पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने वकील के माध्यम से नीरज कुमार को लीगल नोटिस भेजा है. इस नोटिस में कहा गया है कि तेजस्वी यादव देश के प्रमुख युवा नेताओं में से एक हैं. इनकी लोकप्रियता पूरे देश में है. इन्हों बिहार में महागठबंधन की सरकार के छोटे कार्यकाल में नौकरी देने का काम किया. जिससे युवाओं में उनकी लोकप्रियता बढ़ी है.
12 करोड़ का लीगल नोटिस : नोटिस में कहा गया है कि नीरज कुमार ने जो तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया है, इससे उनकी छवि धूमिल हुई है. लीगल नोटिस में कहा गया है कि 10 दिनों के अंदर नीरज कुमार इस आरोप की पुष्टि करें. नहीं तो हर्जाने के रूप में उन्हें 10 करोड़ रुपए भरने होंगे. AKJ लॉ असोसिएशन के द्वारा तेजस्वी यादव ने नीरज कुमार को लीगल नोटिस भेजा है. इस नोटिस में 18 पॉइंट का नोटिस भेजा है.
''जो सच्चाई उसे बयान करना चाहिए लेकिन ये लोग झूठ की राजनीति, बदनाम करने की साजिश, नाकारात्मक राजनीति करते हैं. अगर कोई कहता है कि मैं सैलरी घोटाला करता हूं तो उसे हम लीगल नोटिस क्यों नहीं भेजें. अगर बाकायदा कोई जवाब नहीं आएगा तो हम उनको कोर्ट तक लेकर जाएंगे.''- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
नीरज कुमार अपने आरोप पर कायम : तेजस्वी यादव के लीगल नोटिस पर जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में कहा कि अभी यह शुरुआत है. अभी आरोप का वर्षापात होने वाला है. दिवंगत सुशील कुमार मोदी ने लालू लीला लिखा था, उनको ठग ग्रंथ लिखना पड़ेगा. नीरज कुमार ने बताया कि ''मैं तेजस्वी यादव के ऊपर लगाए गए आरोप पर कायम हूं. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में भी जाना पड़ेगा तो मैं जाउंगा.''
क्या है आरोप? : नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सैलरी घोटाला का आरोप लगाया था. मीडिया से बातचीत करते हुए नीरज कुमार ने कहा था कि तेजस्वी यादव ने एफिडेविट में अपनी सैलरी 11812.50 रुपए क्यों बताया? जबकि विधायक और विधान पार्षदों की बेसिक सैलरी ही 40000 से अधिक होती है.
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