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सोने का अंडा देने वाली मुर्गी! 180 अंडे दे बनाएगी लखपति, दमदार स्वाद का है खजाना - SHAHDOL NARMADA NIDHI BREED HEN

मध्य प्रदेश में मुर्गी की नई नर्मदा निधि ब्रीड तैयार. कड़कनाथ और तरंग मुर्गे के क्रास से बनी ब्रीड साल में 180 अंडे देती है. यह देसी मुर्गे से 4 गुना और कड़कनाथ से दोगुना है.

NARMADA NIDHI HEN LAYS 180 EGGS
180 अंडे देने वाली ये मुर्गी बना सकती है लखपति (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 18, 2024, 6:18 PM IST

Updated : Nov 18, 2024, 6:53 PM IST

Narmada Nidhi Breed Hen: अगर आप मुर्गी पालन करते हैं या उसके बारे में सोच रहे हैं, और ऐसी मुर्गी की तलाश में हैं, जो आपके लिए सोना उगले तो आज हम जिस मुर्गी की चर्चा करने जा रहे हैं, वो आपके लिए किसी खजाने से काम नहीं है, क्योंकि यह मुर्गी ₹180 अंडे देती है. अगर इस मुर्गी का पालन सही तरीके से किया जाए तो ये आपको लखपति भी बना सकती है.

180 अंडे देने वाली मुर्गी

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति बताते हैं कि अपने क्षेत्र में सबसे ज्यादा अंडे देने वाली मुर्गी की बात करें तो हमारा ये क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य इलाका है. जिसके चलते अभी भी मुर्गियों की जो पुरानी किस्म जिसे देसी किस्म भी कह सकते हैं, उसका पालन ज्यादा किया जाता है. ये देसी किस्म की मुर्गियां साल भर में लगभग 60 से 80 अंडे देती है, लेकिन अभी जिस नए किस्म की बात कर रहे हैं, उसे नर्मदा निधि कहा जाता है. ये 160 से 180 अंडे सालाना देती है.

कृषि वैज्ञानिक ने बताई मुर्गी की खासियत (ETV Bharat)

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि नर्मदा निधि को नानाजी देशमुख पशु विश्वविद्यालय जबलपुर में विकसित किया गया है. ये जबलपुर के देसी मुर्गे कलर और यहां के नेटिव पक्षी कड़कनाथ के साथ क्रॉस कराने के बाद नर्मदा निधि को विकसित किया गया है. इसमें 25 प्रतिशत कड़कनाथ का कैरेक्टर रहता है. 75 प्रतिशत तक जबलपुर कलर मुर्गी के लक्षण आते हैं. इसमें कड़कनाथ के भी गुण, लक्षण, स्वाद देखने को मिलेंगे. साथ में जबलपुर का जो कलर मुर्गा है. इसका भी स्वाद देखने को मिलेगा.

किसी खजाने से कम नहीं नर्मदा निधि

नर्मदा निधि मुर्गी की बात करें तो यह किसी खजाने से कम नहीं है. अगर आप मुर्गी पालन करना चाहते हैं, तो नर्मदा निधि आपको लखपति भी बना सकती है, क्योंकि ये साल भर में 160 से 180 अंडे तो देती ही है. साथ में इसका वजन भी बहुत तेजी के साथ बढ़ता है. बैकयार्ड पोल्ट्री में इसको रखा जा सकता है. 4 महीने में ही इसका वजन लगभग एक से डेढ़ किलो तक बढ़ जाता है. इसे बहुत फास्ट ग्रोइंग मुर्गी भी कह सकते हैं. इसकी ज्यादा से ज्यादा अंडे देने की क्षमता को देखते हुए कृषक इसका पालन कर सकते हैं, क्योंकि ये आमदनी देने वाली मुर्गी है.'

NARMADA NIDHI POULTRY FARMING
बहुरंगी होती है नर्मदा निधि मुर्गी की कलगी (ETV Bharat)

कौन सी मुर्गी कितने अंडे देती है ?

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति कहते हैं 'कि नर्मदा निधि तो अंडे देने में कमाल की किस्म है ही, इसके अलावा बात करें तो हमारे क्षेत्र में उत्तरा फॉल नाम की मुर्गी का पालन किया जाता है. जिसमें 125 से 160 अंडे प्रतिवर्ष देने की क्षमता होती है. इसके अलावा वन राजा नाम के भी मुर्गी का पालन किया जाता है. यह भी बहुत पॉपुलर मुर्गी है. इसके अंडे देने की क्षमता नर्मदा निधि की तुलना में तो कम है, लेकिन यह मुर्गी भी लगभग 110 से 160 अंडे प्रतिवर्ष देती है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गी की बात करें तो नर्मदा निधि कड़कनाथ और जबलपुर के तरंग मुर्गा के क्रॉस से बनाया गया है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गी 80 से 120 अंडे प्रतिवर्ष देती है.'

