ऋषिकेश (उत्तराखंड): पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि तेंदुलकर और उनकी बेटी सारा तेंदुलकर उत्तराखंड पहुंचीं. जहां उन्होंने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन पहुंकर आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की. साथ ही उनका आशीर्वाद लिया. इसके बाद मां और बेटी ने गंगा आरती में हिस्सा लिया.
परमार्थ निकेतन के शांतिपूर्ण वातावरण का लिया आनंद: ऋषिकेश में गंगा की अविरलता और खूबसूरत नजारों को देख अंजलि और सारा तेंदुलकर अभिभूत नजर आए. उन्होंने परमार्थ निकेतन के शांतिपूर्ण वातावरण का भी आनंद लिया. उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन दुनिया का सबसे शांतिप्रिय और आनंददायक जगह है, जहां की दिव्यता और आध्यात्मिकता का अनुभव अविस्मरणीय है.
अंजलि तेंदुलकर ने साझा किए गंगा आरती के अनुभव: अंजलि तेंदुलकर ने गंगा आरती के अनुभव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि मां गंगा की आरती करना सचमुच एक अद्भुत अनुभव था. गंगा मां की आरती में शामिल होकर आत्मा को शांति और शुद्धि मिलती है. इस दिव्य आरती में हिस्सा लेकर खुद को धन्य महसूस कर रही हूं.
अंजलि और सारा तेंदुलकर ने स्वामी चिदानंद से कई मुद्दों पर की चर्चा: वहीं, अंजलि और सारा तेंदुलकर ने स्वामी चिदानंद सरस्वती के साथ विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के समाधानों पर बात की. उन्होंने स्वामी चिदानंद से परमार्थ निकेतन की ओर से संचालित विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली.
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा एक मां है. जिसका संरक्षण करना सबका कर्तव्य है. सभी को मिलकर गंगा समेत अन्य नदियों की स्वच्छता और संरक्षण करना होगा. सचिन तेंदुलकर जैसे लोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. सभी को मिलकर समाज और पर्यावरण की सेवा के लिए प्रयास करने होंगे. ताकि, आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ वायु और शुद्ध जल मिल सके.
वहीं, अंजलि तेंदुलकर ने कहा कि परमार्थ निकेतन में उन्हें असीम शांति और संतोष का एहसास हुआ. स्वामी चिदानंद के विचार और उनके काम समाज एवं पर्यावरण के लिए काम करने को लेकर प्रेरित करते हैं. यहां की दिव्यता और आध्यात्मिकता ने काफी प्रभावित किया है. स्वामी चिदानंद सरस्वती ने तेंदुलकर परिवार को प्रयागराज महाकुंभ में सहभाग करने के लिए आमंत्रित किया.
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