पुणे: ऐसा कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज को आकार देने और उनकी उपलब्धियों को बनाने में उनकी मां का वास्तविक योगदान था. ये बात पूरी दुनिया जानती है. लेकिन कुछ लोग गलत इतिहास बताकर खुश होते हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज की वीर गाथा उनकी मां ने ही रची थी. लेकिन कुछ लोग उनकी मां के योगदान को नजरअंदाज कर उसका श्रेय दूसरों को देने की कोशिश करते हैं.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को पुणे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को बनाने में जिजाऊ माता का ही योगदान था. बता दें कि आलंदी में गीता भागवत कार्यक्रम का आयोजन राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेवगिरी की ओर से किया गया था. इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे.
इस समय उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को बनाने में समर्थ रामदास का योगदान था. ऐसा कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज का कार्य गोविंददेवगिरि महाराज द्वारा किया जा रहा है. इसके बाद समर्थ रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज का गुरु बताए जाने पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया.
मराठा सेवा संघ जगतगुरु तुकाराम महाराज को शिवाजी महाराज का गुरु मानता है. महाराष्ट्र में पहले छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु कौन थे? इस पर कई बार बहस हो चुकी है. भागसिंह कोश्यारी ने यह भी कहा था कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज राज्यपाल के पद पर थे तो उनके गुरु रामदास स्वामी थे.
कुछ इतिहासकारों के अनुसार स्वराज्य अवधारणा और स्वराज्य के निर्माण में समर्थ रामदास स्वामी की कोई भूमिका नहीं थी. छत्रपति शिवाजी महाराज और समर्थ रामदास स्वामी की कभी मुलाकात नहीं हुई. अतः समर्थ रामदास स्वामी छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु नहीं थे.
अजित पवार पर भी बरसे शरद पवार: वहीं शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि पुणे राज्य के विकास के लिए पार्टी छोड़ने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है. साथ ही शरद पवार ने आरोप लगाया है कि बीजेपी द्वारा सत्ता का दुरुपयोग जारी है और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
वह पुणे में पार्टी की एक बैठक में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि वे राज्य के विकास के लिए बीजेपी के साथ गये थे. हालांकि, उनके दावे में कोई सच्चाई नहीं है. कुछ नेताओं से जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं.