मुजफ्फरपुर : बिहार में बालू माफिया किस हद तक जा सकते हैं इसका खौफनाक उदाहरण मुजफ्फरपुर में देखने को मिला, जहां बालू माफिया की हरकतों ने नदी के रास्ते को ही बांध दिया. नदी के पानी को बीच से रास्ता गुजारकर रोक दिया. ताकि नदी से सफेद बालू का खनन कर ट्रैक्टर के माध्यम से अवैध बालू को आसानी से ढोया जा सके. रास्ते को ऐसे बनाया गया है कि इसपर से होकर हाइवा भी बिना किसी परेशानी के गुजर जाए.
बालू माफिया ने रोका नदी का रास्ता : ये हैरान कर देने वाला नजारा जनार और कटौझा के बीच का है. खास बात ये है कि बालू माफिया नदी का रास्ता रोककर अपने अवैध खनन का रास्ता बना लेते हैं और खनन विभाग को पता ही नहीं चलता. मामला सामने आने के बाद जिला खनन पदाधिकारी हरेश कुमार ने जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
खनन पदाधिकारी हरेश कुमार ने आश्वस्त किया कि ''10 दिन पहले भी इस इलाके में कार्रवाई की गई थी. इसमें जेसीबी, ट्रैक्टर समेत अन्य गाड़ियों को जब्त किया गया था. 6 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. इस मामले में छापेमारी की जा रही है.''
'बालू माफिया पर शिकंजा' : वहीं, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने स्वीकार किया कि जनार से काटौझा के बीच बागमती नदी से बालू के अवैध खनन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले कई बार कार्रवाई की जा चुकी है. इसमें जेसीबी, हाईवा, ट्रैक्टर आदि वाहन जप्त किए जा चुके हैं. बावजूद इसके सफेद बालू के लिए काला धंधा जारी है. निश्चित ही इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
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