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MP मेहदी ने अमित शाह से की जम्मू-कश्मीर के कैदियों की रिहाई की मांग - Srinagar MP - SRINAGAR MP

MP Mehdi on Kashmiri Prisoners: श्रीनगर के सांसद सैयद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिखा है. इस लेटर में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के कैदियों की रिहाई का जिक्र किया है. इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी. पढ़ें पूरी खबर...

MP Mehdi on Kashmiri Prisoners
सांसद रूहुल्लाह मेहदी (@RuhullahMehdi)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 3, 2024, 4:57 PM IST

जम्मू कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से सांसद सैयद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने शनिवार को सोशल मीडिया के जरिए एक बड़ी जानकारी दी. सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर के कई कैदियों की लंबे समय से हिरासत में रहने की स्थिति पर कार्रवाई का अनुरोध किया है. बता दें, सैयद आगा ने शुक्रवार को अमित शाह से मुलाकात की थी. उसके एक दिन बाद उन्होंने पोस्ट किया है.

सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि शुक्रवार शाम @HMOIndia से मुलाकात की और उनसे जम्मू-कश्मीर के उन सैकड़ों कैदियों की रिहाई के लिए कहा जो सालों से बिना किसी सुनवाई के जेल में बंद हैं. साथ ही, उन लोगों को भी जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा जो विचाराधीन हैं और अभी तक दोषी नहीं ठहराए गए हैं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने अन्य क्षेत्रों की तुलना में कश्मीर में खराब मौसम की स्थिति और दूरदराज के स्थानों पर बंद, अपने प्रियजनों से मिलने में कैदियों के परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला.

सोशल मीडिया पर पोस्ट के दौरान मेहदी ने गृह मंत्री को सौंपे गए पत्र की एक प्रति भी साझा की, जिसमें बिना किसी सुनवाई के युवा व्यक्तियों को अनुचित तरीके से हिरासत में रखने पर जोर दिया गया था. इसके साथ ही कैरियर और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उनके योगदान को सुविधाजनक बनाने के लिए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई.

उन्होंने पत्र में लिखा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधि के रूप में, मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि घाटी के विभिन्न क्षेत्रों से हमारे कई लोगों को जेल में रखा गया है. उनमें से कई दोषी हैं, विचाराधीन हैं या बिना किसी सुनवाई के हिरासत में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में रखे गए हैं.' उन्होंने आगे लिखा कि मैं आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहूंगा कि बिना किसी सुनवाई के हिरासत में रखे गए अधिकांश कैदी युवा हैं. सरकार की ओर से इन लोगों को उस उम्र में हिरासत में रखना अनुचित है जो उनके करियर और राष्ट्र निर्माण के लिए निर्णायक है.

इसलिए, मेरा मानना ​​है कि उनकी रिहाई जरूरी है और मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कैदियों को बिना किसी सुनवाई के जल्द से जल्द रिहा किया जाए. मेहदी ने कश्मीर में मौसम की अनूठी परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के कश्मीर प्रांत की मौसम की स्थिति देश के बाकी हिस्सों से अलग है. जो कैदी दोषी हैं या विचाराधीन हैं, उन्हें मानवीय आधार पर घाटी में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इन कैदियों के रिश्तेदारों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में उनसे मिलना शारीरिक और आर्थिक रूप से भी कठिन है.

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सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि शुक्रवार शाम @HMOIndia से मुलाकात की और उनसे जम्मू-कश्मीर के उन सैकड़ों कैदियों की रिहाई के लिए कहा जो सालों से बिना किसी सुनवाई के जेल में बंद हैं. साथ ही, उन लोगों को भी जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा जो विचाराधीन हैं और अभी तक दोषी नहीं ठहराए गए हैं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने अन्य क्षेत्रों की तुलना में कश्मीर में खराब मौसम की स्थिति और दूरदराज के स्थानों पर बंद, अपने प्रियजनों से मिलने में कैदियों के परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला.

सोशल मीडिया पर पोस्ट के दौरान मेहदी ने गृह मंत्री को सौंपे गए पत्र की एक प्रति भी साझा की, जिसमें बिना किसी सुनवाई के युवा व्यक्तियों को अनुचित तरीके से हिरासत में रखने पर जोर दिया गया था. इसके साथ ही कैरियर और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उनके योगदान को सुविधाजनक बनाने के लिए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई.

उन्होंने पत्र में लिखा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रतिनिधि के रूप में, मैं आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि घाटी के विभिन्न क्षेत्रों से हमारे कई लोगों को जेल में रखा गया है. उनमें से कई दोषी हैं, विचाराधीन हैं या बिना किसी सुनवाई के हिरासत में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में रखे गए हैं.' उन्होंने आगे लिखा कि मैं आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहूंगा कि बिना किसी सुनवाई के हिरासत में रखे गए अधिकांश कैदी युवा हैं. सरकार की ओर से इन लोगों को उस उम्र में हिरासत में रखना अनुचित है जो उनके करियर और राष्ट्र निर्माण के लिए निर्णायक है.

इसलिए, मेरा मानना ​​है कि उनकी रिहाई जरूरी है और मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कैदियों को बिना किसी सुनवाई के जल्द से जल्द रिहा किया जाए. मेहदी ने कश्मीर में मौसम की अनूठी परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के कश्मीर प्रांत की मौसम की स्थिति देश के बाकी हिस्सों से अलग है. जो कैदी दोषी हैं या विचाराधीन हैं, उन्हें मानवीय आधार पर घाटी में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इन कैदियों के रिश्तेदारों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में उनसे मिलना शारीरिक और आर्थिक रूप से भी कठिन है.

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