पटना : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई. इस साल 5 नवंबर 2024, मंगलवार यानी आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. छठ के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा होती है. इस दिन व्रती सुबह नहाकर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं. नहाय खाय के साथ शुरू होकर यह पर्व उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है.
छठ पूजा को हो गई शुरूआत : छठ पूजा के इन चार दिनों तक व्रत से जुड़े कई नियमों का पालन किया जाता है. इस दिन महिलाएं गंगा जल से ही भात-चने की दाल और लौकी का प्रसाद बनाती हैं. पटना के गंगा घाटों पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं, तो वहीं भद्र घाट पर गंगा नदी में SSB के जवानों को तैनात किया गया है.
नहाय खाय से छठ शुरू : राजधानी पटना में कुल 108 से ज्यादा गंगा किनारे छठ के घाट बनाये गये हैं. इसको लेकर कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घाटों का निरीक्षण किया था. राजधानी के सभी घाटों पर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. एनडीआरएफ की तैनाती भी की गई है. गंगा नदी में अवैध रूप से किसी भी तरह के नाव का परिचालन नहीं हो, इसको लेकर भी जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिख रहा है.
घाट पर किए गए इंतजाम : बड़ी संख्या में नहाए खाए में गंगा स्नान करने छठ व्रति घाट पहुंच रहे हैं और यहां भी सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है. पार्किंग की भी पूरी व्यवस्था की गई है. अकेले दीघा घाट पर 25000 से ज्यादा गाड़ियां एक बार में पार्क की जा सकती है, इतना बड़ा पार्किंग स्पेस बनाया गया है.
नदियों का पवित्र जल से बनेगा खरना का महाप्रसाद : कुल मिलाकर देखें तो नहाए खाए के साथ ही छठ महापर्व का अनुष्ठान आज से शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में गंगा नदी में छठव्रती स्नान कर गंगाजल ले अपने घर जा रहे हैं. छठव्रती नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं और वहां से इन नदियों-तालाबों का पवित्र जल लाया जाता है. इसी से महाप्रसाद बनाया जाता है.
कल खरना, परसों पहला अर्घ्य : इस अनुष्ठान के पहले दिन आज छठ व्रती सूर्य भगवान का जलाभिषेक करती हैं. उसके बाद अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का महाप्रसाद बनाया जाता है. इस महाप्रसाद को पहले सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है. उसके बाद छठ व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं.फिर सभी को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है.
बिहार में छठ की धूम : छठव्रतियों ने बताया कि आज कद्दू भात के बाद कल खरना है और परसों पहला अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महाव्रत का समापन हो जाएगा. छपरा, खगड़िया, मुंगेर, और पटना समेत बिहार के तमाम जिलों में एक सा नजारा दिखा.
''छठ महापर्व हिंदुओं का बहुत बड़ा पर्व है. इसको लेकर हमलोग नहाए खाए के दिन कद्दू भात का प्रसाद बनाते हैं. फिर भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद उसे ग्रहण करते हैं. जिसके बाद अगले दिन खरना का प्रसाद बनता है, डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व की समाप्ति हो जाती है."- चम्पा किरण, औरंगाबाद से आयी छठव्रती
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