महबूबनगर: हैदराबाद के महबूबनगर जिले के पोन्नाकल गांव में एक महीने पहले हुई गोलीबारी में 20 आवारा कुत्तों की मौत हो गई थी और छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे, इस मामले में महबूबनगर पुलिस ने मंगलवार को हैदराबाद के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. एसपी हर्षवर्द्धन ने डिस्ट्रिक्ट सेंटर में इसका खुलासा किया. पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी की पहचान नरसिम्हा रेड्डी (57) के रूप में हुई है, जिसने कथित तौर पर पूरी घटना को अंजाम दिया था.
महबूबनगर के एसपी हर्षवर्द्धन ने मीडिया को बताया कि रेड्डी के ससुराल वाले, जो गांव में रहते हैं, उन्होंने फरवरी के पहले सप्ताह में एक आवारा कुत्ते के हमले में अपने पालतू कुत्ते को खो दिया था. कुत्ते मिंटू की मौत का बदला लेने के लिए, आरोपी नरसिम्हा रेड्डी ने अपने दोस्तों के साथ, हैदराबाद से पोनक्कल की यात्रा की और आवारा कुत्तों पर गोलियां चला दीं,
एसपी ने मीडिया के विस्तार से घटना के बारे में बताते हुए कहा कि गांव में आवारा कुत्तों को मारने का फैसला करने के बाद, रेड्डी ने अपनी योजना में उसका साथ देने के लिए अपने दोस्तों मोहम्मद तारिक (44) और आरेक अहमद (40) से संपर्क किया. तारिक एक पेशेवर निशानेबाज है और उसके पास एक लाइसेंसी बंदूक है, जिसका इस्तेमाल तीनों ने कुत्तों को मारने के लिए किया था. 16 फरवरी को तड़के, आरोपी एक कार में बैठकर पूरे गांव में घूमा और जहां भी आवारा कुत्ते मिले, उन पर बंदूक से गोली चला दी. घटना की क्रूरता ने जहां गांव को झकझोर कर रख दिया, वहीं पुलिस तीन चश्मदीदों को ढूंढने में सफल रही.
दरअसल, पुलिस की जांच के दौरान, एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया था कि उसने हमलावरों को गांव भर में सिल्वर बेंज कार में घूमते देखा था, जिसके आधार पर मामले की जांमे में जुटी पुलिस नरसिम्हा रेड्डी का पता लगाने में सक्षम हुई.
चूंकि कुत्तों पर गोली चलाने के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया गया था, इसलिए पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अलावा शस्त्र अधिनियम भी लगाया था. अगर यह केवल पशु क्रूरता अधिनियम होता, तो जुर्माना नाममात्र होता. हालांकि, आर्म्स एक्ट का मामला होने के कारण आरोपी को 7 से 10 साल तक की जेल भी हो सकती है.