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पूरे कर्नाटक में लागू हुई ई-चालान व्यवस्था, 100 फीसदी पेपरलेस प्रक्रिया

e challan instead of receipt in Karnataka : ट्रैफिक जुर्माने के लिए रसीद चालान कर्नाटक में बीते समय की बात हो गई है. राज्य यातायात पुलिस विभाग ने पूरे कर्नाटक में ई-चालान ट्रैफिक जुर्माना प्रणाली शुरू की. ऐसा करके यह जुर्माना वसूलने के मामले में 100% पेपरलेस होने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

e-challan instead of receipt
ई-चालान व्यवस्था
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 9, 2024, 4:27 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक में यातायात उल्लंघन पर जुर्माना (Traffic fine in karnataka) रसीद लिखने की व्यवस्था को पुलिस विभाग ने अलविदा कह दिया. ई-चालान प्रणाली बुधवार को शुरू की गई और इसे पूरे राज्य में लागू किया गया है. कर्नाटक इस प्रणाली को पूरी तरह से लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है.

ई-चालान प्रणाली क्या है?: ई-चालान एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें यातायात उल्लंघन का जिक्र और जुर्माना का विवरण होता है. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को जुर्माना लगाने के लिए एक विशिष्ट स्वाइपिंग डिवाइस दी गई है. यातायात उल्लंघन के लिए जब ई-चालान के माध्यम से चालान प्राप्त होता है, तो यह पुलिस विभाग के सर्वर में भी दर्ज होता है. इससे रिश्वत लेकर रसीद को रद्द करना (फाड़ना) संभव नहीं है. यह कागज रहित हो जाएगा और यातायात प्रबंधन को डिजिटल बनाने और पारदर्शिता लागू करने के काम को कम कर देगा.

फिलहाल राज्य पुलिस विभाग ने इस सिस्टम के लिए एसबीआई बैंक के साथ समझौता किया है. वाहन चालकों द्वारा भुगतान की गई राशि सीधे विभाग के आधिकारिक खाते में जमा की जाएगी.

इस प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, राज्य भर के 722 कानून व्यवस्था स्टेशनों और 64 यातायात स्टेशनों के पुलिस कर्मियों को 1,766 ई-चालान मशीनें जारी की गई हैं. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले मोटर चालक यूपीआई, डेबिट कार्ड और नकद भुगतान सहित विभिन्न तरीकों से जुर्माना भर सकते हैं.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि 'बेंगलुरु में ई-चालान सिस्टम पहले से ही सफल है. अब यही व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है. बिना हेलमेट वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने समेत विभिन्न अपराधों के खिलाफ ट्रैफिक अमला विशेष अभियान चलाएगा तो वाहन चालकों से ई-चालान के जरिए जुर्माना वसूला जाएगा. वाहन चालकों के पास वस्तुतः जुर्माना भरने के लिए सात दिन का समय होगा.'

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और यातायात एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार ने कहा, ई-चालान प्रणाली लागू होने से पारदर्शिता और प्रबंधन भी डिजिटल हो जाएगा. इससे पुलिस कर्मचारियों का काम भी कम हो जाता है. बेंगलुरु में वाहन चालकों के लिए इस बारे में जानकारी है. अब यही व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है.'

जुर्माना वसूलने घर आएगी पुलिस: उधर, बेंगलुरु में लगातार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को पुलिस विभाग ने झटका दिया है. अब से, बेंगलुरु सिटी ट्रैफिक पुलिस ऐसे मोटर चालकों से जुर्माना वसूलने के लिए उनके दरवाजे पर आएगी. बेंगलुरु में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जिन लोगों पर पचास हजार से ज्यादा का जुर्माना है, उनके घर जाकर ट्रैफिक पुलिस ने जुर्माना भरने का काम शुरू कर दिया है.

यातायात विभाग के संयुक्त आयुक्त एम एन अनुचेथ ने कहा, 'पिछले दस दिनों से शहर में ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई शुरू हो गई है. मालूम हो कि बेंगलुरु में 2,681 गाड़ियों पर 50,000 से ज्यादा का जुर्माना है. ट्रैफिक पुलिस पहले ही कई वाहन चालकों के घर जाकर जुर्माना वसूलना शुरू कर चुकी है. कई मामलों में वाहनों के मालिकों ने जुर्माना चुकाए बिना ही उन्हें दूसरों को बेच दिया है. ऐसे लोगों को समय दिया गया है. अगर अगले कुछ दिनों में जुर्माना नहीं भरा गया तो अदालत में कानूनी आरोप दायर किया जाएगा.'

