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केदारनाथ विवाद : दिल्ली के बाद तेलंगाना में भी बनेगा केदारनाथ मंदिर, किया गया भूमि पूजन, उत्तराखंड कैबिनेट ने लिया कड़ा फैसला - Dakshin Kedarnath Temple in TN

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 18, 2024, 5:22 PM IST

'केदारनाथ', इस नाम को लेकर विवाद नहीं थम रहा है. दिल्ली के बाद तेलंगाना से भी खबर है कि यहां पर दक्षिण केदारनाथ मंदिर बनाया जाएगा. इसको लेकर भूमि पूजन भी किया गया है. इस बीच उत्तराखंड कैबिनेट ने यह फैसला लिया है कि चारधाम समेत प्रमुख मंदिरों के नाम पर अगर कोई ट्रस्ट बनाई जाती है, तो उसे रेगुलेट करने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे.

Bhoomi Pujan of Dakshin Kedarnath Temple in Telangana
तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन (फोटो - ETV Bharat Telangana)
तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन (ETV Bharat Telangana)

मेडचल : तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन समारोह बुधवार को मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का संचालन वाराणसी (काशी) समीर पीठ जगद्गुरु शंकराचार्य, अयोध्या धाम महंती कमल नारायण दास महाराज ने किया.

मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम बुधवार को तेलंगाना के मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में वैदिक विद्वानों के मंत्रोच्चार के बीच उत्तराखंड राज्य के केदारनाथ मंदिर जैसा बनाया गया. इस पूजा कार्यक्रम में वाराणसी के प्रमुख जगद्गुरु शंकराचार्य और अयोध्याधाम के महंत कमल नारायण दासु महाराज ने भाग लिया और विशेष पूजा अर्चना की.

इस अवसर पर आयोजकों ने कहा कि वे तेलंगाना राज्य में केदारनाथ मंदिर का निर्माण करने को लेकर बहुत भाग्यशाली महसूस करते हैं, जो उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि जो कोई भी चारधाम यात्रा पर जाने में असमर्थ है, वह यहां बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर सकता है.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मलकाजीगिरी के सांसद एटाला राजेंद्र, कांग्रेस नेता मैनमपल्ली हनमंथा राव, राम भाटी, जयपाल सिंह और अन्य शामिल हुए. हालांकि इस कार्यक्रम में एक सांप विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुआ. आयोजकों ने बताया कि नागेश्वर स्वयं भूमि पूजन स्थल पर आए और उन्होंने भूमि पूजन को आशीर्वाद दिया.

वहीं दूसरी ओर दिल्ली में भी केदारनाथ मंदिर के निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है, जिसे लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस विचार पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी और कहा था कि दिल्ली में प्रतीकात्मक केदारनाथ धाम नहीं हो सकता. शंकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ हिमालय में है और यह दिल्ली में नहीं हो सकता.

शंकराचार्य ने कहा था कि 'कोई प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं हो सकता... शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है, नाम और स्थान के साथ... जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो यह दिल्ली में कैसे हो सकता है?' अब सवाल यह भी उठ रहा है कि तेलंगाना में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा होगा या नहीं.

तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि-पूजन (ETV Bharat Telangana)

मेडचल : तेलंगाना में दक्षिण केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन समारोह बुधवार को मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का संचालन वाराणसी (काशी) समीर पीठ जगद्गुरु शंकराचार्य, अयोध्या धाम महंती कमल नारायण दास महाराज ने किया.

मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम बुधवार को तेलंगाना के मेडचल मंडल के येल्लमपेट गांव में वैदिक विद्वानों के मंत्रोच्चार के बीच उत्तराखंड राज्य के केदारनाथ मंदिर जैसा बनाया गया. इस पूजा कार्यक्रम में वाराणसी के प्रमुख जगद्गुरु शंकराचार्य और अयोध्याधाम के महंत कमल नारायण दासु महाराज ने भाग लिया और विशेष पूजा अर्चना की.

इस अवसर पर आयोजकों ने कहा कि वे तेलंगाना राज्य में केदारनाथ मंदिर का निर्माण करने को लेकर बहुत भाग्यशाली महसूस करते हैं, जो उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि जो कोई भी चारधाम यात्रा पर जाने में असमर्थ है, वह यहां बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर के दर्शन कर सकता है.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मलकाजीगिरी के सांसद एटाला राजेंद्र, कांग्रेस नेता मैनमपल्ली हनमंथा राव, राम भाटी, जयपाल सिंह और अन्य शामिल हुए. हालांकि इस कार्यक्रम में एक सांप विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुआ. आयोजकों ने बताया कि नागेश्वर स्वयं भूमि पूजन स्थल पर आए और उन्होंने भूमि पूजन को आशीर्वाद दिया.

वहीं दूसरी ओर दिल्ली में भी केदारनाथ मंदिर के निर्माण की योजना पर कार्य चल रहा है, जिसे लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस विचार पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी और कहा था कि दिल्ली में प्रतीकात्मक केदारनाथ धाम नहीं हो सकता. शंकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ हिमालय में है और यह दिल्ली में नहीं हो सकता.

शंकराचार्य ने कहा था कि 'कोई प्रतीकात्मक केदारनाथ नहीं हो सकता... शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख है, नाम और स्थान के साथ... जब केदारनाथ का पता हिमालय में है, तो यह दिल्ली में कैसे हो सकता है?' अब सवाल यह भी उठ रहा है कि तेलंगाना में केदारनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा होगा या नहीं.

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