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कांकेर के जंगलों में एनकाउंटर के बाद सन्नाटा, पेड़ों पर मिले गोलियों के निशान, यहीं 29 नक्सलियों का हुआ खात्मा - Naxal encounter in Chhotebethiya

मंगलवार को छोटेबेठिया के जंगल में भीषण एनकाउंटर के बाद वहां सन्नाटा पसरा है. जंगलों में पेड़ों पर गोलियों के निशान मौजूद हैं. हिदुर और कल्पर गांवों से लगे पहाड़ियों पर खामोशी है. आस पास के गांव वाले और आदिवासी इस एनकाउंटर पर बोलने से हिचक रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा एनकाउंटर है.

SILENCE AFTER NAXAL ENCOUNTER
सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 17, 2024, 9:19 PM IST

कांकेर: कांकेर में मंगलवार को छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर हुआ. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने कुल 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. हिदुर और कल्पर गांवों से लगी पहाड़ियों के बीच जंगल में सुरक्षाबलों ने यह ऑपरेशन चलाया था. बुधवार को इन जंगलों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया. जंगल में पेड़ों पर गोलियों के निशान थे और जमीन पर खून के धब्बे दिखाई दिए.

छोटेबेठिया के आस पास के ग्रामीण बोलने से बच रहे: मीडिया की टीम एनकाउंटर स्थल के आस पास के गांवों का दौरा किया. यहां रहने वाले गांव वाले इस मुठभेड़ पर बोलने से हिचकते दिखे. कई गांववालों ने इस मुठभेड़ के बारे में बताया. ऐसे ही एक ग्रामीण लिंगाराम ने दावा किया कि उसका चचेरा भाई सक्रिय नक्सली सुक्कू मुठभेड़ में मारा गया है. इस बारे में उनके परिवार को बुधवार को पता चला है.

"सुक्कू बचपन से ही प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसे नक्सली गतिविधियों को छोड़ने के लिए कई बार कहा गया. लेकिन वह नहीं माना और माओवादी संगठन से जुड़ा रहा. अभी तक सुक्कू के परिवार वालों ने पुलिस से कोई दावा नहीं किया है.": लिंगाराम, नक्सली सुक्कू का भाई

"मंगलवार दोपहर को कल्पर गांव से सटी एक पहाड़ी से गोलियों की आवाज सुनी": आयातु, ग्रामीण

आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद: आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद है. जिसे भविष्य में गिराया जासकता है. नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी का गढ़ कांकेर का यह इलाका माना जाता है. छोटेबेठिया में पहुंचने के लिए कोटरी नदी को पार करना पड़ता है. यह नदी गर्मी के महीने में सूख जाती है इसलिए इसे इस सीजन में पार करना आसान होता है. यहां के एक अधिकारियों ने दावा किया कि प्रशासन लंबे समय से इस इलाके में पुल बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

छोटेबेठिया में कब शुरू हुआ ऑपरेशन ?: कांकेर के छोटेबेठिया में 15 अप्रैल की देर शाम से सुरक्षाबलों की तरफ से इस ऑपरेशन को लेकर कार्रवाई शुरू की गई. बताया जा रहा है कि करीब 200 की संख्या में फोर्स यहां दाखिल हुई थी और ऑपरेशन को अंजाम दिया. सभी सुरक्षाबल के जवान छोटेबेठिया के आस पास के इलाकों में जुटे और ऑपरेशन के लिए आगे बढ़े.

कितने देर तक चला एनकाउंर: कांकेर पुलिस और बस्तर आईजी ने बताया कि एनकाउंटर मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई. करीब चार घंटे तक दोनों तरफ से गोलीबारी होती रही. इस एनकाउंटर में 15 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. जबकि मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.

विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को बताया सर्जिकल स्ट्राइक: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को सर्जिकल स्ट्राइक बताया. उन्होंने इसके लिए जवानों को बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सफलता है. इसका श्रेय बहादुर सुरक्षा कर्मियों को जाता है.

