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टिकट कटने पर श्रुति चौधरी का छलका दर्द, मंच पर दिखी भावुक, कार्यकर्ता से मांगा रुमाल - Loksabha Election 2024 - LOKSABHA ELECTION 2024

Shruti Choudhry became emotional with Kiran Choudhry : भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस से टिकट ना मिलने के बाद पहली बार किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भिवानी पहुंची. इस दौरान श्रुति चौधरी का टिकट ना मिलने पर दर्द छलकता हुआ नज़र आया और वे काफी ज्यादा इमोशनल नज़र आई. यहां तक कि उन्होंने एक कार्यकर्ता से रुमाल भी मांगा. अब ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर श्रुति चौधरी के पास क्या ऑप्शन बचे हैं.

Shruti Choudhry became emotional with Kiran Choudhry after Congress ticket being cut from Bhiwani Mahendragarh Seat Loksabha Election 2024
टिकट कटने पर श्रुति चौधरी का छलका दर्द
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 27, 2024, 10:22 PM IST

टिकट कटने पर श्रुति चौधरी का दिखा दर्द

भिवानी : हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट की मजबूत दावेदार श्रुति चौधरी को पार्टी ने साइडलाइन करते हुए उनका टिकट काट दिया. टिकट काटने से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी को जो झटका लगा है, उससे साफ है कि पार्टी को उनमें चुनाव जीतने की उम्मीद नज़र नहीं आती. कांग्रेस के भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह को टिकट दिए जाने के बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी शनिवार को भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान श्रुति चौधरी काफी ज्यादा इमोशनल नज़र आई और टिकट ना मिलने को लेकर उनका दर्द छलकता हुआ नज़र आया.

भावुक नज़र आई श्रुति चौधरी : टिकट ना मिलने का दर्द क्या होता है, कोई कांग्रेस नेता श्रुति चौधरी से पूछे. ऐसा इसलिए क्योंकि आज वे कार्यकर्ताओं के बीच काफी ज्यादा भावुक नज़र आई. यहां तक कि उनको कार्यकर्ता से रूमाल तक मांगना पड़ गया. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से वे प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं. सबसे आगे उन्हीं का नाम चल रहा था लेकिन ऐन मौके पर पार्टी ने राव दान सिंह को टिकट दे दिया. इसके बाद आज दोनों किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने का फैसला लिया और मंच से तमाम कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

"संघर्ष करना पड़ता है" : श्रुति चौधरी ने कहा कि जो पार्टी ने फैसला किया है, वे उसके साथ हैं. श्रुति ने कहा कि उन्होंने यहां काम किया है. हालांकि राव दान सिंह के लिए वे जरूर प्रचार करेंगी. टिकट काटे जाने के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे हुआ, उसमें भी वे ऊपर थी. बहुत सारी बातें होती हैं लेकिन पार्टी का फैसला मानना पड़ता है. एक इमोशनल इश्यू है. ये सिर्फ चुनाव नहीं है, बंसीलाल के सामने भी कई बार ऐसे समय आए जब उन्हें भी रोका गया, ऐसे मोड़ आए और लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. यहां के लोग साथ खड़े हैं. वे कार्यकर्ताओं से कहना चाहती हैं कि उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.

लोगों को संघर्ष करना पड़ता है - श्रुति चौधरी

"कौन हावी रहा, क्या चर्चा करें ": किरण चौधरी ने इस दौरान कहा कि भिवानी जिला चौधरी बंसीलाल की पहचान है और उन्होंने श्रुति के साथ यहां बहुत काम किया है. ये उनका इलाका है. उनका घर है. लेकिन पार्टी ने जो फैसला लिया है, वो सिर माथे पर है. जब मीडिया ने हुड्डा गुट के टिकट बंटवारे में हावी रहने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कौन हावी रहा, कौन नहीं रहा, इस पर क्या चर्चा करना.

पार्टी के फैसले के साथ हूं - किरण चौधरी

श्रुति चौधरी और किरण चौधरी को जानिए : आपको बता दें कि श्रुति चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती हैं. उनकी मां किरण चौधरी तोशाम से विधायक हैं और चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं. सुरेंद्र सिंह भी हरियाणा में मंत्री रह चुके हैं. वहीं किरण चौधरी भी हरियाणा में हुड्डा सरकार के दौरान मंत्री रह चुकी हैं. अपने पति के निधन के बाद किरण चौधरी पॉलिटिक्स में आई थीं और तब से वे तोशाम सीट से विधायक हैं.

