बेमेतरा: बेरला ब्लॉक के बोरली में बारूद बनाने की फैक्ट्री में शनिवार की सुबह जोरदार धमाका हो गया. जिस वक्त फैक्ट्री में धमाका हुआ उस वक्त वहां पर कई कर्मचारी काम कर रहे थे. हादसे में कर्मचारी की मौत हुई है जबकी 6 कर्चमारी हादसे में बुरी तरह से घायल हुए. घायलों को रायपुर में भर्ती कराया गया है. प्रशासन के मुताबिक फैक्ट्री का संचालन संजय चौधरी नाम का शख्स करता है. संजय चौधरी पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का रहने वाला है.
पूर्व में हुए हादसों से नहीं लिया सबक: बारूद बनाने से लेकर केमिकल बनाने तक की फैक्ट्रियों में कई बार आग लगने और धमाके होने की घटना सामने आ चुकी है. तमाम हादसों को देखने और जानने के बाद भी फैक्ट्री मालिक पूर्व में हुए हादसों से कोई सबक नहीं लेते. देश के अलग अलग हिस्सों में हुए इस तरह के हादसों से अगर समय रहते सबक लिया जाता. प्रशासन का अमला अलर्ट पर रहता तो ऐसे हादसों को रोका जा सकता है.
अब तक के हुए बड़े हादसे
25 मई 2024 (बेमेतरा,छत्तीसगढ़): सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ. हादसे में एक कर्मचारी की मौत हो गई. हादसे में 6 कर्मचारी बुरी तरह से घायल हो गए.
03 अप्रैल 2024(संगारेड्डी,हैदराबाद): दवा बनाने वाले प्लांट के रासायनिक रिएक्टर में धमाका हुआ. प्लांट के डायरेक्टर समेत चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे में 16 लोग गंभीर रुप से घायल हुए.
06 फरवी 2024(हरदा, मध्यप्रदेश): पटाखा फैक्ट्री में काम के दौरान फैक्ट्री में विस्फोट हो गया. हादसे में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. धमाका इतना जोरदार था कि इसकी चपेट में आने भर से 200 लोग घायल हो गए.
31 दिसंबर 2023(पुणे, महाराष्ट्र): शहर के छत्रपति संभाजीनगर में हैंड गल्व्स और जैकेट बनाने वाली फैक्ट्री में आग लगने से 6 मजदूर मर गए. हादसे के वक्त मौके पर मौजूद कई मजदूरों ने छत के रास्ते भागकर अपनी जान बचाई.
17 दिसंबर 2023(नागपुर महाराष्ट्र): विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री में धमाका होने से 9 लोगों की मौत हो गई, मरने वालों में महिलाएं भी शामिल थी.
07 अक्टूबर 2023(बेंगलुरु,कर्नाटक): पटाखा गोदाम और उससे सटे दुकान में आग लगने से 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. हादसे में दुकान का मालिक सहित चार लोग बुरी तरह से झुलस गए.
03 जून 2022(मेरठ, उत्तर प्रदेश): हापुड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान बनाने वाली फैक्ट्री में धमाका हुआ. घटना में 12 लोगों की मौत हो गई जबकी 21 लोग गंभीर रुप से घायल हुए. जांच अधिकारियों ने माना कि यहां बारूद के कण पाए गए हैं.
सुरक्षा मानकों की मॉनिटरिंग जरुरी: देश के अलग अलग हिस्सों में बारूद बनाने वाली फैक्ट्रियों में कई बड़े हादसे हुए हैं. पूर्व में हुए हादसों से अबतक कोई सबक नहीं लिया गया. सबक नहीं लेने के चलते हादसों की संख्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है. जिला प्रशासन अगर समय समय पर इन फैक्ट्रियों का दौरा कर सुरक्षा मानकों की जांच करती रहे तो हादसों को निश्चित तौर पर कम किया जा सकता है.