वाराणसी: रूस और यूक्रेन के बीच लगातार युद्ध जारी है. इस युद्ध के परिणाम की अलग-अलग तस्वीर नजर आ रही हैं. इसकी बानगी वाराणसी में भी दिख रही है. यहां बाकायदा विदेशों से काशी आकर सनातन धर्म की ओर रुक कर रहे हैं. रूस की रहने वाली एक महिला ने बुधवार को वाराणसी में हिंदू धर्म की दीक्षा ली और इसके साथ ही रूस और यूक्रेन में हो रही युद्ध की शांति के लिए विशेष पूजन अर्चन भी किया.
इन दिनों विदेशों में भी बड़ी संख्या लोग सनातन धर्म की ओर अग्रसर हो रहे हैं. इसी क्रम में रूस के मास्को शहर में रहने वाली इदगा बारादोस ने अपने 41 में जन्मदिन पर वाराणसी में तांत्रिक दीक्षा ली और सनातन धर्म को स्वीकार किया. इस दौरान उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध की शांति के लिए विशेष रुद्राभिषेक का पूजन किया,साथी ही शांति और सद्भाव की ईश्वर से कामना की.
रूसी महिला ने काशी में ली तांत्रिक दीक्षा, अपनाया हिन्दू धर्म: इस बारे में उन्हें दीक्षा देने वाले महंत बताते हैं कि, आज माता सिद्धिदात्री की दीक्षा रूस से आई इदगा को दी गई है. इस दीक्षा के बाद उनका सनातनी नाम इदगा बारादोस की जगह इदगा नंदमयी मां हो गया है, जो कि सनातन परंपरा के हिसाब से चलेगा. अब वह इसी नाम से साधना करेंगी.
अब से इनका गोत्र कश्यप हो गया है. उन्होंने बताया कि इन दिनों युद्ध की वजह से काशी में लोग शांति की तलाश में वाराणसी आ रहे हैं. इसी के तहत इन रूसी महिला ने भी यहां पर दीक्षा ग्रहण की. साथ ही अपने जन्मदिन पर इन्होंने एक संकल्प के साथ शांति के लिए रुद्राभिषेक का पूजन भी किया.
महसूस हो रही अलग ऊर्जा: तांत्रिक दीक्षा ग्रहण करने के बाद इदगा बताती है कि, उन्हें एक दीक्षा लेने के बाद शांति की अनुभूति हो रही है. वह बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति आकर्षित थी ऐसे में उन्होंने आज तांत्रिक साधना में दीक्षा लेकर सनातन धर्म की स्वीकार किया है. सनातन धर्म में आने से उन्हें एक अलग शांति और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है.