श्रुति चौधरी के पास क्या ऑप्शन बचे हैं ? : टिकट काटे जाने के बाद श्रुति चौधरी के पास तीन विकल्प हैं. वे निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकती हैं या फिर बीजेपी में शामिल हो सकती हैं या फिर कांग्रेस में ही रहकर विधानसभा चुनाव में कोई जिम्मेदारी मिलने का इंतज़ार कर सकती हैं. आज कार्यकर्ताओं के बीच में वे भगवा रंग के कपड़ों में पहुंची थी जिसकी भी ख़ासी चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि इससे पहले एक बार किरण चौधरी के बीजेपी जॉइन करने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने साफ कहा था कि वे कांग्रेस के साथ ही रहेंगी.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस नेता किरण चौधरी का बीजेपी पर वार, कहा -असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राम मंदिर पर कर रही राजनीति

ये भी पढ़ें : विधानसभा चुनाव में हार से कांग्रेस में हाहाकार, हरियाणा की पूर्व मंत्री ने ईवीएम पर ही उठा दिए सवाल, कहा - बीजेपी सरकार में कुछ भी संभव

ये भी पढ़ें : जनता का नाश करने में तुली है बीजेपी, भिवानी पहुंची किरण चौधरी का बड़ा अटैक, बेरोज़गारी, झूठे वादों, जुमलों में भाजपा को बताया बेमिसाल

टिकट कटने पर श्रुति चौधरी का दिखा दर्द

भिवानी : हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट की मजबूत दावेदार श्रुति चौधरी को पार्टी ने साइडलाइन करते हुए उनका टिकट काट दिया. टिकट काटने से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी को जो झटका लगा है, उससे साफ है कि पार्टी को उनमें चुनाव जीतने की उम्मीद नज़र नहीं आती. कांग्रेस के भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह को टिकट दिए जाने के बाद किरण चौधरी और श्रुति चौधरी शनिवार को भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान श्रुति चौधरी काफी ज्यादा इमोशनल नज़र आई और टिकट ना मिलने को लेकर उनका दर्द छलकता हुआ नज़र आया.

भावुक नज़र आई श्रुति चौधरी : टिकट ना मिलने का दर्द क्या होता है, कोई कांग्रेस नेता श्रुति चौधरी से पूछे. ऐसा इसलिए क्योंकि आज वे कार्यकर्ताओं के बीच काफी ज्यादा भावुक नज़र आई. यहां तक कि उनको कार्यकर्ता से रूमाल तक मांगना पड़ गया. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से वे प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं. सबसे आगे उन्हीं का नाम चल रहा था लेकिन ऐन मौके पर पार्टी ने राव दान सिंह को टिकट दे दिया. इसके बाद आज दोनों किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने भिवानी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने का फैसला लिया और मंच से तमाम कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

"संघर्ष करना पड़ता है" : श्रुति चौधरी ने कहा कि जो पार्टी ने फैसला किया है, वे उसके साथ हैं. श्रुति ने कहा कि उन्होंने यहां काम किया है. हालांकि राव दान सिंह के लिए वे जरूर प्रचार करेंगी. टिकट काटे जाने के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सर्वे हुआ, उसमें भी वे ऊपर थी. बहुत सारी बातें होती हैं लेकिन पार्टी का फैसला मानना पड़ता है. एक इमोशनल इश्यू है. ये सिर्फ चुनाव नहीं है, बंसीलाल के सामने भी कई बार ऐसे समय आए जब उन्हें भी रोका गया, ऐसे मोड़ आए और लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. यहां के लोग साथ खड़े हैं. वे कार्यकर्ताओं से कहना चाहती हैं कि उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.

लोगों को संघर्ष करना पड़ता है - श्रुति चौधरी

"कौन हावी रहा, क्या चर्चा करें ": किरण चौधरी ने इस दौरान कहा कि भिवानी जिला चौधरी बंसीलाल की पहचान है और उन्होंने श्रुति के साथ यहां बहुत काम किया है. ये उनका इलाका है. उनका घर है. लेकिन पार्टी ने जो फैसला लिया है, वो सिर माथे पर है. जब मीडिया ने हुड्डा गुट के टिकट बंटवारे में हावी रहने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कौन हावी रहा, कौन नहीं रहा, इस पर क्या चर्चा करना.

पार्टी के फैसले के साथ हूं - किरण चौधरी

श्रुति चौधरी और किरण चौधरी को जानिए : आपको बता दें कि श्रुति चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती हैं. उनकी मां किरण चौधरी तोशाम से विधायक हैं और चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की पत्नी हैं. सुरेंद्र सिंह भी हरियाणा में मंत्री रह चुके हैं. वहीं किरण चौधरी भी हरियाणा में हुड्डा सरकार के दौरान मंत्री रह चुकी हैं. अपने पति के निधन के बाद किरण चौधरी पॉलिटिक्स में आई थीं और तब से वे तोशाम सीट से विधायक हैं.

श्रुति चौधरी के पास क्या ऑप्शन बचे हैं ? : टिकट काटे जाने के बाद श्रुति चौधरी के पास तीन विकल्प हैं. वे निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकती हैं या फिर बीजेपी में शामिल हो सकती हैं या फिर कांग्रेस में ही रहकर विधानसभा चुनाव में कोई जिम्मेदारी मिलने का इंतज़ार कर सकती हैं. आज कार्यकर्ताओं के बीच में वे भगवा रंग के कपड़ों में पहुंची थी जिसकी भी ख़ासी चर्चा हो रही है. आपको बता दें कि इससे पहले एक बार किरण चौधरी के बीजेपी जॉइन करने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने साफ कहा था कि वे कांग्रेस के साथ ही रहेंगी.

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