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काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर हाईटेक होगा सारनाथ कॉरिडोर, नया कलेवर न्यूयार्क सा अहसास दिलाएगा - hi tech Sarnath corridor varanasi - HI TECH SARNATH CORRIDOR VARANASI

वाराणसी में विश्वनाथ धाम के तर्ज पर 90 करोड़ की लागत से हाईटेक सारनाथ कॉरिडोर बनाया जाएगा. यहां पर भगवान गौतम बुध्द की तपस्थली को लोग जान सकेंगे. आने वाले कुछ दिनों में पर्यटकों को यहां न्यूयॉर्क का एहसास होगा.

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हाईटेक होगा सारनाथ कॉरिडोर (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 23, 2024, 10:30 AM IST

वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

वाराणसी: विश्व पटल पर अपनी पहचान बन चुकी धर्म नगरी काशी में एक नया कॉरिडोर बनकर तैयार होने जा रहा है. इसे सारनाथ कॉरिडोर कहा जा रहा है.बता दे कि, यह विश्वनाथ धाम की तर्ज पर हाईटेक रूप से तैयार होगा, जहां पर भगवान बुद्ध की तपस्थली को लोग जान सकेंगे और आगामी आने वाले दिनों में इसका नया कलेवर पर्यटकों को न्यूयॉर्क का अहसास कराएगा. इसके लिए बाकायदा सरकार ने प्रो. पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. जिसकी लागत लगभग 90 करोड़ रुपये की है.



सारनाथ में रोजाना सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यदि हर साल की बात करें तो पूरे विश्व से लगभग 20 लाख पर्यटक सारनाथ का दीदार करने आते है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को तथागत की भूमि का एहसास हो, इसलिए इसे हाईटेक तरीके से बनाया जा रहा है. जहां पर हाईटेक व्यवस्थाएं, ऐतिहासिक धरोहर लोगों को आकर्षित करेगी. यही नहीं यह यह प्रोजेक्ट लोगों को रोजगार भी देगा.

90 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा नया कॉरिडोर: इस बारे में वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं, कि 90 करोड़ 20 लाख की लागत से इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है. जिसे वर्ल्ड बैंक संचालित कर रहा है. वीडीए इसकी कार्यदाई संस्था है. इस प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ के पूरे क्षेत्र को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया जा रहा है. पर्यटकों के सुविधा केंद्र के अलावा, स्थानीय लोगों के व्यापार का ध्यान रखा गया है, ताकि लोग अपना जीवन स्तर और भी बेहतर कर सके.

ऐसे होगा विकसित: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया, कि इस योजना में दो-तीन महत्वपूर्ण कार्य भी किए जा रहे हैं. जैसे लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये से साउंड लाइट शो को अपडेट किया जाएगा. लगभग 30 लाख में साइनेज की व्यवस्था कराई जाएगी. उसके साथ ही एक करोड़ 25 लाख रुपये में सरफेस पार्किंग बनाई जाएगी. म्यूजियम तैयार होगा, ओपन एयर थिएटर बनाया जाएगा. इसके साथ ही अन्य सभी महत्वपूर्ण धरोहरों को जोड़कर विकसित किया जाएगा.
गौरतलब हो कि, 2022 में इस परियोजना का ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजा गया था. आगामी 2 साल में 90 फीसदी से ज्यादा यह प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है. जुलाई तक इस प्रोजेक्ट को पूर्ण रूप से पूरा कर पर्यटकों के लिए शुरू करने की व्यवस्था है.

