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पंजाब: रिटायर्ड कर्मचारी ने घर की छत पर बनवा दी रोडवेज की बस

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 4, 2024, 1:06 PM IST

PRTC Bus Parked On Roof Of House: पंजाब में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से रिटायर्ड एक शख्स ने अपने घर की छत पर एक बस की आकृति बनवा दी. इन दिनों यह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

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पंजाब: रिटायर्ड कर्मचारी ने घर की छत पर बनवा दी रोडवेज की बस
घर की छत पर PRTC की बस बनवाई

कपूरथला: गांव कंग सहाबू में पीआरटीसी से सेवानिवृत्त रेशम सिंह का घर अलग दिखता है. पूरे गांव में उनके घर के अलग दिखने की वजह उनके घर की छत है. उनके घर की छत पर पंजाब रोडवेज की बस खड़ी है. इसे देखने के लिए आस-पड़ोस के लोग आते हैं. हाईवे पर जाने वाले लोग भी इसे देखे बिना नहीं रह पाते. दरअसल, पंजाब रोडवेज के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रेशम सिंह ने अपने घर की छत पर पंजाब रोडवेज की तरह ही बस का निर्माण किया है.

छत पर बस क्यों बनाई: रेशम सिंह ने इस बारे में कहा, 'यह एक शौक है जिसे उन्होंने पूरा किया है. पीआरटीसी से सेवानिवृत्त रेशम सिंह ने कहा कि उन्होंने 40-45 साल तक पंजाब रोडवेज के तकनीकी विभाग में काम किया. वह वर्ष 2013 में अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने कहा कि पीआरटीसी उनकी रोजी रोटी रही है. यहां मेरी संपत्ति भी है और सभी अपनी संपत्ति एक साथ रखते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने घर की छत पर अपनी प्रॉपर्टी तैयार की, यानी पीआरटीसी बस ऑन रूफ तैयार कराई. उन्होंने कहा कि इसका सारा काम पूरा हो चुका है, सिर्फ रंग रोगन बाकी है.

बस में स्टेयरिंग से लेकर सीटें तक: रेशम सिंह ने बताया कि यह बस घर की छत पर बनी होने के कारण हाईवे से दिखाई देती है. इस बस में स्टीयरिंग से लेकर सीटें, एलईडी जैसी हर छोटी चीज बनाई गई है जो पंजाब रोडवेज की हर बस में होती है. उन्होंने बताया कि इस बस पर अब तक ढाई से तीन लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. रेशम सिंह ने कहा कि और जो भी मन में आता है, इस बस में जोड़ते रहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने 2018 में बस का निर्माण शुरू किया था, लेकिन कोरोना संकट के कारण काम रुक गया, फिर परिवार और खुद बीमार के चक्कर में पड़ गये. ठीक होने के बाद दोबारा सारा काम शुरू किया.

गांव में बस वाला घर फेमस : रेशम सिंह ने बताया कि उन्होंने अभी तक किसी भी पीआरटीसी कर्मचारी को इस बस के बारे में जानकारी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि पीआरटीसी के सचिव और यूनियन के अन्य कर्मचारी भी जब भी कहेंगे उनसे मिलने आएंगे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एक बस बनाने के बारे में सोचा जिसे उन्होंने पूरा कर लिया है . उन्होंने कहा कि आज अपना सपना साकार होता देखकर अच्छा लग रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि मेरे गांव में मेरा घर अब इस पीआरटीसी बस घर के नाम से मशहूर हो गया है. उन्हें उम्मीद है कि उनके पोते-पोतियां इस बस का पूरा ख्याल रखेंगे.

ये भई पढ़ें- जालंधर: प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कश्मीर और पंजाब के छात्रों के बीच मारपीट, 14 छात्र सस्पेंड

घर की छत पर PRTC की बस बनवाई

कपूरथला: गांव कंग सहाबू में पीआरटीसी से सेवानिवृत्त रेशम सिंह का घर अलग दिखता है. पूरे गांव में उनके घर के अलग दिखने की वजह उनके घर की छत है. उनके घर की छत पर पंजाब रोडवेज की बस खड़ी है. इसे देखने के लिए आस-पड़ोस के लोग आते हैं. हाईवे पर जाने वाले लोग भी इसे देखे बिना नहीं रह पाते. दरअसल, पंजाब रोडवेज के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रेशम सिंह ने अपने घर की छत पर पंजाब रोडवेज की तरह ही बस का निर्माण किया है.

छत पर बस क्यों बनाई: रेशम सिंह ने इस बारे में कहा, 'यह एक शौक है जिसे उन्होंने पूरा किया है. पीआरटीसी से सेवानिवृत्त रेशम सिंह ने कहा कि उन्होंने 40-45 साल तक पंजाब रोडवेज के तकनीकी विभाग में काम किया. वह वर्ष 2013 में अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए. उन्होंने कहा कि पीआरटीसी उनकी रोजी रोटी रही है. यहां मेरी संपत्ति भी है और सभी अपनी संपत्ति एक साथ रखते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने घर की छत पर अपनी प्रॉपर्टी तैयार की, यानी पीआरटीसी बस ऑन रूफ तैयार कराई. उन्होंने कहा कि इसका सारा काम पूरा हो चुका है, सिर्फ रंग रोगन बाकी है.

बस में स्टेयरिंग से लेकर सीटें तक: रेशम सिंह ने बताया कि यह बस घर की छत पर बनी होने के कारण हाईवे से दिखाई देती है. इस बस में स्टीयरिंग से लेकर सीटें, एलईडी जैसी हर छोटी चीज बनाई गई है जो पंजाब रोडवेज की हर बस में होती है. उन्होंने बताया कि इस बस पर अब तक ढाई से तीन लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. रेशम सिंह ने कहा कि और जो भी मन में आता है, इस बस में जोड़ते रहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने 2018 में बस का निर्माण शुरू किया था, लेकिन कोरोना संकट के कारण काम रुक गया, फिर परिवार और खुद बीमार के चक्कर में पड़ गये. ठीक होने के बाद दोबारा सारा काम शुरू किया.

गांव में बस वाला घर फेमस : रेशम सिंह ने बताया कि उन्होंने अभी तक किसी भी पीआरटीसी कर्मचारी को इस बस के बारे में जानकारी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि पीआरटीसी के सचिव और यूनियन के अन्य कर्मचारी भी जब भी कहेंगे उनसे मिलने आएंगे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एक बस बनाने के बारे में सोचा जिसे उन्होंने पूरा कर लिया है . उन्होंने कहा कि आज अपना सपना साकार होता देखकर अच्छा लग रहा है. इस दौरान उन्होंने बताया कि मेरे गांव में मेरा घर अब इस पीआरटीसी बस घर के नाम से मशहूर हो गया है. उन्हें उम्मीद है कि उनके पोते-पोतियां इस बस का पूरा ख्याल रखेंगे.

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