मुंबई: कोविड-19 महामारी के दौरान खिचड़ी के वितरण में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में आज एक आरोपी को तलब किया गया है. शिवसेना (यूबीटी) नेता और मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेश होने के लिए समन जारी किया है.
कीर्तिकर ने आज सुबह कहा, 'ईडी ने मुझे बुलाया है और मैं आज एजेंसी के सामने उपस्थित रहूंगा और वे जो भी पूछेंगे, मैं जवाब दूंगा.' कीर्तिकर 29 मार्च के लिए जारी समन पर जांच एजेंसी के समक्ष नहीं पहुंचे. फिर दूसरा समन जारी किया गया. शिवसेना (यूबीटी) ने कीर्तिकर को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा से मैदान में उतारा है. कीर्तिकर के पिता और वरिष्ठ राजनेता गजानन कीर्तिकर अब शिवसेना के एकनाथ शिंदे (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) गुट का हिस्सा हैं और उक्त सीट से मौजूदा सांसद भी हैं.
इस साल 30 जनवरी को शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद संजय राउत के भाई संदीप राउत एक समन के बाद ईडी के सामने पेश हुए. उन्होंने कथित घोटाले को निराधार और 'राजनीति से प्रेरित' बताया. मामले में 18 जनवरी को शिवसेना (यूबीटी) नेता सूरज चव्हाण और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे के एक कथित करीबी सहयोगी को ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था.
चव्हाण पर आरोप है कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों को 'खिचड़ी' के वितरण से जुड़ी एक करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं में शामिल हैं. पिछले साल जून में ईडी ने घोटाले के संबंध में दस्तावेज बरामद किए और सूरज चव्हाण के आवास सहित मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की. ईडी ने आरोप लगाया है कि कुछ राजनेताओं से जुड़े एजेंटों ने प्रभाव का इस्तेमाल करके यह सुनिश्चित किया कि बीएमसी उनके सहयोगियों को खिचड़ी के ठेके दे. यह आरोप लगाया गया कि खिचड़ी आपूर्तिकर्ताओं ने सहमत मात्रा से कम आपूर्ति करके और बढ़े हुए बिल जमा करके बीएमसी को धोखा दिया.