चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी पुरानी है. दिग्गज नेताओं के अपने गुट हैं, जो दूसरे के खिलाफ सरेआम मोर्चा खोलते रहते हैं. यही हाल लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर देखने को मिल रहा है. लोकसभा उम्मीदवारों के ऐलान के साथ ही कांग्रेस के अंदर बगावत शुरू हो गई है. ये बगावत किसी छोटे नेता की नहीं बल्कि धुरंधर नेताओं की है. इन सीटों पर मजबूत दिख रही कांग्रेस के लिए विरोधियों की ये नाराजगी भारी पड़ सकती है.
1. फरीदाबाद सीट पर आलाकमान को अल्टीमेटम
सबसे ज्यादा विरोध फरीदाबाद लोकसभा सीट पर है. कांग्रेस ने यहां से पुराने कद्दावर नेता, 5 बार के विधायक और हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके महेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दिया है. टिकट का ऐलान होते ही फरीदाबाद इलाके के एक दूसरे बड़े नेता और 5 बार से विधायक करण सिंह दलाल ने मोर्चा खोल दिया है. करण दलाल ने 29 अप्रैल को फरीदाबाद में एक पंचायत बुलाकर कांग्रेस आलाकमान को अपना फैसला बदलने का अल्टीमेटम दिया है.
करण दलाल ने कहा ईंट से ईंट बजा देंगे
पंचायत के बाद करण दलाल ने कहा कि 'जो टिकट वितरण हुआ है उससे हमारे इलाके के साथ बड़ी ज्यादती हुई है. हम यही निवेदन कर रहे हैं, हमें मजबूर नहीं करो. हम हरियाणा की ताकतों को झुकाना जानते हैं. बाज आयेंगे तो ठीक है. तीन-चार दिन में पता चल जायेगा. हमारा डेलिगेशन आलाकमान से बात करेगा. अगर बात नहीं बनी तो ईंट से ईंट बजाना हम जानते हैं. बीजेपी से मिले हुए लोगों ने जबरन महेंद्र प्रताप को निकालकर टिकट दिलाया है. हम चाहते थे कि उन्हें निकाला जायेगा, उल्टा उन्हीं को टिकट दे दिया गया. केंद्र और प्रदेश नेतृत्व दोनों इस फैसले में गलत हैं.
कौन हैं महेंद्र प्रताप सिंह
महेंद्र प्रताप सिंह फरीदाबाद के कद्दावर नेता रहे हैं. वो 9 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. 5 बार विधायक बने. 1991 में भजन लाल और 2009 से 2014 में भूपेंद्र हुड्डा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. कांग्रेस ने उन्हें फरीदाबाद से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ उतारा है. महेंद्र प्रताप सिंह गुर्जर समुदाय से आते हैं और भूपेंद्र हुड्डा के करीबी माने जाते हैं. महेंद्र प्रताप ने 2005 के विधानसभा चुनाव में फरीदाबाद की मेवला महाराजपुर सीट से कृष्णपाल गुर्जर को हरा चुके हैं.
कौन हैं करण सिंह दलाल
करण सिंह दलाल पलवल से विधायक हैं. पलवल जिला फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में आता है. करण दलाल 5 बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. 1996 में बंसीलाल और फिर भूपेंद्र हुड्डा सरकार में भी वो मंत्री रहे. करण दलाल नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के रिश्तेदार भी हैं. करण दलाल भूपेंद्र हुड्डा के भाई के समधी हैं.
2. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर महाभारत
भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर भी कांग्रेस के अंदर विरोध खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने यहां से नारनौल विधायक राव दान सिंह को बीजेपी के धर्मबीर सिंह के मुकाबले उतारा है. भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी दावेदार रहीं हैं. उनका टिकट कटने पर उनकी मां और तोशाम विधायक किरण चौधरी ने खुलेआम नाराजगी जाहिर की. तंज कसते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि जिस तरह से राव दान सिंह ने मदद की है, हम उससे ज्यादा मदद करेंगे. हलांकि बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा कांग्रेस उम्मीदवार के साथ हैं. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक श्रुति चौधरी के खिलाफ काम करके राव दान सिंह ने उनको हराया था. इसीलिए अब वो नाराज हैं.
3. हिसार लोकसभा सीट पर भी हंगामा
हिसार सीट से बिछली बार बीजेपी के टिकट पर सांसद बने बृजेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ज्वाइन कर ली. उन्हें उम्मीद थी कि कांग्रेस से टिकट उन्हें ही मिलेगा. लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में हिसार से तीन बार सांसद रह चुके जय प्रकाश को टिकट दे दिया. बृजेंद्र सिंह चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं. टिकट ऐलान के बाद उन्होंने कहा कि सिटिंग एमपी होने के नाते मुझे उम्मीद थी कि टिकट मिलेगा. लेकिन किसी कारण से नहीं मिला. वो कारण भी दिल्ली के नहीं थे बल्कि प्रदेश की राजनीति के थे. हरियाणा की राजनीति में बहुत कुछ बदलने वाला है.