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नवंबर तक तैयार हो जाएगा राम मंदिर का शिखर व सप्त मंदिर, जानिए क्या होगा खास? - Construction of Ram temple

अयोध्या में मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता (Ram temple in Ayodhya) में दो दिवसीय समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान राम जन्मभूमि परिसर के सभी निर्माण स्थलों का भी निरीक्षण भी किया गया.

चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में बैठक
चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में बैठक (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 4:54 PM IST

जानकारी देते चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

अयोध्या : राम मंदिर में शिखर तक और सप्त मंदिरों का भी निर्माण पूरा करने का समय नवंबर तक का तय कर दिया गया है. परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा हो सकेगा. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई दो दिवसीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया. बैठक के पहले राम जन्मभूमि परिसर के सभी निर्माण स्थलों का भी निरीक्षण भी किया गया.

112 झरोखे, पैनल लगाने के लिए 100 स्थान चिन्हित : निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि परकोटे की कुल लंबाई 800 मीटर है. परकोटा मंदिर के सुरक्षा की अंतिम दीवार है. जो मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा के लिए भी उपयोगी होगी, इसलिए इसकी डिजाइन भी तैयार की गई है. इस दौरान परिक्रमा करने वाले दर्शनार्थी दर्शन भी करते रहेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से दीवार बनी हुई है, जिसमें लगभग 112 झरोखे डिजाइन किए गए हैं. परकोटे में 100 स्थान चिन्हित हैं, जहां पैनल लगाए जाएंगे.

8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे : उन्होंने कहा कि परकोटा निर्माण के लिए लगभग 10 स्थानों को बांटकर कार्य किया जा रहा है. यह कार्य बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि मंदिर में लगभग 4.50 लाख घन क्यूब बंसी पहाड़पुर राजस्थान के पत्थर लगाए जा रहे हैं तो परकोटे में लगभग 8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे. यह निर्माण कार्य इतना बड़ा है, इसलिए यह कार्य हमारे लिए चुनौती है. इस कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा करने में कठिनाई है. एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों जानकारी साझा कर रहे हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और प्रयास है कि मंदिर के साथ-साथ सप्त मंदिर और परकोटे के कार्य को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह कार्य दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाता है तो अगले तीन महीने निर्माण कार्य में लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर और सप्त मंदिर का निर्माण निश्चित रूप से नवंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा.

परकोटा के अंदर बनेंगे 6 मंदिर : उन्होंने कहा कि परकोटा के अंदर 6 मंदिर बनेंगे. जिसमें भगवान शिव, हनुमान जी, गणेश और माता अन्नपूर्णा की रसोई भी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह रसोई बहुत उपयोगी है, जब मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था. इस दौरान एक सीता रसोई थी, जो बहुत ही जर्जर हालत में थी, इसलिए उस स्थान पर जो आज परकोटे की परिधि में है वहां पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जा रहा है. इस मंदिर में ही भगवान का भोग बनेगा और उन्हें चढ़ाया जाएगा.

यह भी पढ़ें : राममंदिर में भूमिगत परिक्रमा पथ का हो रहा निर्माण, छह मंदिर के साथ रामायण कालीन कलाकृतियों से होगा दर्शनीय - Ram Mandir

यह भी पढ़ें : महंत नृत्यगोपाल दास ने राम मंदिर में महादेव का किया पूजन, निर्माण कार्यों का किया अवलोकन - Nritya Gopal Das Visited Ramlalaa

जानकारी देते चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र (वीडियो क्रेडिट : ETV Bharat)

अयोध्या : राम मंदिर में शिखर तक और सप्त मंदिरों का भी निर्माण पूरा करने का समय नवंबर तक का तय कर दिया गया है. परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा हो सकेगा. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई दो दिवसीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया. बैठक के पहले राम जन्मभूमि परिसर के सभी निर्माण स्थलों का भी निरीक्षण भी किया गया.

112 झरोखे, पैनल लगाने के लिए 100 स्थान चिन्हित : निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि परकोटे की कुल लंबाई 800 मीटर है. परकोटा मंदिर के सुरक्षा की अंतिम दीवार है. जो मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा के लिए भी उपयोगी होगी, इसलिए इसकी डिजाइन भी तैयार की गई है. इस दौरान परिक्रमा करने वाले दर्शनार्थी दर्शन भी करते रहेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से दीवार बनी हुई है, जिसमें लगभग 112 झरोखे डिजाइन किए गए हैं. परकोटे में 100 स्थान चिन्हित हैं, जहां पैनल लगाए जाएंगे.

8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे : उन्होंने कहा कि परकोटा निर्माण के लिए लगभग 10 स्थानों को बांटकर कार्य किया जा रहा है. यह कार्य बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि मंदिर में लगभग 4.50 लाख घन क्यूब बंसी पहाड़पुर राजस्थान के पत्थर लगाए जा रहे हैं तो परकोटे में लगभग 8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे. यह निर्माण कार्य इतना बड़ा है, इसलिए यह कार्य हमारे लिए चुनौती है. इस कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा करने में कठिनाई है. एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों जानकारी साझा कर रहे हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और प्रयास है कि मंदिर के साथ-साथ सप्त मंदिर और परकोटे के कार्य को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह कार्य दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाता है तो अगले तीन महीने निर्माण कार्य में लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर और सप्त मंदिर का निर्माण निश्चित रूप से नवंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा.

परकोटा के अंदर बनेंगे 6 मंदिर : उन्होंने कहा कि परकोटा के अंदर 6 मंदिर बनेंगे. जिसमें भगवान शिव, हनुमान जी, गणेश और माता अन्नपूर्णा की रसोई भी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह रसोई बहुत उपयोगी है, जब मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था. इस दौरान एक सीता रसोई थी, जो बहुत ही जर्जर हालत में थी, इसलिए उस स्थान पर जो आज परकोटे की परिधि में है वहां पर माता अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जा रहा है. इस मंदिर में ही भगवान का भोग बनेगा और उन्हें चढ़ाया जाएगा.

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