साल 2024 में अब तक 79 नक्सली ढेर: साल 2024 के शुरुआत से लेकर 16 अप्रैल तक छत्तीसगढ़ में कुल 79 नक्सली मारे गए हैं.

सोर्स: पीटीआई

"छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ यह लड़ाई एक निर्णायक मोड़ पर है": सुंदरराज पी

सीएम विष्णुदेव साय ने कांकेर एनकाउंटर की सफलता को बताया ऐतिहासिक, नक्सलियों को दिया ये ऑफर, 29 नक्सलियों के शव बरामद

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कांकेर: कांकेर में मंगलवार को छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर हुआ. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने कुल 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. हिदुर और कल्पर गांवों से लगी पहाड़ियों के बीच जंगल में सुरक्षाबलों ने यह ऑपरेशन चलाया था. बुधवार को इन जंगलों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया. जंगल में पेड़ों पर गोलियों के निशान थे और जमीन पर खून के धब्बे दिखाई दिए.

छोटेबेठिया के आस पास के ग्रामीण बोलने से बच रहे: मीडिया की टीम एनकाउंटर स्थल के आस पास के गांवों का दौरा किया. यहां रहने वाले गांव वाले इस मुठभेड़ पर बोलने से हिचकते दिखे. कई गांववालों ने इस मुठभेड़ के बारे में बताया. ऐसे ही एक ग्रामीण लिंगाराम ने दावा किया कि उसका चचेरा भाई सक्रिय नक्सली सुक्कू मुठभेड़ में मारा गया है. इस बारे में उनके परिवार को बुधवार को पता चला है.

"सुक्कू बचपन से ही प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसे नक्सली गतिविधियों को छोड़ने के लिए कई बार कहा गया. लेकिन वह नहीं माना और माओवादी संगठन से जुड़ा रहा. अभी तक सुक्कू के परिवार वालों ने पुलिस से कोई दावा नहीं किया है.": लिंगाराम, नक्सली सुक्कू का भाई

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आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद: आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद है. जिसे भविष्य में गिराया जासकता है. नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी का गढ़ कांकेर का यह इलाका माना जाता है. छोटेबेठिया में पहुंचने के लिए कोटरी नदी को पार करना पड़ता है. यह नदी गर्मी के महीने में सूख जाती है इसलिए इसे इस सीजन में पार करना आसान होता है. यहां के एक अधिकारियों ने दावा किया कि प्रशासन लंबे समय से इस इलाके में पुल बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

छोटेबेठिया में कब शुरू हुआ ऑपरेशन ?: कांकेर के छोटेबेठिया में 15 अप्रैल की देर शाम से सुरक्षाबलों की तरफ से इस ऑपरेशन को लेकर कार्रवाई शुरू की गई. बताया जा रहा है कि करीब 200 की संख्या में फोर्स यहां दाखिल हुई थी और ऑपरेशन को अंजाम दिया. सभी सुरक्षाबल के जवान छोटेबेठिया के आस पास के इलाकों में जुटे और ऑपरेशन के लिए आगे बढ़े.

कितने देर तक चला एनकाउंर: कांकेर पुलिस और बस्तर आईजी ने बताया कि एनकाउंटर मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई. करीब चार घंटे तक दोनों तरफ से गोलीबारी होती रही. इस एनकाउंटर में 15 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. जबकि मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.

विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को बताया सर्जिकल स्ट्राइक: डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन को सर्जिकल स्ट्राइक बताया. उन्होंने इसके लिए जवानों को बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सफलता है. इसका श्रेय बहादुर सुरक्षा कर्मियों को जाता है.

साल 2024 में अब तक 79 नक्सली ढेर: साल 2024 के शुरुआत से लेकर 16 अप्रैल तक छत्तीसगढ़ में कुल 79 नक्सली मारे गए हैं.

सोर्स: पीटीआई

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