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IIT के रिटायर्ड प्रोफेसर को साइबर ठगों ने लगाया 5 लाख का चूना, शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे के लालच में फंसे - Share trading fraud - SHARE TRADING FRAUD

Cyber fraud with retired IIT professor in Dehradun देहरादून में रहने वाले आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर साइबर ठगी का शिकार हो गए. प्रोफेसर साहब को साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग में निवेश करके मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर जाल में फंसाया. पहले राउंड में लाभ हुआ तो प्रोफेसर ने दोबारा 5 लाख रुपए साइबर ठगों के बताए अनुसार जमा करा दिए. लेकिन इस बार उन्हें मुनाफा नहीं बल्कि धोखा मिल गया.

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देहरादून अपराध समाचार
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 25, 2024, 10:20 AM IST

देहरादून: थाना बसंत विहार क्षेत्र के अंतर्गत रिटायर्ड आईआईटी प्रोफेसर के साथ शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी हो गई. साइबर ठगों ने प्रोफेसर साहब को शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने का लालच दिया. आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर साइबर ठगों के जाल में फंस गए और अपनी खून-पसीने की कमाई गंवा बैठे.

शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी: प्रेम प्रकाश भावगुना निवासी बसंत विहार ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह आईआईटी धनबाद में से सेवानिवृत हैं. पिछले दिनों फेसबुक के माध्यम से प्रोफेसर को एक तथाकथित कंपनी ने संपर्क किया. संपर्क करने वाले ने खुद का परिचय एलियांज ग्लोबल इन्वेस्टर्स के रूप में दिया था. साथ ही बताया कि यह कम्पनी जर्मनी की है. इसके भारतीय प्रमुख ने अपना नाम अर्जुन कपूर और उनकी सहायिका ने अपना नाम मीरा गुप्ता बताया.

आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर को लगा 5 लाख का चूना: दोनों ने आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर से निवेश के लिए मोबाइल पर ऑलवी नाम का मोबाइल एप डाउनलोड कराया. इसी एप में बैंक खाता नंबर भी जोड़ा गया. प्रोफेशर ने शुरुआत में 2 लाख 77 हजार रुपए कंपनी में निवेश किए थे. निवेश करने के बाद कुछ दिनों में 10 लाख रुपए का लाभ दर्शाया गया. प्रोफेसर ने इनमें से अपने 2 लाख 60 हजार रुपए निकल भी लिए.

जर्मनी की कंपनी बताकर ठगी: उसके बाद प्रोफेसर को विश्वास हो गया कि यह एप ठीक है और इससे लाभ हो रहा है. इसके बाद प्रोफेसर ने पांच लाख रुपए निवेश किए. कुछ दिनों में ही एप पर 39 लाख रुपए दिखाई देने लगे. प्रोफेसर ने अपना मूलधन निकालने के लिए आवेदन किया तो आरोपियों ने कहा कि वह एक लाख 27 हजार रुपए ब्रिटिश टैक्स जमा कराएंगे. तभी अपने पैसे निकाल सकते हैं. उसके बाद प्रोफेसर को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा: थाना बसंत विहार प्रभारी महावीर उनियाल ने बताया है कि रिटायर्ड आईआईटी प्रोफेसर की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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शेयर ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी: प्रेम प्रकाश भावगुना निवासी बसंत विहार ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह आईआईटी धनबाद में से सेवानिवृत हैं. पिछले दिनों फेसबुक के माध्यम से प्रोफेसर को एक तथाकथित कंपनी ने संपर्क किया. संपर्क करने वाले ने खुद का परिचय एलियांज ग्लोबल इन्वेस्टर्स के रूप में दिया था. साथ ही बताया कि यह कम्पनी जर्मनी की है. इसके भारतीय प्रमुख ने अपना नाम अर्जुन कपूर और उनकी सहायिका ने अपना नाम मीरा गुप्ता बताया.

आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर को लगा 5 लाख का चूना: दोनों ने आईआईटी के रिटायर्ड प्रोफेसर से निवेश के लिए मोबाइल पर ऑलवी नाम का मोबाइल एप डाउनलोड कराया. इसी एप में बैंक खाता नंबर भी जोड़ा गया. प्रोफेशर ने शुरुआत में 2 लाख 77 हजार रुपए कंपनी में निवेश किए थे. निवेश करने के बाद कुछ दिनों में 10 लाख रुपए का लाभ दर्शाया गया. प्रोफेसर ने इनमें से अपने 2 लाख 60 हजार रुपए निकल भी लिए.

जर्मनी की कंपनी बताकर ठगी: उसके बाद प्रोफेसर को विश्वास हो गया कि यह एप ठीक है और इससे लाभ हो रहा है. इसके बाद प्रोफेसर ने पांच लाख रुपए निवेश किए. कुछ दिनों में ही एप पर 39 लाख रुपए दिखाई देने लगे. प्रोफेसर ने अपना मूलधन निकालने के लिए आवेदन किया तो आरोपियों ने कहा कि वह एक लाख 27 हजार रुपए ब्रिटिश टैक्स जमा कराएंगे. तभी अपने पैसे निकाल सकते हैं. उसके बाद प्रोफेसर को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा: थाना बसंत विहार प्रभारी महावीर उनियाल ने बताया है कि रिटायर्ड आईआईटी प्रोफेसर की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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