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POCSO मामले में कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा को राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक - BS Yediyurappa POCSO Case

BS Yediyurappa POCSO Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने POCSO मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने येदियुरप्पा को जांच में सहयोग करने को कहा है. बीएस येदियुरप्पा को जांच के लिए 17 जून को सीआईडी ​​के सामने पेश होना है. मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी. पढ़ें पूरी खबर...

Relief to former CM in POCSO case
POCSO मामले में पूर्व सीएम को राहत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 14, 2024, 6:47 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को POCSO आरोप मामले में गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है. जस्टिस कृष्ण दीक्षित की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की बेंच ने आज बीएस येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने पुलिस को अगली सुनवाई तक येदियुरप्पा के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई ना करने का निर्देश दिया है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 17 जून को पोक्सो मामले में सीआईडी ​​के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. साथ ही, उच्च न्यायालय ने पुलिस को पोक्सो मामले में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को गिरफ्तार न करने का भी निर्देश दिया है और उनसे जांच में सहयोग करने को कहा है.

इससे पहले, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि पोक्सो मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ, यह अच्छा होगा यदि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा जल्द ही बेंगलुरु वापस आएं और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष पेश हों, जो इस मामले की जांच कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ भाजपा नेता नई दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि वारंट जारी कर दिया गया है, उन्हें लाया जाएगा और उनसे जानकारी जुटाई जाएगी और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. येदियुरप्पा के ठिकाने के बारे में परमेश्वर ने कहा कि बताया जा रहा है कि वे दिल्ली गए हैं और उन्होंने बताया है कि वे 17 जून को वापस आएंगे.उन्होंने कहा कि अब जबकि वारंट जारी हो गया है, तो अच्छा होगा कि वे जल्दी वापस आएं

दरअसल, बेंगलुरू की एक अदालत ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ इस साल 14 मार्च को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. CID की विशेष जांच टीम ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की माँग करते हुए प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट का रुख किया था क्योंकि वे बुधवार को पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे. येदियुरप्पा ने जांच में शामिल होने के लिए समय मांगा था.

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बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने पुलिस को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को POCSO आरोप मामले में गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया है. जस्टिस कृष्ण दीक्षित की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की बेंच ने आज बीएस येदियुरप्पा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने पुलिस को अगली सुनवाई तक येदियुरप्पा के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई ना करने का निर्देश दिया है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 17 जून को पोक्सो मामले में सीआईडी ​​के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. साथ ही, उच्च न्यायालय ने पुलिस को पोक्सो मामले में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को गिरफ्तार न करने का भी निर्देश दिया है और उनसे जांच में सहयोग करने को कहा है.

इससे पहले, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि पोक्सो मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ, यह अच्छा होगा यदि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा जल्द ही बेंगलुरु वापस आएं और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष पेश हों, जो इस मामले की जांच कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ भाजपा नेता नई दिल्ली में एक अज्ञात स्थान पर चले गए हैं. परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि वारंट जारी कर दिया गया है, उन्हें लाया जाएगा और उनसे जानकारी जुटाई जाएगी और कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. येदियुरप्पा के ठिकाने के बारे में परमेश्वर ने कहा कि बताया जा रहा है कि वे दिल्ली गए हैं और उन्होंने बताया है कि वे 17 जून को वापस आएंगे.उन्होंने कहा कि अब जबकि वारंट जारी हो गया है, तो अच्छा होगा कि वे जल्दी वापस आएं

दरअसल, बेंगलुरू की एक अदालत ने गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ इस साल 14 मार्च को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. CID की विशेष जांच टीम ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की माँग करते हुए प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट का रुख किया था क्योंकि वे बुधवार को पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे. येदियुरप्पा ने जांच में शामिल होने के लिए समय मांगा था.

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