अनुचेथ ने कहा, 'छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, एक बाइक में दो से तीन बच्चों को स्कूली बच्चे के रूप में ले जाना सही नहीं है. सुरक्षित भी नहीं. यहां तक ​​कि जब स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया तो पाया गया कि हर वाहन में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाया जा रहा था.'

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बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल

बेंगलुरु: कर्नाटक में यातायात उल्लंघन पर जुर्माना (Traffic fine in karnataka) रसीद लिखने की व्यवस्था को पुलिस विभाग ने अलविदा कह दिया. ई-चालान प्रणाली बुधवार को शुरू की गई और इसे पूरे राज्य में लागू किया गया है. कर्नाटक इस प्रणाली को पूरी तरह से लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है.

ई-चालान प्रणाली क्या है?: ई-चालान एक डिजिटल दस्तावेज़ है जिसमें यातायात उल्लंघन का जिक्र और जुर्माना का विवरण होता है. ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को जुर्माना लगाने के लिए एक विशिष्ट स्वाइपिंग डिवाइस दी गई है. यातायात उल्लंघन के लिए जब ई-चालान के माध्यम से चालान प्राप्त होता है, तो यह पुलिस विभाग के सर्वर में भी दर्ज होता है. इससे रिश्वत लेकर रसीद को रद्द करना (फाड़ना) संभव नहीं है. यह कागज रहित हो जाएगा और यातायात प्रबंधन को डिजिटल बनाने और पारदर्शिता लागू करने के काम को कम कर देगा.

फिलहाल राज्य पुलिस विभाग ने इस सिस्टम के लिए एसबीआई बैंक के साथ समझौता किया है. वाहन चालकों द्वारा भुगतान की गई राशि सीधे विभाग के आधिकारिक खाते में जमा की जाएगी.

इस प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, राज्य भर के 722 कानून व्यवस्था स्टेशनों और 64 यातायात स्टेशनों के पुलिस कर्मियों को 1,766 ई-चालान मशीनें जारी की गई हैं. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले मोटर चालक यूपीआई, डेबिट कार्ड और नकद भुगतान सहित विभिन्न तरीकों से जुर्माना भर सकते हैं.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि 'बेंगलुरु में ई-चालान सिस्टम पहले से ही सफल है. अब यही व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है. बिना हेलमेट वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने समेत विभिन्न अपराधों के खिलाफ ट्रैफिक अमला विशेष अभियान चलाएगा तो वाहन चालकों से ई-चालान के जरिए जुर्माना वसूला जाएगा. वाहन चालकों के पास वस्तुतः जुर्माना भरने के लिए सात दिन का समय होगा.'

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और यातायात एवं सड़क सुरक्षा आयुक्त आलोक कुमार ने कहा, ई-चालान प्रणाली लागू होने से पारदर्शिता और प्रबंधन भी डिजिटल हो जाएगा. इससे पुलिस कर्मचारियों का काम भी कम हो जाता है. बेंगलुरु में वाहन चालकों के लिए इस बारे में जानकारी है. अब यही व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है.'

जुर्माना वसूलने घर आएगी पुलिस: उधर, बेंगलुरु में लगातार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को पुलिस विभाग ने झटका दिया है. अब से, बेंगलुरु सिटी ट्रैफिक पुलिस ऐसे मोटर चालकों से जुर्माना वसूलने के लिए उनके दरवाजे पर आएगी. बेंगलुरु में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जिन लोगों पर पचास हजार से ज्यादा का जुर्माना है, उनके घर जाकर ट्रैफिक पुलिस ने जुर्माना भरने का काम शुरू कर दिया है.

यातायात विभाग के संयुक्त आयुक्त एम एन अनुचेथ ने कहा, 'पिछले दस दिनों से शहर में ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई शुरू हो गई है. मालूम हो कि बेंगलुरु में 2,681 गाड़ियों पर 50,000 से ज्यादा का जुर्माना है. ट्रैफिक पुलिस पहले ही कई वाहन चालकों के घर जाकर जुर्माना वसूलना शुरू कर चुकी है. कई मामलों में वाहनों के मालिकों ने जुर्माना चुकाए बिना ही उन्हें दूसरों को बेच दिया है. ऐसे लोगों को समय दिया गया है. अगर अगले कुछ दिनों में जुर्माना नहीं भरा गया तो अदालत में कानूनी आरोप दायर किया जाएगा.'

अनुचेथ ने कहा, 'छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हेलमेट पहनने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, एक बाइक में दो से तीन बच्चों को स्कूली बच्चे के रूप में ले जाना सही नहीं है. सुरक्षित भी नहीं. यहां तक ​​कि जब स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया गया तो पाया गया कि हर वाहन में क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाया जा रहा था.'

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