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आबकारी नीति मामला: SC के जज ने बिजनेसमैन की याचिका पर सुनवाई से खुद को किया अलग - SC recuses hearing

Excise policy case sc judge recuses hearing: दिल्ली शराब नीति धन शोधन मामले में हैदराबाद के एक आरोपी की जमानत याचिका के मामले में एक नया मोड़ आया है. मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने खुद को इसकी सुनवाई से अलग कर लिया.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 12:35 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने दिल्ली शराब नीति धन शोधन मामले में आरोपी हैदराबाद स्थित व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. मामला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था. संजय कुमार द्वारा सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद, संजीव खन्ना ने अगस्त के पहले सप्ताह में याचिका को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगी. 20 मार्च को शीर्ष अदालत ने बोइनपल्ली को पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. बाद में इसे आज तक के लिए बढ़ा दिया गया. अदालत बोइनपल्ली की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मामले में उसकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को भी चुनौती दी है.

प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक बोइनपल्ली के साथ-साथ विजय नायर, शरत रेड्डी, बिनॉय बाबू, अमित अरोड़ा और कई कंपनियों पर आरोप लगाए हैं. ईडी ने आप नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह और बीआरएस नेता के कविता समेत कई राजनीतिक नेताओं को भी गिरफ्तार किया है. मामले में ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई.

लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया. साथ ही सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस एक्सटेंड कर दिया गया. लाभार्थियों ने 'अवैध' लाभ को आरोपी अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिया तथा पकड़े जाने से बचने के लिए अपने खाता बही में गलत जानकारी दर्ज की.

ये भी पढ़ें- ED का SC में हलफनामा, दिल्ली शराब घोटाले में AAP मुख्य लाभार्थी; अपराध की आय का हिस्सा 'गोवा चुनाव' में उपयोग

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने दिल्ली शराब नीति धन शोधन मामले में आरोपी हैदराबाद स्थित व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. मामला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था. संजय कुमार द्वारा सुनवाई से खुद को अलग करने के बाद, संजीव खन्ना ने अगस्त के पहले सप्ताह में याचिका को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगी. 20 मार्च को शीर्ष अदालत ने बोइनपल्ली को पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी. बाद में इसे आज तक के लिए बढ़ा दिया गया. अदालत बोइनपल्ली की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मामले में उसकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को भी चुनौती दी है.

प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक बोइनपल्ली के साथ-साथ विजय नायर, शरत रेड्डी, बिनॉय बाबू, अमित अरोड़ा और कई कंपनियों पर आरोप लगाए हैं. ईडी ने आप नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह और बीआरएस नेता के कविता समेत कई राजनीतिक नेताओं को भी गिरफ्तार किया है. मामले में ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गई.

लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया. साथ ही सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस एक्सटेंड कर दिया गया. लाभार्थियों ने 'अवैध' लाभ को आरोपी अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिया तथा पकड़े जाने से बचने के लिए अपने खाता बही में गलत जानकारी दर्ज की.

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