड़ा जाएगा. जिन नक्सलियों ने हथियार डाले हैं उसमें पांच महिलाएं शामिल हैं. दो लड़कियां और एक लड़का है, तीनों की उम्र 17 साल के आस पास है. पकड़े गए नक्सली बंद के दौरान सड़कें खोदने, पेड़ काटकर रास्त रोकने, नक्सली बैनर पोस्टर लगाकर इलाके में दहशत फैलाने का भी काम करते थे. लोन वर्राटू अभियान के तहत अबतक 717 नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं. हथियार छोड़ सरेंडर करने वाले 717 नक्सलियों में से 176 नक्सली ऐसे हैं जिनपर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था. - गौरव राय, एसपी, दंतेवाड़ा
लोन वर्राटू अभियान को मिली बड़ी सफलता: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को लोन वर्राटू अभियान के तहत पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को वो तमाम सुविधाएं भी दी जाएंगी जिससे कि वो आगे जीवन आम लोगों की तरह बिता सकें. 13 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में कहा था कि आने वाले पांच सालों में पूरे बस्तर से नक्सलवाद का अंत हो जाएगा. नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में नक्सली या तो ढेर हो रहे हैं या फिर आत्मसमर्पण कर रहे हैं. सभी नक्सलियों ने डीआरजी दफ्तर में आत्मसमर्पण किया.
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम
- जोगा मुचाकी
- वेको देवा
- मुया कोवासी
- जग्गू वेट्टी
- कुमारी बिमला कुंजाम
- सुरेश कुमार कड़ियाम
- कुमारी जोगी मण्डावी
- नंदे माड़वी
- मासे वेट्टी
- कुमारी जोगी माड़वी
- महादेव उर्फ जटेल पोयामी
- श्याम लाल उर्फ दूला भास्कर
- भूनेष कड़ती
- शंकर लाल लेकाम
- बुधराम नेगी
- सोमलू उर्फ सोमू पोटाम
- सन्नू माड़वी
- मासो माड़वी
- मंगो माड़वी
- पाण्डू माड़वी
- हड़मा ताती
- नंदा उर्फ वार्रे रव्वा
- सुद्दू कड़ती
- श्याम लाल कड़ियाम
- हुंगा माड़वी