नर्मदा निधि के फायदे

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि नर्मदा निधि मुर्गी किसी एटीएम से कम नहीं है, क्योंकि यह साल में 180 अंडे देती है. इसके अंडे खाने से बीमारियां कम होती है. नर्मदा निधि मुर्गे का मांस बहुत टेस्टी होता है. इसमें फैट कम होता है. प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें अन्य न्यूट्रिशन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें आयरन बहुत ज्यादा होता है. ये कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए भी कारगर हो सकता है.

Narmada Nidhi hen lays 180 eggs
कड़कनाथ से ज्यादा नर्मदा निधि मुर्गी देती अंडे (ETV Bharat)

कड़कनाथ भी कमाल

नर्मदा निधि मुर्गी की बात करें तो ये मुर्गी कमाल तो है ही क्योंकि प्रतिवर्ष अंडे भी बहुत ज्यादा देती है. इसका मांस भी बहुत तेजी से ग्रो करता है. इस हिसाब से अच्छी कीमत भी देता है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गी भी कमाल है. कड़कनाथ का स्वाद हर कोई जानता है. खाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. वसा की मात्रा कम होती है. इसलिए जो लोग कड़कनाथ का पालन करते हैं, वो नर्मदा निधि का भी पालन कर सकते हैं. इनमें लगभग एक तरह ही देखरेख करनी होती है. कड़कनाथ का मीट काले रंग का होता है, इसमें पौष्टिक गुण ज्यादा होते हैं. शहरी क्षेत्र में कड़कनाथ की मांग ज्यादा है.'

Narmada Nidhi Poultry Farming
नर्मदा निधि मुर्गी पालन (ETV Bharat)

बैकयार्ड पोल्ट्री क्या है ?

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि 'हमारा क्षेत्र आदिवासी बहुल इलाका है. यहां पर ज्यादातर मुर्गी पालन बैकयार्ड पोल्ट्री में की जाती है. मतलब घर के पीछे जो जगह होती है, वहां पर मुर्गी पालन किया जाता है. बैकयार्ड पोल्ट्री में घर के खाने के बाद जो चावल या बर्तन धोने के बाद जो कचरा बचता है, सब्जी काटने के बाद जो बचता है, उनके आजू बाजू में जो कीड़े मकोड़े होते हैं, उनका उपयोग करके मुर्गी पालन किया जाता है. इसका पालन आसानी से किया जा सकता है. नर्मदा निधि मुर्गी की कलगी बहुरंगी होती है. जिसे बैकयार्ड पोल्ट्री के रूप में जाना जाता है. कड़कनाथ, नर्मदानिधि इन मुर्गियों का पालन बैकयार्ड पोल्ट्री में किया जा सकता है.

Narmada Nidhi Breed Hen: अगर आप मुर्गी पालन करते हैं या उसके बारे में सोच रहे हैं, और ऐसी मुर्गी की तलाश में हैं, जो आपके लिए सोना उगले तो आज हम जिस मुर्गी की चर्चा करने जा रहे हैं, वो आपके लिए किसी खजाने से काम नहीं है, क्योंकि यह मुर्गी ₹180 अंडे देती है. अगर इस मुर्गी का पालन सही तरीके से किया जाए तो ये आपको लखपति भी बना सकती है.

180 अंडे देने वाली मुर्गी

कृषि वैज्ञानिक डॉ बीके प्रजापति बताते हैं कि अपने क्षेत्र में सबसे ज्यादा अंडे देने वाली मुर्गी की बात करें तो हमारा ये क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य इलाका है. जिसके चलते अभी भी मुर्गियों की जो पुरानी किस्म जिसे देसी किस्म भी कह सकते हैं, उसका पालन ज्यादा किया जाता है. ये देसी किस्म की मुर्गियां साल भर में लगभग 60 से 80 अंडे देती है, लेकिन अभी जिस नए किस्म की बात कर रहे हैं, उसे नर्मदा निधि कहा जाता है. ये 160 से 180 अंडे सालाना देती है.

कृषि वैज्ञानिक ने बताई मुर्गी की खासियत (ETV Bharat)

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि नर्मदा निधि को नानाजी देशमुख पशु विश्वविद्यालय जबलपुर में विकसित किया गया है. ये जबलपुर के देसी मुर्गे कलर और यहां के नेटिव पक्षी कड़कनाथ के साथ क्रॉस कराने के बाद नर्मदा निधि को विकसित किया गया है. इसमें 25 प्रतिशत कड़कनाथ का कैरेक्टर रहता है. 75 प्रतिशत तक जबलपुर कलर मुर्गी के लक्षण आते हैं. इसमें कड़कनाथ के भी गुण, लक्षण, स्वाद देखने को मिलेंगे. साथ में जबलपुर का जो कलर मुर्गा है. इसका भी स्वाद देखने को मिलेगा.

