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Watch : सिक्किम में कई जगह लैंडस्लाइड, 1500 पर्यटक फंसे - Sikkim Flood Situation

Sikkim Flood Situation : सिक्किम में बारिश और बाढ़ के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. कई जगह जमीन खिसकने से संपर्क मार्ग कट गए हैं. भूस्खलन के कारण सिक्किम में कम से कम 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं.

Sikkim Flood Situation
लैंडस्लाइड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 14, 2024, 8:45 PM IST

सिलीगुड़ी : उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम लगातार बारिश से बुरी तरह प्रभावित है, जिसके कारण शुक्रवार सुबह तक कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ. शुक्रवार सुबह उत्तरी और दक्षिणी सिक्किम में ताजा भूस्खलन हुआ. सिक्किम में भूस्खलन से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.

उधर, भूस्खलन के कारण सिक्किम में कम से कम 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं. आम लोगों के साथ-साथ सिक्किम प्रशासन को भी इनकी चिंता है. बताया गया है कि आज सुबह दक्षिण सिक्किम के तुंग में लिंगसे, लिंगे और पेयोंग की मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं.

देखिए वीडियो (ETV Bharat)

इसके अलावा कौखोला और सनटेले इलाकों में भी भूस्खलन हुआ. जिससे उन इलाकों का सिंघथम से पूरा संपर्क बंद हो गया है. पर्यटकों को बचाने के लिए सिक्किम प्रशासन ने पहल की है. लेकिन मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव कार्य रोक दिया गया है. उत्तरी सिक्किम में गुरुवार रात तक 223 मिमी बारिश हुई. दक्षिण सिक्किम में 120 मिमी बारिश हुई है.

सिक्किम प्रशासन पर्यटकों को बचाने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग ढूंढने में जुटा है. प्रशासन सेना से मदद मांगने पर विचार कर रहा है. लेकिन खराब मौसम के कारण एयरलिफ्ट संभव नहीं है.

मदद की दरकार : बताया जा रहा है कि सिक्किम से लाचेन जाने वाली मुख्य सड़क पर बना संगेकेलांग पुल गुरुवार रात क्षतिग्रस्त हो गया. ऐसे में लाचेन और अन्य इलाकों में फंसे पर्यटकों को तुंग चेक पोस्ट पर लाया गया है. लेकिन फिर उन्हें और नीचे नहीं लाया जा सका. वहां से एयरलिफ्टिंग के अलावा पर्यटकों के लिए गंगटोक लौटने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसलिए कहा जा रहा है कि सिक्किम प्रशासन भारतीय सेना से मदद की गुहार लगाने जा रहा है. इस बीच कलिम्पोंग के तीस्ताबाजार, मल्ली की तस्वीर बेहद खराब थी जिसके चलते प्रशासन को सेना से मदद मांगनी पड़ी.

हर घर में नदी का पानी घुस गया है. कहीं-कहीं तो घर के अंदर गाद भी जमा हो गई है. शुक्रवार को कलिम्पोंग, दार्जिलिंग सड़कें बंद कर दी गई हैं. तीस्ताबाजार से होकर दार्जिलिंग जाने वाला रास्ता भी बंद है. छोटी गाड़ियां बिरिकधारा-मोंगपु-सिटोंग-टकदा के माध्यम से चल रही हैं.

ईस्टर्न हिमालयन ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सचिव संदीपन घोष ने कहा, 'वहां 1,500 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं. मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क मार्ग से उन्हें बचाने की कोई संभावना नहीं है. उन्हें बचाने का एकमात्र तरीका एयरलिफ्ट करना है. लेकिन मौसम भी ख़राब है. एयरलिफ्ट संभव नहीं है.'

मौसम अनुकूल नहीं : इस संबंध में भारतीय सेना के कर्नल अंजनकुमार बसुमतारी ने कहा, 'भारतीय सेना ने पर्यटकों को बचाना शुरू कर दिया है. लेकिन सड़क संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है. क्षेत्र के विभिन्न होटलों में ठहरे पर्यटकों ने अगले कुछ दिनों के लिए खाना जमा कर लिया है. सिक्किम सरकार से संपर्क किया जा रहा है. एयरलिफ्टिंग के लिए मौसम अनुकूल नहीं है.'

सिक्किम का असर उत्तर बंगाल में भी महसूस किया जा रहा है. मानसून आने से पहले तीस्ता की भयावह स्थिति खतरे का संकेत देती दिख रही है. मानसून की शुरुआत में तीस्ता को इस तरह उफनाते हुए पहले कभी नहीं देखा गया था.

उत्तर बंगाल में अभी इतनी बारिश भी नहीं हुई है कि तीस्ता इतनी उफन जाए. हालांकि, पर्यावरणविद सिक्किम में मानसून के कारण ही तीस्ता के इतने बढ़ने के पीछे अन्य कारण भी देखते हैं. गंगटोक मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में और बारिश की भविष्यवाणी की है. इसके बाद और अधिक बारिश होने पर स्थिति और खराब होने की आशंका है.

इस बीच, तीस्ता के कारण 29 मील के तीस्ता, मल्ली, गेलखोला समेत कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है. जलस्तर बढ़ने से डुआर्स में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है. खासकर मालबाजार, राजगंज ब्लॉक का बड़ा इलाका अभी से जलमग्न होने लगा है.

