नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और राज निवास एक बार फिर आमने-सामने है. शनिवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उसके कुछ घंटे बाद जेल महानिदेशक ने एक फेक्ट फाइडिंग रिपोर्ट उप-राज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी है, जिसमें AAP के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है.
तथ्यात्मक रिपोर्ट में जेल प्रशासन ने आम आदमी पार्टी पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया गया है. साथ ही केजरीवाल को डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए इन्सुलिन नहीं देने के आरोपों का भी पूरी तरह से खंडन किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल के शुगर लेवल के बारे में AAP की ओर से भ्रामक और डर पैदा करने वाला नैरेटिव सेट किया जा रहा है.
रिपोर्ट में तेलंगाना स्थित प्राइवेट क्लीनिक का जिक्र भी किया गया है, जिसकी तरफ से केजरीवाल का कथित तौर पर ट्रीटमेंट करने की बात सामने आई है. इसका हवाला देते हुए खुलासा किया गया है कि तेलंगाना के डॉक्टर की सलाह पर केजरीवाल इंसुलिन-रिवर्सल प्रोग्राम पर थे. डॉक्टर ने केजरीवाल की गिरफ्तारी से बहुत पहले इंसुलिन की खुराक बंद कर दी थी.
बता दें, आबकारी नीति को तैयार करने और उसको लागू कराने में कथित तौर पर 'साउथ लॉबी' की अहम भूमिका थी. अब उनकी गिरफ्तारी के आसपास के पूरे प्रकरण में तेलंगाना क्लीनिक की एंट्री के खुलासे ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.
रिपोर्ट में किया आरोपों का खंडन
- तेलंगाना स्थित एक निजी डॉक्टर ने कुछ माह पहले अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन देना बंद करा दिया था. गिरफ्तारी के वक्त वह सिर्फ बेसिक एंटी डायबिटीज ओरल मेडिसिन टैबलेट ले रहे थे.
- मेडिकल चेकअप के दौरान केजरीवाल ने डॉक्टरों को बताया कि वह पिछले कुछ सालों तक इंसुलिन ले रहे थे. लेकिन कुछ महीने पहले कथित तौर पर तेलंगाना के डॉक्टर ने इंसुलिन देना बंद कर दिया था.
- आरएमएल अस्पताल से उपलब्ध एमएलसी रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल को न तो किसी इंसुलिन की सलाह दी गई थी और न ही उसकी आवश्यकता बताई गई थी. 10 अप्रैल और 15 अप्रैल, 2024 को मेडिसिन स्पेशलिस्ट की ओर से केजरीवाल का रिव्यू किया गया था. इसमें ओरल एंटी डायबिटीक ड्रग्स/मेडिसिन की सलाह दी गई थी.
- केजरीवाल की जांच करने के बाद मेडिसिन स्पेशलिस्ट ने यह भी कहा कि न्यायिक हिरासत में रहने के बाद से यूटीपी (केजरीवाल) के सभी मापदंडों और महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए उनका ब्लड शुगर लेवल चिंताजनक नहीं रहा है. फिलहाल इंसुलिन देने की आवश्यकता नहीं है.
- खासतौर पर तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से एम्स को लिखा गया था कि केजरीवाल एक नियमित तौर पर मिठाई, लड्डू, केले, आम, फलों की चाट, तला हुआ भोजन, नमकीन, भुजिया, मीठी चाय, पूड़ी-आलू, अचार और अन्य उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थों जैसे उच्च चीनी वाले फूड आइटम का सेवन कर रहे हैं. इसके चलते उनके (केजरीवाल) लिए एक डायट प्लान की जरूरत महसूस की गई थी.
तिहाड़ की रिपोर्ट पर AAP का बयान
"तिहाड़ की रिपोर्ट से भाजपा की साजिश दिख गई है. कोई भी डॉक्टर बता देगा 300 शुगर लेवल खतरनाक होता है. भाजपा के कहने पर केजरीवाल को जेल में मारने की साजिश चल रही है. CM केजरीवाल को इन्सुलिन देने में जेल प्रशासन को क्यों दिक्कत है? 12 साल से वह इन्सुलिन ले रहे हैं. जेल जाने से पहले 50 यूनिट इन्सुलिन रोज लेते थे." - आतिशी, AAP नेता व मंत्री
डायट प्लान में इन सभी चीजों की सख्ती से थी मनाही
- तला हुआ भोजन जैसे पूड़ी, पराठा, समोसा, पकौड़ा, नमकीन, भुजिया, अचार, पापड़ आदि.
- मिठाई, केक, जैम, चॉकलेट, चीनी, गुड़, शहद, आइसक्रीम.
- आम, केला, चीकू, लीची, अंगूर आदि फल.
- सब्जियां जैसे आलू, अरबी आदि.
- घी, अंडे की जर्दी, मक्खन, फुल क्रीम दूध, आदि.
- मेज पर नमक
बता दें, सीएम केजरीवाल को अपने भोजन में प्रति दिन केवल 20 मिलीलीटर तेल का ही सेवन करने की अनुमति है. तिहाड़ जेल ने कहा है कि सरकारी सर्कुलर के मुताबिक, किसी भी प्राइवेट अस्पताल में रेफर नहीं किया जा सकता, जैसा कि सीएम केजरीवाल की तरफ से लगातार मांग की जा रही है.