किसी खजाने से कम नहीं नर्मदा निधि

नर्मदा निधि मुर्गी की बात करें तो यह किसी खजाने से कम नहीं है. अगर आप मुर्गी पालन करना चाहते हैं, तो नर्मदा निधि आपको लखपति भी बना सकती है, क्योंकि ये साल भर में 160 से 180 अंडे तो देती ही है. साथ में इसका वजन भी बहुत तेजी के साथ बढ़ता है. बैकयार्ड पोल्ट्री में इसको रखा जा सकता है. 4 महीने में ही इसका वजन लगभग एक से डेढ़ किलो तक बढ़ जाता है. इसे बहुत फास्ट ग्रोइंग मुर्गी भी कह सकते हैं. इसकी ज्यादा से ज्यादा अंडे देने की क्षमता को देखते हुए कृषक इसका पालन कर सकते हैं, क्योंकि ये आमदनी देने वाली मुर्गी है.'

NARMADA NIDHI POULTRY FARMING
बहुरंगी होती है नर्मदा निधि मुर्गी की कलगी (ETV Bharat)

कौन सी मुर्गी कितने अंडे देती है ?

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति कहते हैं 'कि नर्मदा निधि तो अंडे देने में कमाल की किस्म है ही, इसके अलावा बात करें तो हमारे क्षेत्र में उत्तरा फॉल नाम की मुर्गी का पालन किया जाता है. जिसमें 125 से 160 अंडे प्रतिवर्ष देने की क्षमता होती है. इसके अलावा वन राजा नाम के भी मुर्गी का पालन किया जाता है. यह भी बहुत पॉपुलर मुर्गी है. इसके अंडे देने की क्षमता नर्मदा निधि की तुलना में तो कम है, लेकिन यह मुर्गी भी लगभग 110 से 160 अंडे प्रतिवर्ष देती है. इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गी की बात करें तो नर्मदा निधि कड़कनाथ और जबलपुर के तरंग मुर्गा के क्रॉस से बनाया गया है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गी 80 से 120 अंडे प्रतिवर्ष देती है.'

नर्मदा निधि के फायदे

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि नर्मदा निधि मुर्गी किसी एटीएम से कम नहीं है, क्योंकि यह साल में 180 अंडे देती है. इसके अंडे खाने से बीमारियां कम होती है. नर्मदा निधि मुर्गे का मांस बहुत टेस्टी होता है. इसमें फैट कम होता है. प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें अन्य न्यूट्रिशन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें आयरन बहुत ज्यादा होता है. ये कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए भी कारगर हो सकता है.

Narmada Nidhi hen lays 180 eggs
कड़कनाथ से ज्यादा नर्मदा निधि मुर्गी देती अंडे (ETV Bharat)

कड़कनाथ भी कमाल

नर्मदा निधि मुर्गी की बात करें तो ये मुर्गी कमाल तो है ही क्योंकि प्रतिवर्ष अंडे भी बहुत ज्यादा देती है. इसका मांस भी बहुत तेजी से ग्रो करता है. इस हिसाब से अच्छी कीमत भी देता है, लेकिन कड़कनाथ मुर्गी भी कमाल है. कड़कनाथ का स्वाद हर कोई जानता है. खाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है. वसा की मात्रा कम होती है. इसलिए जो लोग कड़कनाथ का पालन करते हैं, वो नर्मदा निधि का भी पालन कर सकते हैं. इनमें लगभग एक तरह ही देखरेख करनी होती है. कड़कनाथ का मीट काले रंग का होता है, इसमें पौष्टिक गुण ज्यादा होते हैं. शहरी क्षेत्र में कड़कनाथ की मांग ज्यादा है.'

Narmada Nidhi Poultry Farming
नर्मदा निधि मुर्गी पालन (ETV Bharat)

बैकयार्ड पोल्ट्री क्या है ?

कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि 'हमारा क्षेत्र आदिवासी बहुल इलाका है. यहां पर ज्यादातर मुर्गी पालन बैकयार्ड पोल्ट्री में की जाती है. मतलब घर के पीछे जो जगह होती है, वहां पर मुर्गी पालन किया जाता है. बैकयार्ड पोल्ट्री में घर के खाने के बाद जो चावल या बर्तन धोने के बाद जो कचरा बचता है, सब्जी काटने के बाद जो बचता है, उनके आजू बाजू में जो कीड़े मकोड़े होते हैं, उनका उपयोग करके मुर्गी पालन किया जाता है. इसका पालन आसानी से किया जा सकता है. नर्मदा निधि मुर्गी की कलगी बहुरंगी होती है. जिसे बैकयार्ड पोल्ट्री के रूप में जाना जाता है. कड़कनाथ, नर्मदानिधि इन मुर्गियों का पालन बैकयार्ड पोल्ट्री में किया जा सकता है.

Last Updated : Nov 18, 2024, 6:53 PM IST
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