हैदराबाद: राज्य में सनसनी मचा रहा फोन टैपिंग का मामला धीरे-धीरे चुनावी पैसे के बंटवारे की ओर मुड़ता जा रहा है. फोन टैपिंग के संदिग्धों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने एक प्रमुख पार्टी की ओर से पुलिस वाहनों में बड़ी मात्रा में धनराशि स्थानांतरित की है. संभावना है कि पुलिस जल्द ही कुछ राजनीतिक नेताओं को नोटिस जारी करेगी. मालूम हो कि इसमें विधायक भी हो सकते हैं जो पिछले विधानसभा चुनाव में जीते हैं. अगर ऐसा हुआ तो फोन टैपिंग की घटना राजनीतिक तौर पर और सनसनीखेज हो जाएगी.
कानूनी मुद्दों पर चर्चा: मालूम हो कि फोन टैपिंग मामले की चल रही जांच के तहत हवाला कांड सामने आया था. पुलिस को पता चला कि प्रणीत राव के गिरोह ने जन प्रतिनिधियों और कई हवाला कारोबारियों के फोन की जासूसी की थी. खासकर हाल ही में संपन्न चुनावों के दौरान पुलिस को कुछ पार्टियों के नेताओं, सहकर्मियों और समर्थकों पर शक था. इसके चलते उनके फोन पर नजर रखी जा रही थी.
विशेष रूप से यह विश्वसनीय जानकारी है कि संदिग्धों में से एक ने जांच अधिकारियों को बताया कि उन्होंने जो कुछ भी हुआ था उसे छिपा दिया था. जबकि प्रणीत राव और अन्य लोगों ने फोन पर नजर रखी, उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर यह पाया गया कि टास्क फोर्स के डीसीपी के रूप में काम करने वाले राधाकिशन राव ने फील्ड स्तर पर वितरित किए जा रहे पैसे को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उसी समय, यह पाया गया कि एक अन्य अधिकारी ने एक प्रमुख पार्टी के उम्मीदवारों को धन वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बख्तरबंद पुलिस वाहनों में राज्य भर में बड़ी मात्रा में धन पहुंचाया.
ऐसा लगता है कि जांच के दौरान किसने किसको पैसे दिये हैं इसकी भी जानकारी दी गयी है. उन सभी लोगों को नोटिस दिया जा सकता है और उन मामलों की पुष्टि के लिए उनसे पूछताछ की जा सकती है जिनके बारे में माना जाता है कि उन्हें धन प्राप्त हुआ है. खबर है कि इसमें पूर्व मंत्री स्तर के लोग भी हैं. इस संबंध में पता चला है कि जांच अधिकारी कानूनी मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं और आरोपियों के बयानों के आधार पर सभी संदिग्धों को बुलाने और पूछताछ करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं. वरिष्ठों की मानें तो दो से तीन दिन के अंदर नोटिस की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है.
व्यवसायी की शिकायत: एक बिजनेसमैन रविवार को बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन आया और जांच टीम से मिलकर कहा कि उसे फोन टैपिंग से धमकी दी गई है. बताया जा रहा है कि मौजूदा मामले में एक आरोपी ने शिकायत की है कि उसके फोन के वॉयस रिकॉर्ड दिखाने पर उसे धमकी दी गई है. बताया गया है कि वह यह जानना चाहता था कि पड़ोसी राज्य में उसके दोस्त के साथ उसकी बातचीत की वॉयस रिकॉर्डिंग आरोपियों के पास कैसे चली गई.