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रेवंत रेड्डी और चंद्रबाबू नायडू के बीच आज मुलाकात, तमाम मुद्दों पर करेंगे बात - Revanth Reddy and Chandrababu Naidu

Andhra Telangana CMs To Meet: तेलुगु राज्यों के बीच एक दशक से लंबित विभाजन मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के सीएम आज बैठक करेंगे. इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि दोनों ही मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता संभालने के बाद पहली बार मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 6, 2024, 10:06 AM IST

Updated : Jul 6, 2024, 10:39 AM IST

Andhra Telangana CMs To Meet
आंध्र-तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों की आज विभाजन मुद्दे पर बैठक (ETV Bharat)

हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के बीच आज पहली बार मुलाकात होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक दोनों नेता विभाजन समेत कई मुद्दे पर बातचीत करेंगे. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेता मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मिल रहे हैं.

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री लंबित विभाजन मुद्दों के समाधान के लिए आज अकेले में मिलेंगे. बता दें, आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की अनुसूची IX और X में संपत्तियां एक दशक बाद भी अविभाजित हैं, इसलिए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने तेलंगाना समकक्ष के साथ विचार-विमर्श के लिए पहल की है.

ये मुद्दे तब से अनसुलझे हैं जब नायडू आंध्र प्रदेश के और केसी आर तेलंगाना के मुख्यमंत्री थे. दोनों एक दूसरे के धुरविरोधी माने जाते हैं. बता दें, राजनीतिक विवादों, खासकर 2015 में नोट के बदले वोट कांड ने अंतर-राज्यीय संबंधों पर असर डाला था. हालांकि 2019 के चुनावों के बाद वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बर्फ पिघलाने की कोशिश की थी और उन्होंने केसीआर के साथ बैठकें की थीं, लेकिन दोनों राज्यों के बीच संबंधों में कोई प्रगति नहीं हुई.

हाल ही में संपन्न आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 में जबरदस्त जीत दर्ज करके नायडू सत्ता पर काबिज हुए. उन्होंने एक पत्र लिखकर अपने तेलंगाना समकक्ष को शांति की पेशकश की. रेवंत रेड्डी ने भी इसी तरह जवाब दिया, जिसके बाद 6 जुलाई को तेलंगाना की राजधानी में प्रजा भवन में एक बैठक निर्धारित की गई.

2014 के आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की अनुसूची IX और X में वर्णित दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा, कृष्णा और गोदावरी जल का बंटवारा, तेलंगाना द्वारा आंध्र प्रदेश को देय लंबित बकाया आदि शनिवार को नायडू और रेवंत के बीच होने वाली बैठक के एजेंडे में होने की उम्मीद है. यह बैठक हैदराबाद के दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी न रहने के एक महीने से अधिक समय बाद हो रही है.

बैठक में ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे

  • अनुसूची IX संस्थाओं की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • अनुसूची X संस्थाओं की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • अधिनियम में उल्लेखित न किए गए संस्थानों की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • एपी स्टेट फाइनेंसियल कॉरपोरेशन का मुद्दा
  • बिजली बकाया
  • एपी और टीएस के बीच 15 बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के ऋण का बंटवारा
  • कर्मचारियों का आदान-प्रदान
  • श्रम उपकर का विभाजन
  • सामान्य संस्थाओं पर व्यय की प्रतिपूर्ति
  • हैदराबाद में तीन भवनों को बनाए रखना

अनुसूची IX संस्थाएं

  • शीला भिडे विशेषज्ञ समिति ने 91 संस्थाओं में से 89 की मुख्यालय परिसंपत्तियों के विभाजन की सिफारिश की.
  • एपी सभी 89 संस्थाओं के लिए ईसी की सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए तैयार था.
  • टीएस केवल 68 संस्थानों की ईसी सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए तैयार था.

ये भी पढ़ें-

रेवंत रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के निमंत्रण का दिया जवाब, कहा- आइये सुलझाते हैं मुद्दे - Telangana CM Responds To AP CM

हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के बीच आज पहली बार मुलाकात होने जा रही है. जानकारी के मुताबिक दोनों नेता विभाजन समेत कई मुद्दे पर बातचीत करेंगे. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि दोनों नेता मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मिल रहे हैं.

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री लंबित विभाजन मुद्दों के समाधान के लिए आज अकेले में मिलेंगे. बता दें, आंध्र प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की अनुसूची IX और X में संपत्तियां एक दशक बाद भी अविभाजित हैं, इसलिए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने तेलंगाना समकक्ष के साथ विचार-विमर्श के लिए पहल की है.

ये मुद्दे तब से अनसुलझे हैं जब नायडू आंध्र प्रदेश के और केसी आर तेलंगाना के मुख्यमंत्री थे. दोनों एक दूसरे के धुरविरोधी माने जाते हैं. बता दें, राजनीतिक विवादों, खासकर 2015 में नोट के बदले वोट कांड ने अंतर-राज्यीय संबंधों पर असर डाला था. हालांकि 2019 के चुनावों के बाद वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने बर्फ पिघलाने की कोशिश की थी और उन्होंने केसीआर के साथ बैठकें की थीं, लेकिन दोनों राज्यों के बीच संबंधों में कोई प्रगति नहीं हुई.

हाल ही में संपन्न आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024 में जबरदस्त जीत दर्ज करके नायडू सत्ता पर काबिज हुए. उन्होंने एक पत्र लिखकर अपने तेलंगाना समकक्ष को शांति की पेशकश की. रेवंत रेड्डी ने भी इसी तरह जवाब दिया, जिसके बाद 6 जुलाई को तेलंगाना की राजधानी में प्रजा भवन में एक बैठक निर्धारित की गई.

2014 के आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की अनुसूची IX और X में वर्णित दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों का बंटवारा, कृष्णा और गोदावरी जल का बंटवारा, तेलंगाना द्वारा आंध्र प्रदेश को देय लंबित बकाया आदि शनिवार को नायडू और रेवंत के बीच होने वाली बैठक के एजेंडे में होने की उम्मीद है. यह बैठक हैदराबाद के दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी न रहने के एक महीने से अधिक समय बाद हो रही है.

बैठक में ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे

  • अनुसूची IX संस्थाओं की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • अनुसूची X संस्थाओं की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • अधिनियम में उल्लेखित न किए गए संस्थानों की परिसंपत्तियों का विभाजन
  • एपी स्टेट फाइनेंसियल कॉरपोरेशन का मुद्दा
  • बिजली बकाया
  • एपी और टीएस के बीच 15 बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के ऋण का बंटवारा
  • कर्मचारियों का आदान-प्रदान
  • श्रम उपकर का विभाजन
  • सामान्य संस्थाओं पर व्यय की प्रतिपूर्ति
  • हैदराबाद में तीन भवनों को बनाए रखना

अनुसूची IX संस्थाएं

  • शीला भिडे विशेषज्ञ समिति ने 91 संस्थाओं में से 89 की मुख्यालय परिसंपत्तियों के विभाजन की सिफारिश की.
  • एपी सभी 89 संस्थाओं के लिए ईसी की सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए तैयार था.
  • टीएस केवल 68 संस्थानों की ईसी सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए तैयार था.

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Last Updated : Jul 6, 2024, 10:39 AM IST
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