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आंध्र प्रदेश: बीमार बेटे की बस में मौत, पिता के बिलखने पर लोगों ने की मदद - boy died in bus

Sick boy dies in bus Parents in grief : आंध्र प्रदेश में एक ऐसी घटना सामने आई जिसके बारे में जानकर लोग बहुत दुखी हुए. एक गरीब शख्स बीमार बेटे को बस में ही बैठाकर घर के लिए निकल पड़ा. रास्ते में बेटे ने दम तोड़ दिया. फिर वह बस से उतर कर बेटे के शव के साथ विलाप करने लगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

Child dies in bus - Parents in grief
बेटे की बस में मौत के बाद विलाप करते माता-पिता (ETV Bharat AP Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 5, 2024, 9:43 AM IST

बेटे की बस में मौत बिलखे माता-पिता (ETV Bharat AP Desk)

अरकू: एक गरीब आदिवासी परिवार अपने बीमार बेटे को बचाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर अस्पताल ले गया. बेटे की हालत पहले से ही खराब हो चुकी थी. आखिरी घंटों में वे बच्चे को अपने गृहनगर में रखने के इरादे से आरटीसी बस में अपने गृहनगर के लिए निकला लेकिन दुर्भाग्य से बेटे की रास्ते में ही मौत हो गई. फिर लड़के के माता-पिता के होश उड़ गए. वे शव के साथ बस से उतर गए. उन्हें नहीं पता था कि गांव में क्या करना है. वे सड़क के किनारे बैठकर विलाप करने लगे.

अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के गुडेनकोट्टावीधी मंडल के थिमुलाबंधा गांव के निवासी कोर्रा सुब्बाराव के बेटे कार्तिक (13) को हाल ही में बीमारी के कारण चिंतापल्ली अस्पताल ले जाया गया था. वहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए विशाखापत्तनम केजीएच में शिफ्ट करने की सलाह दी. लड़के को इस महीने की 3 तारीख को विशाखापत्तनम केजीएच में भर्ती कराया गया. उसकी जांच करने वाले डॉक्टरों ने पाया कि वह तीन महीने पहले कुत्ते के काटने के कारण बीमार हुआ था और उसे टीका नहीं लगाया गया था.

माता-पिता ने सोचा कि अपने बेटे को घर ले जाएं क्योंकि उसकी तबीयत पहले से ही खराब थी. रविवार को वे विशाखापत्तनम के अराकू से अपने गृहनगर जाने के लिए बस में सवार हुए. अराकू पहुंचने से पहले रास्ते में ही कार्तिक की मौत हो गई. बच्चे को मृत पाकर माता-पिता बस से उतर गए. वे अपने सबसे छोटे बेटे के शव को गोद में लेकर आरटीसी कॉम्प्लेक्स के रास्ते में सड़क किनारे बैठकर विलाप करने लगे. उनकी दयनीय हालत देखकर स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे की मदद की. मामला अराकू की सांसद तनुजारानी के संज्ञान में आया और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई.

ये भी पढ़ें- महिला को पेड़ से बांध कर पीटा, पुलिस ने दर्ज किया केस, नेता पर लगा आरोप

बेटे की बस में मौत बिलखे माता-पिता (ETV Bharat AP Desk)

अरकू: एक गरीब आदिवासी परिवार अपने बीमार बेटे को बचाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर अस्पताल ले गया. बेटे की हालत पहले से ही खराब हो चुकी थी. आखिरी घंटों में वे बच्चे को अपने गृहनगर में रखने के इरादे से आरटीसी बस में अपने गृहनगर के लिए निकला लेकिन दुर्भाग्य से बेटे की रास्ते में ही मौत हो गई. फिर लड़के के माता-पिता के होश उड़ गए. वे शव के साथ बस से उतर गए. उन्हें नहीं पता था कि गांव में क्या करना है. वे सड़क के किनारे बैठकर विलाप करने लगे.

अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के गुडेनकोट्टावीधी मंडल के थिमुलाबंधा गांव के निवासी कोर्रा सुब्बाराव के बेटे कार्तिक (13) को हाल ही में बीमारी के कारण चिंतापल्ली अस्पताल ले जाया गया था. वहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए विशाखापत्तनम केजीएच में शिफ्ट करने की सलाह दी. लड़के को इस महीने की 3 तारीख को विशाखापत्तनम केजीएच में भर्ती कराया गया. उसकी जांच करने वाले डॉक्टरों ने पाया कि वह तीन महीने पहले कुत्ते के काटने के कारण बीमार हुआ था और उसे टीका नहीं लगाया गया था.

माता-पिता ने सोचा कि अपने बेटे को घर ले जाएं क्योंकि उसकी तबीयत पहले से ही खराब थी. रविवार को वे विशाखापत्तनम के अराकू से अपने गृहनगर जाने के लिए बस में सवार हुए. अराकू पहुंचने से पहले रास्ते में ही कार्तिक की मौत हो गई. बच्चे को मृत पाकर माता-पिता बस से उतर गए. वे अपने सबसे छोटे बेटे के शव को गोद में लेकर आरटीसी कॉम्प्लेक्स के रास्ते में सड़क किनारे बैठकर विलाप करने लगे. उनकी दयनीय हालत देखकर स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे की मदद की. मामला अराकू की सांसद तनुजारानी के संज्ञान में आया और एंबुलेंस की व्यवस्था की गई.

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