दिल्ली: बुधवार (6 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई की. इन मामलों को गंभीरता से सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को जमकर फटकार लगाई. पहला मामला यूपी में तोड़फोड़ से जुड़ा था. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की खिंचाई की. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड मेडिकल कॉलेज को फीस बकाया होने पर रोके गए दस्तावेज जारी करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कई छात्रों को इसका लाभ मिलेगा.
बता दें चीफ जस्टिस डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. पीठ में न्यायमूर्ति जेबी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे. मामला देहरादून के श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज कॉलेज से जुड़ा था. यहां एमबीबीएस कोर्स और इंटर्नशिप पूरी करने वाले छात्रों पर बकाया था. आरोप है कि जिसके कारण उनके दस्तावेज जारी नहीं किये जा रहे थे.
जिसके बाद इन छात्रों ने कॉलेज के इस फैसले को चुनौती थी. वे इस मामले में लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. जिसमें छात्रों ने कहा मूल दस्तावेज न होने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण वे कहीं काम नहीं कर पा रहे हैं. जिससे वे घर पर बैठने को मजबूर हैं. इसके अलावा बिना डॉक्यूमेंट के वे NEET-PG की काउंसलिंग में भी भाग नहीं ले सकते हैं.
इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में भी मुकदमा दर्ज है. इसके साथ ही शुल्क वृद्धि से जुड़ी याचिका भी नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित है. छात्रों के वकील की ओर से दी गई दलीलों से संतुष्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में छात्रों के हक में फैसला लिया. सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों के मूल डॉक्यूमेंट जारी करने के आदेश दिये.
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