हैदराबाद : गुजरात के गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से 28 लोगों की जान चली गई. राजकोट में हुए इस हादसे ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अधिकारियों के मुताबिक गेमिंग जोन बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के चल रहा था. यही नहीं इसे सिर्फ एक एंट्री-एग्जिट गेट के जरिए संचालित किया जा रहा था. हालांकि अब पूरे मामले की जांच एसआईटी कर रही है. घटना की जांच के लिए गुजरात सरकार ने पांच सदस्यीय एसआईटी बनाई है, जिसे 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जानकारी सामने आ रही है कि गेमिंग जोन में प्रवेश और निकास दोनों के लिए केवल एक ही मार्ग का उपयोग किया जाता था. यही नहीं जोन के विभिन्न हिस्सों में हजारों लीटर पेट्रोल और डीजल स्टोर किया गया था. यही वजह रही कि आग तेजी से फैल गई और पूरा ढांचा जलकर खाक हो गया.
ये चार वजह बनीं मौत का कारण
- गेमिंग जोन में एकमात्र एंट्री और एग्जिट गेट था. ये सिर्फ छह से सात फीट ऊंचा था.
- शनिवार को सिर्फ 99 रुपये में एंट्री दी गई, इस वजह से भीड़ ज्यादा थी.
- पहली मंजिल से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था.
- टीआरपी गेम जोन में जनरेटर के लिए लगभग 2,000 लीटर डीजल जमा किया गया था, जबकि गो-कार्ट रेसिंग के लिए 1,000 से 1,500 लीटर पेट्रोल था. यही वजह है कि आग तेजी से फैली.
नौ बच्चों समेत 28 लोगों की हो चुकी है मौत : इस हादसे में नौ बच्चों समेत 28 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्यों ने कहा कि शव इतने जल गए हैं कि पहचान करना मुश्किल है. पहचान के लिए पीड़ितों और उनके रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र किए गए हैं. एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद' बताया. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तुरंत जांच शुरू की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो.
बचाव कार्यों की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंची राजकोट की मेयर नयना पेधादिया ने फायर एनओसी न होने की पुष्टि की. पेधदिया ने कहा, 'हम जांच करेंगे कि इतना बड़ा गेम जोन बिना फायर एनओसी के कैसे काम कर रहा था और हम इसके परिणाम देख रहे हैं.'
मुआवजे का एलान : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को राहत कार्यों की जानकारी लेने के लिए अग्नि स्थल का दौरा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव प्रयासों का संज्ञान लेने के लिए पटेल से बात की. मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.