श्रीनगर: श्रीनगर की एक अदालत ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने जांच में असहयोग और आरोपों की गंभीरता का हवाला देते हुए श्रीनगर के एक फेसबुक पेज एडमिन मुदासिर अजीज की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. 22 मार्च 2024 को मुदासिर को मामले में जांच अधिकारी के साथ सहयोग करने और बिना अदालत से अनुमति लिए इलाके को नहीं छोड़ने का आदेश देते हुए कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. हालांकि, पुलिस में रिपोर्ट के मुताबिक ,मुदासिर ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया था. उसने पुलिस की जांच में सहयोग नहीं किया. पुलिस ने बताया कि उसे कई बार पुलिस स्टेशन तलब किया गया था, लेकिन वह पुलिस के समझ मौजूद नहीं हुआ. पुलिस ने बताया कि मुदासिर ने जब्त सेल फोन का पासवर्ड भी बताने से इनकार कर दिया. इसके अलावा उस पर आरोप है कि उसने गवाहों को धमकाया, जिससे जांच प्रभावित हुआ. जिसके बाद तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई.
आरोपी मुदासिर की बेल याचिका खारिज
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रैनावाड़ी पुलिस स्टेशन में 2024 की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) संख्या 8 दर्ज करने की पुष्टि करते हुए कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. कार्यवाही के दौरान, अदालत ने मुदासिर के खिलाफ आरोपों की गंभीरता पर ध्यान दिया. कोर्ट ने इस दौरान जांच एजेंसी, शिकायतकर्ता और बड़े पैमाने पर समाज के साथ आवेदक के हितों को संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
अंतरिम जमानत भी रद्द
श्रीनगर अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले के सभी तथ्यों पर गौर करते हुए पाया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता की गरिमा को ठेस पहुंचाया है और जांच में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास भी किया है. कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपी ने अंतरिम जमानत के नियमों, शर्तों का उल्लंघन किया है. जिसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में मुदासिर की जमानत अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने मुदासिर को तीन दिनों के भीतर जांच एजेंसी के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने 22 मार्च 2024 को मुदासिर को दी गई अंतरिम जमानत को भी रद्द कर दिया.
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