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नीतीश के जाने के बाद हरकत में आई कांग्रेस, पीडीपी-एनसी के साथ जल्द डील करेगी पक्का

Lok Sabha polls : लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस के नेता फरवरी के पहले सप्ताह में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं से बातचीत करेंगे. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट... Jammu and Kashmir

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 29, 2024, 6:47 PM IST

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए जम्मू कश्मीर में क्षेत्रीय दलों पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस के गठबंधन करने की उम्मीद है. इस बारे में जम्मू कश्मीर के प्रभारी एआईसीसी महासचिव भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी 2 फरवरी को जम्मू में स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेगी. इस दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति सहयोगी पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करेगी.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पीडीपी और एनसी दोनों के नेताओं के साथ पूर्व में हुई बातचीत उत्साहजनक रही है और और औपचारिक बैठक के तुरंत बाद सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसी क्रम में एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सोलंकी ने व्यक्तिगत रूप से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की है और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला के तीर्थयात्रा से लौटने के बाद जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे.

बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने से पहले एकीकृत राज्य में लोकसभा सीटों की कुल संख्या छह थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनान में बीजेपी और एनसी ने तीन-तीन सीटें जीती थीं. हालांकि सोलंकी ने गठबंधन में कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस को जम्मू कश्मीर की कुल पांट सीटों औस लद्दाख सीट में से दो या तीन सीटें मिल सकती हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि सीट-बंटवारे की बातचीत का नतीजा सहयोगियों की औपचारिक बैठक के बाद पता चलेगा, हम लद्दाख सहित सभी सीटों पर जमीन तैयार कर रहे हैं.

अभियान के हिस्से के रूप में, कांग्रेस दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है. सोलंकी ने कहा कि मैंने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेशों में यात्रा करते हुए पांच दिन बिताए हैं. हम बूथ स्तर पर पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. हम 2 फरवरी को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद राज्य और ब्लॉक स्तर के नेताओं का सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं. हाल ही में, कांग्रेस और एनसी गठबंधन ने अक्टूबर 2023 में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (कारगिल) चुनावों में कुल 26 सीटों में से 22 सीटें जीती थीं. परिषद में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से चार नामांकित हैं. महत्वपूर्ण चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस ने 12 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस ने 10 सीटें जीती थीं, जो अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद क्षेत्र में हुए पहले चुनाव थे.

पीडीपी ने स्थानीय चुनाव नहीं लड़ा था और नेकां का समर्थन किया था. कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के लिए उसी साल सितंबर में राहुल की एक सप्ताह की लद्दाख यात्रा को श्रेय दिया था. गौरतलब है कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस का एक साथ आना राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद देखा गया था, जो 30 जनवरी, 2023 को श्रीनगर में समाप्त हुई थी. वहीं मुफ्ती और अब्दुल्ला दोनों केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए थे. जम्मू कश्मीर की पूर्व प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि 2022 में पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के बाहर जाने से कांग्रेस को नुकसान हुआ था, लेकिन जो नेता चले गए थे वे फिर से पुरानी पार्टी में लौट आए हैं.

ये भी पढ़ें - बंगाल और बिहार में झटके के बीच यूपी में सपा से गठबंधन को उम्मीद की किरण मान रही कांग्रेस

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए जम्मू कश्मीर में क्षेत्रीय दलों पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के साथ कांग्रेस के गठबंधन करने की उम्मीद है. इस बारे में जम्मू कश्मीर के प्रभारी एआईसीसी महासचिव भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी 2 फरवरी को जम्मू में स्थानीय नेताओं से मुलाकात करेगी. इस दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति सहयोगी पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत करेगी.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पीडीपी और एनसी दोनों के नेताओं के साथ पूर्व में हुई बातचीत उत्साहजनक रही है और और औपचारिक बैठक के तुरंत बाद सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसी क्रम में एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सोलंकी ने व्यक्तिगत रूप से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की है और एनसी नेता उमर अब्दुल्ला के तीर्थयात्रा से लौटने के बाद जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे.

बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने से पहले एकीकृत राज्य में लोकसभा सीटों की कुल संख्या छह थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनान में बीजेपी और एनसी ने तीन-तीन सीटें जीती थीं. हालांकि सोलंकी ने गठबंधन में कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की संख्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस को जम्मू कश्मीर की कुल पांट सीटों औस लद्दाख सीट में से दो या तीन सीटें मिल सकती हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि सीट-बंटवारे की बातचीत का नतीजा सहयोगियों की औपचारिक बैठक के बाद पता चलेगा, हम लद्दाख सहित सभी सीटों पर जमीन तैयार कर रहे हैं.

अभियान के हिस्से के रूप में, कांग्रेस दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है. सोलंकी ने कहा कि मैंने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेशों में यात्रा करते हुए पांच दिन बिताए हैं. हम बूथ स्तर पर पार्टी को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. हम 2 फरवरी को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद राज्य और ब्लॉक स्तर के नेताओं का सम्मेलन आयोजित करने जा रहे हैं. हाल ही में, कांग्रेस और एनसी गठबंधन ने अक्टूबर 2023 में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (कारगिल) चुनावों में कुल 26 सीटों में से 22 सीटें जीती थीं. परिषद में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से चार नामांकित हैं. महत्वपूर्ण चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस ने 12 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस ने 10 सीटें जीती थीं, जो अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद क्षेत्र में हुए पहले चुनाव थे.

पीडीपी ने स्थानीय चुनाव नहीं लड़ा था और नेकां का समर्थन किया था. कांग्रेस ने चुनाव परिणाम के लिए उसी साल सितंबर में राहुल की एक सप्ताह की लद्दाख यात्रा को श्रेय दिया था. गौरतलब है कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस का एक साथ आना राहुल गांधी की पहली भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद देखा गया था, जो 30 जनवरी, 2023 को श्रीनगर में समाप्त हुई थी. वहीं मुफ्ती और अब्दुल्ला दोनों केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए थे. जम्मू कश्मीर की पूर्व प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि 2022 में पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद के बाहर जाने से कांग्रेस को नुकसान हुआ था, लेकिन जो नेता चले गए थे वे फिर से पुरानी पार्टी में लौट आए हैं.

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