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भूस्खलन के कारण सिक्किम में जनजीवन ठप, राष्ट्रीय राजमार्ग-10 बंद

सिलीगुड़ी : उत्तर पूर्वी राज्य सिक्किम लगातार बारिश से बुरी तरह प्रभावित है, जिसके कारण शुक्रवार सुबह तक कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ. शुक्रवार सुबह उत्तरी और दक्षिणी सिक्किम में ताजा भूस्खलन हुआ. सिक्किम में भूस्खलन से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है.

उधर, भूस्खलन के कारण सिक्किम में कम से कम 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं. आम लोगों के साथ-साथ सिक्किम प्रशासन को भी इनकी चिंता है. बताया गया है कि आज सुबह दक्षिण सिक्किम के तुंग में लिंगसे, लिंगे और पेयोंग की मुख्य सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं.

देखिए वीडियो (ETV Bharat)

इसके अलावा कौखोला और सनटेले इलाकों में भी भूस्खलन हुआ. जिससे उन इलाकों का सिंघथम से पूरा संपर्क बंद हो गया है. पर्यटकों को बचाने के लिए सिक्किम प्रशासन ने पहल की है. लेकिन मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव कार्य रोक दिया गया है. उत्तरी सिक्किम में गुरुवार रात तक 223 मिमी बारिश हुई. दक्षिण सिक्किम में 120 मिमी बारिश हुई है.

सिक्किम प्रशासन पर्यटकों को बचाने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग ढूंढने में जुटा है. प्रशासन सेना से मदद मांगने पर विचार कर रहा है. लेकिन खराब मौसम के कारण एयरलिफ्ट संभव नहीं है.

मदद की दरकार : बताया जा रहा है कि सिक्किम से लाचेन जाने वाली मुख्य सड़क पर बना संगेकेलांग पुल गुरुवार रात क्षतिग्रस्त हो गया. ऐसे में लाचेन और अन्य इलाकों में फंसे पर्यटकों को तुंग चेक पोस्ट पर लाया गया है. लेकिन फिर उन्हें और नीचे नहीं लाया जा सका. वहां से एयरलिफ्टिंग के अलावा पर्यटकों के लिए गंगटोक लौटने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. इसलिए कहा जा रहा है कि सिक्किम प्रशासन भारतीय सेना से मदद की गुहार लगाने जा रहा है. इस बीच कलिम्पोंग के तीस्ताबाजार, मल्ली की तस्वीर बेहद खराब थी जिसके चलते प्रशासन को सेना से मदद मांगनी पड़ी.

हर घर में नदी का पानी घुस गया है. कहीं-कहीं तो घर के अंदर गाद भी जमा हो गई है. शुक्रवार को कलिम्पोंग, दार्जिलिंग सड़कें बंद कर दी गई हैं. तीस्ताबाजार से होकर दार्जिलिंग जाने वाला रास्ता भी बंद है. छोटी गाड़ियां बिरिकधारा-मोंगपु-सिटोंग-टकदा के माध्यम से चल रही हैं.

ईस्टर्न हिमालयन ट्रैवल एंड टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सचिव संदीपन घोष ने कहा, 'वहां 1,500 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं. मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण सड़क मार्ग से उन्हें बचाने की कोई संभावना नहीं है. उन्हें बचाने का एकमात्र तरीका एयरलिफ्ट करना है. लेकिन मौसम भी ख़राब है. एयरलिफ्ट संभव नहीं है.'

मौसम अनुकूल नहीं : इस संबंध में भारतीय सेना के कर्नल अंजनकुमार बसुमतारी ने कहा, 'भारतीय सेना ने पर्यटकों को बचाना शुरू कर दिया है. लेकिन सड़क संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है. क्षेत्र के विभिन्न होटलों में ठहरे पर्यटकों ने अगले कुछ दिनों के लिए खाना जमा कर लिया है. सिक्किम सरकार से संपर्क किया जा रहा है. एयरलिफ्टिंग के लिए मौसम अनुकूल नहीं है.'

सिक्किम का असर उत्तर बंगाल में भी महसूस किया जा रहा है. मानसून आने से पहले तीस्ता की भयावह स्थिति खतरे का संकेत देती दिख रही है. मानसून की शुरुआत में तीस्ता को इस तरह उफनाते हुए पहले कभी नहीं देखा गया था.

उत्तर बंगाल में अभी इतनी बारिश भी नहीं हुई है कि तीस्ता इतनी उफन जाए. हालांकि, पर्यावरणविद सिक्किम में मानसून के कारण ही तीस्ता के इतने बढ़ने के पीछे अन्य कारण भी देखते हैं. गंगटोक मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में और बारिश की भविष्यवाणी की है. इसके बाद और अधिक बारिश होने पर स्थिति और खराब होने की आशंका है.

इस बीच, तीस्ता के कारण 29 मील के तीस्ता, मल्ली, गेलखोला समेत कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है. जलस्तर बढ़ने से डुआर्स में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है. खासकर मालबाजार, राजगंज ब्लॉक का बड़ा इलाका अभी से जलमग्न होने लगा है.

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