भुवनेश्वर: पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडर में कोई गुप्त सुरंग या कक्ष नहीं है. प्रारंभिक अध्ययनों से इस बात की जानकारी मिली है. कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि, नए साल से भगवान के रत्नों की गिनती शुरू की जाएगी और सरकार 7 दिनों में रिपोर्ट प्रकाशित करेगी.
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि,प्रारंभिक अध्ययनों में पाया गया है कि भंडार के अंदर कोई गुप्त सुरंग या आश्रय नहीं है. उन्होंने बताया कि, इसको लेकर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण की रिपोर्ट जल्द ही आएगी. उन्होंने कहा कि, यह स्पष्ट है कि, रत्न भंडार के अंदर एक दरार आ गई है, जिसे जल्द ही मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है. मंत्री ने बताया कि, राज्य सरकार इन सब विषयों को लेकर अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने जोर देकर कहा कि, यह स्पष्ट है कि, वहां दरारें हैं, लेकिन कोई सुरंग या उस तरह की रहस्यमयी चीज नहीं. मंत्री ने आगे कहा कि, कार्तिक मास को देखते हुए यहां जगन्नाथ मंदिर में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ है. कार्तिक पुर्णिमा के बाद एएसआई भंडार की मरम्मत का काम शुरू करेगा और उसके कुछ समय बाद रत्नों की गिनती शुरू होगी.
महाप्रसाद की तैयारी और मंदिर में दीप जलाने के लिए OMFED से मिले घी का उपयोग
बता दें कि, तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबरों के बाद ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर ने घोषणा की थी कि, महाप्रसाद की तैयारी और मंदिर में दीप जलाने के लिए केवल ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ ओमफेड (OMFED) से मिले घी का उपयोग किया जाएगा. वहीं बाहर से किसी अन्य ब्रांड का घी लाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है.
बता दें कि, आंध्र प्रदेश के तिरुपति बाला मंदिर के प्रसाद के घी में मिलवाट की शिकायत के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल देखा गया था. जिसके बाद श्री जगन्नाथ मंदिर में अब से ओमफेड घी का उपयोग किए जाने का निर्णय लिया गया था.
ये भी पढ़ें: पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवकों ने PM मोदी को लिखा पत्र, महाप्रसाद को लेकर रखा यह प्रस्ताव