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार: इस प्रोजेक्ट का मुख्य मकसद पर्यटकों को लुभाने के साथ यहां आस-पास के गांव में मौजूद लोगों की आय और रोजगार को बढ़ाना है. यही वजह है, कि प्रोजेक्ट का नाम प्रो पुअर रखा गया है. इसमें पूरे परिक्षेत्र में स्थानीय लोगों के कारोबार के लिए बाकायदा एक मार्केट जोन बनाया जाएगा, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा. इसे एक विशेष नाम दिया जाएगा. इसमें लगभग 286 लोगों को रोजगार दिया जाएगा. यह लोग दुकानों को लगाएंगे और दुकान तैयार करके देने की जिम्मेदारी इस प्रोजेक्ट की होगी. ताकि जो सड़क पर ठेले लगे रहते थे, जिसकी वजह से अतिक्रमण था. वह अतिक्रमण समाप्त होकर एक पूरे एरिया में विशेष बाजार बने. इस बाजार में खान-पान से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक के उत्पाद शामिल होंगे. खास बात यह है, कि बाजार में किसी बाहरी को नहीं, बल्कि सारनाथ क्षेत्र के आसपास के गांव के जो कारीगर हैं, जो महिलाएं हैं उन्हें उत्पाद मौजूद होंगे. वह लोग दुकानों को संचालित कर अपने प्रोडक्ट को आगे बढ़ाएंगे और यहां आने वाले मेहमानों के जरिए उनका प्रोडक्ट अलग-अलग हिस्से में पहुंचेगा.

इसे भी पढ़े-वाराणसी एयरपोर्ट पर बढ़ेंगी इंटरनेशनल सुविधाएं, नया रनवे बनेगा, नए लुक में होगी बिल्डिंग; 2870 करोड़ रुपए मंजूर - Lal Bahadur Shastri Airport

नो व्हीकल जोन संग तैयार होगी विशेष पार्किंग: बता दें, कि सारनाथ में आने वाले पर्यटकों को जाम का सामना नहीं करना पड़े, बल्कि वह सारनाथ मंदिर से लेकर म्यूजियम पार्क घूम सके, इसके लिए इस प्रोजेक्ट के तहत विशेष योजना बनाई गई है. जिसके तहत सारनाथ में एक बड़ा वाहन पार्किंग तैयार किया जाएगा. पुरातत्व संग्रहालय से लेकर चौराहे तक नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा. इसके साथ ही सरफेस पार्किंग बनाई जाएगी,जो 1.25 करोड़ रुपये से तैयार की जाएगी. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. इस पार्किंग में अत्यधिक सुविधा होगी. टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर और ट्रैवल गाड़ियों की पूरी व्यवस्था होगी,ताकि आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत ना हो.

ये हो रहे कार्य:सारनाथ और उसके आसपास के 29 मार्को को इंटर कनेक्ट किया जाएगा.सारनाथ बुद्ध सर्किट, सीसीटीवी, वाई-फाई एवं एलईडी स्क्रीन से लैश होगा.पूरे क्षेत्र में हेरिटेज लुक के साथ फसाड लाइट की व्यवस्था की जाएगी.खानपान हैंडीक्राफ्ट के लिए स्थानीय सारनाथ बाजार को विकसित किया जाएगा. इसके लिए मौजूद स्थानीय ठेले, खोमचे दुकानदारों को एक स्वरूप का दुकान उपलब्ध कराया जाएगा.बुद्ध सर्किट में सोविनियर, जीआईउत्पाद,ओडीओपी की आदि की दुकान लगेगी.मंदिर से म्यूजियम, लैंडस्कैपिंग, बुद्धिस्ट थीम पर वाल इंटरप्रिटेशन लोगों को देखने को मिलेंगे.पर्यटकों एवं वयोवृद्ध की सुविधा के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था की जाएगी.पूरे सारनाथ में ओवरहेड तारों को समाप्त कर अंडरग्राउंड किया जाएगा.ओपन एयर थिएटर की व्यवस्था होगी, नो व्हीकल जोन रहेगा ताकि पर्यटन फुटवॉक के जरिए पूरे परिक्षेत्र का भ्रमण कर सकें.

क्या है सारनाथ: बता दे कि, सारनाथ भगवान बुद्ध और जैन धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. यहां पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला धर्म उपदेश दिया था .इस उपदेश को धर्म चक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है. इसके बाद संघ की स्थापना हुई थी. इसलिए यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थ में से एक है. सारनाथ मूलगंध कुटी, सारनाथ संग्रहालय, चौखंडी सपूत,सीता रसोई, धमेख स्तूप और कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर है जो जानने और देखने योग्य हैं. इसके साथ ही पुरातात्विक खुदाई में मिली तमाम तरीके की मूर्तियों को यहां पर रखा गया है. यही नहीं अशोक स्तंभ अभी यही मौजूद है, जहां से अशोक चक्र लिया गया है.

