चाईबासा: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ घेराबंदी करते हुए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है इसी कड़ी में पश्चिम सिंहभूम, चाईबासा पुलिस के समक्ष सारंडा के बीहड़ से भाकपा माओवादी संगठन के 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें दो महिला नक्सली और एक नाबालिग शामिल हैं. झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड, रांची के निर्देशन में झारखंड पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर एवं अन्य केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी गई.
सरेंडर करने वाले भाकपा माओवादी के नक्सलियों के नाम
- प्रधान कोड़ा उर्फ देवेन कोड़ा (45)
- चंद्रमोहन उर्फ चंद्रो अंगारिया उर्फ रोशन (29)
- पगला गोप उर्फ घासीराम गोप (49)
- विजय बोयपाई उर्फ अमन बोयपाई (23)
- गंगा राम पुरती उर्फ मोटरा पुरती (19)
- बोयो कोड़ा (46)
- जोगेन कोड़ा (44)
- पेलोंग कोड़ा उर्फ नीशा कोड़ा (19)
- सोनू चांपिया (19)
- रामजा पुरती उर्फ डुगूद पुरती (49)
- सोहन सिंह हेम्ब्रम उर्फ सीनू (24)
- डोरन चांपिया उर्फ गोलमाय (23)
- सुशील उर्फ मोगा चांपिया (50)
- मनी चांपिया (40)
अब तक भाकपा माओवादी सहित अन्य प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े ईनामी नक्सली कमांडरों से लेकर दस्ता सदस्य झारखंड पुलिस एवं केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के समक्ष आत्म समर्पण कर चुके हैं. भाकपा माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन एवं पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश के कारण कई नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं.
"भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का कभी यह विचारधारा की लड़ाई नहीं रही है. यह मात्र लेवी वसूलना और हत्याएं कर लोगों में अपना भाई कायम करना उद्देश्य रहा है. संगठन में भी लोगों का शोषण किया जाता है. झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 15 माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं." मनोज रतन चौथे, डीआईजी कोल्हान
झारखंड राज्य को नक्सल मुक्त करने, सुदूर गांवों की जनता में सुरक्षा की भावना जगाने और विकास कार्यो को सुचारु रुप से चलाने के लिए महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखण्ड रांची के निर्देशन में हर एक जिले में जिला बल, सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर की सहायता से नक्सलियों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही नक्सलियों के लिए आत्म समर्पण नीति के फायदों को भी विभिन्न माध्यमों से नक्सलियों तक पहुंचाने की कोशिश लगातार की जा रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिला अन्तर्गत कोल्हान एवं सारंडा क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों से प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के ERB (Eastern Regional Bureau) का संचालन केन्द्रीय समिति सदस्य मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी उर्फ अनल, असीम मंडल, सुशांत उर्फ अनमोल, मेहनत उर्फ मोछू अजय महतो उर्फ बुधराम, पिन्टु लोहरा, अश्विन, कांडे होनहागा एवं सागेन अंगरिया के नेतृत्व में किया जा रहा है. इनके द्वारा विगत वर्षों में इस क्षेत्र में अनेक विध्वंसक घटना को अंजाम दिया गया है. इनके विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा एवं सीआरपीएफ की संयुक्त बलों का अभियान दल गठित कर लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है.
"पिछले दो वर्षों से भाकपा माओवादियों के विरुद्ध सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था. उसके फलस्वरूप यह सफलता मिली है, जिसके डर से और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है." आशुतोष शेखर, पुलिस अधीक्षक
2022-23 में 161 नक्सली गिरफ्तार, 11 आत्मसमर्पण, 375 विस्फोटक हुए बरामद: -
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर के मुताबिक पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिलान्तर्गत वर्ष 2022 से लगातार संचालित अभियान के फलस्वरूप वर्ष 2022 से अबतक कुल 161 नक्सलियों को गिरफ्तारी कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. वर्ष 2022 एवं 2023 में कुल 11 नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया एवं भारी मात्रा में कुल 375 विस्फोटक, हथियार, कारतूस एवं अन्य दैनिक उपयोग की सामान बरामद किया गया है.
नक्सलियों का स्थाई कैम्प ERB मुख्यालय, 08-10 अस्थायी कैम्प एवं 15 बंकर ध्वस्त किए गए हैं. चाईबासा जिलान्तर्गत उग्रवादी गतिविधि पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्र में आम जन के मन में उपजे सुरक्षा भाव को संधारित बनाये रखने के लिए कुल 16 नये सुरक्षा कैम्पों का भी अधिष्ठापन किया गया है.
इस कड़ी में भाकपा माओवादी संगठन के विरूद्ध संयुक्त बलों के द्वारा लगातार संचालित नक्सल विरोधी अभियान, संगठन के आंतरिक शोषण से क्षुब्ध होकर एवं प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के केन्द्रीय कमेटी सदस्य मिसिर बेसरा उर्फ सागर जी और पतिराम मांझी उर्फ अनल दा की टीम के सक्रिय एवं मारक दस्ता के सदस्य, कोल्हान तथा सारंडा के सुदूर जंगल-पहाड़ी क्षेत्रों के चप्पे-चप्पे की जानकारी रखनेवाले सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है.
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