कोच्चि: केरल के कोच्चि में करुवन्नूर सर्विस कोऑपरेटिव बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में CPM और भी ज्यादा मुश्किल में फंस गई है. प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने शुक्रवार को पार्टी के पोराथिसेरी कार्यालय की जमीन और त्रिशूर जिले में आठ बैंक अकाउंट को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया . ईडी ने मामले में CPM को मुख्य आरोपी बनाया था, क्योंकि जांच में पता चला था कि घोटाले में शामिल धन को पार्टी के बैंक खातों में भेजा गया था.
अटैच की गई संपत्तियों की टोटल मुल्य 29 करोड़ रुपये है. एक सूत्र ने बताया इन संपत्तियों में CPM पोराथिसेरी पार्टी कार्यालय की 5 सेंट जमीन भी शामिल है, जो जिला सचिव एम एम वर्गीस के नाम पर रजिस्टर्ड है. जमीन की रजिस्ट्री कीमत करीब 10 लाख रुपये है. इसके अतिरिक्त, ED ने आठ बैंक खातों में मौजूद तकरीबन 60 लाख रुपये भी जब्त किए हैं.
सेर्स से पता चला कि इनमें करुवन्नूर सर्विस कोऑपरेटिव बैंक में सीपीएम के पांच बैंक खाते, सीपीएम त्रिशूर जिला समिति के दो सावधि जमा खाते और तीन अन्य बैंकों में पार्टी इरिंजालकुडा क्षेत्र समिति का एक बचत खाता शामिल है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा करुवन्नूर सहकारी बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीपीएम को आरोपी बनाए जाने के बाद और गिरफ्तारियों की संभावना बढ़ गई है.
इससे पहले विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि त्रिशूर से सुरेश गोपी की जीत के बाद भाजपा और सीपीएम करुवन्नूर मामले में समझौता करने के लिए सहमत हो गए. सीपीएम अब नए घटनाक्रम के साथ इस दुष्प्रचार का मुकाबला कर रही है. जब्त की गई संपत्ति और खाते सीपीएम जिला सचिव एम.एम. वर्गीस के नाम पर हैं. पार्टी पदाधिकारियों के 8 खाते जब्त किए गए। सीपीएम मानती है कि ईडी की यह दोधारी चाल है.
खबर के मुताबिक, जब्त किए गए बैंक खातों में त्रिशूर जिला समिति के 2 खाते भी शामिल हैं. पोराथिस्सेरी में स्थानीय समिति कार्यालय बनाने के लिए खरीदी गई जमीन भी जब्त की गई. अकेले सीपीएम की 70 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई. सीपीएम के साथ-साथ करुवन्नूर सहकारी बैंक से अवैध रूप से ऋण प्राप्त करने वालों की संपत्ति भी जब्त की गई. ईडी ने सीपीएम के 60 लाख रुपये मूल्य के आठ बैंक खाते भी जब्त किए. सीपीएम का आरोप है कि इसके पीछे केंद्र सरकार की राजनीतिक दुश्मनी है.
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