यह भी पढ़े-वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को मिला गृहा पुरस्कार, जानिए क्यों मिला ये सम्मान

वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)

वाराणसी: विश्व पटल पर अपनी पहचान बन चुकी धर्म नगरी काशी में एक नया कॉरिडोर बनकर तैयार होने जा रहा है. इसे सारनाथ कॉरिडोर कहा जा रहा है.बता दे कि, यह विश्वनाथ धाम की तर्ज पर हाईटेक रूप से तैयार होगा, जहां पर भगवान बुद्ध की तपस्थली को लोग जान सकेंगे और आगामी आने वाले दिनों में इसका नया कलेवर पर्यटकों को न्यूयॉर्क का अहसास कराएगा. इसके लिए बाकायदा सरकार ने प्रो. पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. जिसकी लागत लगभग 90 करोड़ रुपये की है.



सारनाथ में रोजाना सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यदि हर साल की बात करें तो पूरे विश्व से लगभग 20 लाख पर्यटक सारनाथ का दीदार करने आते है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को तथागत की भूमि का एहसास हो, इसलिए इसे हाईटेक तरीके से बनाया जा रहा है. जहां पर हाईटेक व्यवस्थाएं, ऐतिहासिक धरोहर लोगों को आकर्षित करेगी. यही नहीं यह यह प्रोजेक्ट लोगों को रोजगार भी देगा.

90 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा नया कॉरिडोर: इस बारे में वाराणसी पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत बताते हैं, कि 90 करोड़ 20 लाख की लागत से इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है. जिसे वर्ल्ड बैंक संचालित कर रहा है. वीडीए इसकी कार्यदाई संस्था है. इस प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ के पूरे क्षेत्र को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया जा रहा है. पर्यटकों के सुविधा केंद्र के अलावा, स्थानीय लोगों के व्यापार का ध्यान रखा गया है, ताकि लोग अपना जीवन स्तर और भी बेहतर कर सके.

ऐसे होगा विकसित: पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने बताया, कि इस योजना में दो-तीन महत्वपूर्ण कार्य भी किए जा रहे हैं. जैसे लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये से साउंड लाइट शो को अपडेट किया जाएगा. लगभग 30 लाख में साइनेज की व्यवस्था कराई जाएगी. उसके साथ ही एक करोड़ 25 लाख रुपये में सरफेस पार्किंग बनाई जाएगी. म्यूजियम तैयार होगा, ओपन एयर थिएटर बनाया जाएगा. इसके साथ ही अन्य सभी महत्वपूर्ण धरोहरों को जोड़कर विकसित किया जाएगा.
गौरतलब हो कि, 2022 में इस परियोजना का ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजा गया था. आगामी 2 साल में 90 फीसदी से ज्यादा यह प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है. जुलाई तक इस प्रोजेक्ट को पूर्ण रूप से पूरा कर पर्यटकों के लिए शुरू करने की व्यवस्था है.

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार: इस प्रोजेक्ट का मुख्य मकसद पर्यटकों को लुभाने के साथ यहां आस-पास के गांव में मौजूद लोगों की आय और रोजगार को बढ़ाना है. यही वजह है, कि प्रोजेक्ट का नाम प्रो पुअर रखा गया है. इसमें पूरे परिक्षेत्र में स्थानीय लोगों के कारोबार के लिए बाकायदा एक मार्केट जोन बनाया जाएगा, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा. इसे एक विशेष नाम दिया जाएगा. इसमें लगभग 286 लोगों को रोजगार दिया जाएगा. यह लोग दुकानों को लगाएंगे और दुकान तैयार करके देने की जिम्मेदारी इस प्रोजेक्ट की होगी. ताकि जो सड़क पर ठेले लगे रहते थे, जिसकी वजह से अतिक्रमण था. वह अतिक्रमण समाप्त होकर एक पूरे एरिया में विशेष बाजार बने. इस बाजार में खान-पान से लेकर हैंडीक्राफ्ट तक के उत्पाद शामिल होंगे. खास बात यह है, कि बाजार में किसी बाहरी को नहीं, बल्कि सारनाथ क्षेत्र के आसपास के गांव के जो कारीगर हैं, जो महिलाएं हैं उन्हें उत्पाद मौजूद होंगे. वह लोग दुकानों को संचालित कर अपने प्रोडक्ट को आगे बढ़ाएंगे और यहां आने वाले मेहमानों के जरिए उनका प्रोडक्ट अलग-अलग हिस्से में पहुंचेगा.

इसे भी पढ़े-वाराणसी एयरपोर्ट पर बढ़ेंगी इंटरनेशनल सुविधाएं, नया रनवे बनेगा, नए लुक में होगी बिल्डिंग; 2870 करोड़ रुपए मंजूर - Lal Bahadur Shastri Airport

नो व्हीकल जोन संग तैयार होगी विशेष पार्किंग: बता दें, कि सारनाथ में आने वाले पर्यटकों को जाम का सामना नहीं करना पड़े, बल्कि वह सारनाथ मंदिर से लेकर म्यूजियम पार्क घूम सके, इसके लिए इस प्रोजेक्ट के तहत विशेष योजना बनाई गई है. जिसके तहत सारनाथ में एक बड़ा वाहन पार्किंग तैयार किया जाएगा. पुरातत्व संग्रहालय से लेकर चौराहे तक नो व्हीकल जोन घोषित किया जाएगा. इसके साथ ही सरफेस पार्किंग बनाई जाएगी,जो 1.25 करोड़ रुपये से तैयार की जाएगी. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. इस पार्किंग में अत्यधिक सुविधा होगी. टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर और ट्रैवल गाड़ियों की पूरी व्यवस्था होगी,ताकि आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत ना हो.

ये हो रहे कार्य:सारनाथ और उसके आसपास के 29 मार्को को इंटर कनेक्ट किया जाएगा.सारनाथ बुद्ध सर्किट, सीसीटीवी, वाई-फाई एवं एलईडी स्क्रीन से लैश होगा.पूरे क्षेत्र में हेरिटेज लुक के साथ फसाड लाइट की व्यवस्था की जाएगी.खानपान हैंडीक्राफ्ट के लिए स्थानीय सारनाथ बाजार को विकसित किया जाएगा. इसके लिए मौजूद स्थानीय ठेले, खोमचे दुकानदारों को एक स्वरूप का दुकान उपलब्ध कराया जाएगा.बुद्ध सर्किट में सोविनियर, जीआईउत्पाद,ओडीओपी की आदि की दुकान लगेगी.मंदिर से म्यूजियम, लैंडस्कैपिंग, बुद्धिस्ट थीम पर वाल इंटरप्रिटेशन लोगों को देखने को मिलेंगे.पर्यटकों एवं वयोवृद्ध की सुविधा के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था की जाएगी.पूरे सारनाथ में ओवरहेड तारों को समाप्त कर अंडरग्राउंड किया जाएगा.ओपन एयर थिएटर की व्यवस्था होगी, नो व्हीकल जोन रहेगा ताकि पर्यटन फुटवॉक के जरिए पूरे परिक्षेत्र का भ्रमण कर सकें.

क्या है सारनाथ: बता दे कि, सारनाथ भगवान बुद्ध और जैन धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थान है. यहां पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला धर्म उपदेश दिया था .इस उपदेश को धर्म चक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है. इसके बाद संघ की स्थापना हुई थी. इसलिए यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थ में से एक है. सारनाथ मूलगंध कुटी, सारनाथ संग्रहालय, चौखंडी सपूत,सीता रसोई, धमेख स्तूप और कई ऐसे ऐतिहासिक मंदिर है जो जानने और देखने योग्य हैं. इसके साथ ही पुरातात्विक खुदाई में मिली तमाम तरीके की मूर्तियों को यहां पर रखा गया है. यही नहीं अशोक स्तंभ अभी यही मौजूद है, जहां से अशोक चक्र लिया गया है.

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