ETV Bharat / bharat

राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को दी 7 दिन की पैरोल, पुलिस कस्टडी में होगा इलाज - Asaram Granted Parole - ASARAM GRANTED PAROLE

Rajasthan High Court on Asaram, राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आसाराम की 7 दिन की पैरोल मंजूर की है. हालांकि, पुलिस कस्टडी में ही उसका उपचार होगा. आसाराम चार दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती था.

Asaram Treatment
आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली पैरोल (ETV Bharat Jodhpur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 13, 2024, 7:55 PM IST

जोधपुर: यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को पहली बार उपचार के लिए पैरोल मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पुष्पेंद्र भाटी और जस्टिस मुन्नारी लक्ष्मण की खंडपीठ ने मंगलवार को जोधपुर एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 7 दिन की पैरोल दी है. इससे पहले भी आसाराम की ओर से कई बार पैरोल के लिए याचिका लगाई गई थी, लेकिन राहत नहीं मिली.

आसाराम की ओर से हमेशा यह दलील दी जाती रही है कि वह सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद उपचार करवाएगा. यही कारण है कि उसे इस बार 7 दिन की आपातकालीन पैरोल मिली है. इस दौरान महाराष्ट्र के खपोली स्थित माधव बाग अस्पताल में हार्ट का उपचार होगा. इससे पहले आसाराम का शुरुआत में वैद्य नीता उपचार करती थी. बाद में उसे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. सजा मिलने के बाद उसका आयुर्वेद उपचार जारी रहा.

पढ़ें : आसाराम को राहत: उपचार के दौरान नहीं देना होगा पुलिस कस्टडी चार्ज, जेल में मिल सकते हैं एलोपैथिक डॉक्टर - Rajasthan High Court

कोरोना काल के बाद आसाराम को कई तरह की परेशानियां हुईं, जिसके चलते उसे जोधपुर एम्स लाया जाने लगा. पिछले चार दिनों से आसाराम एम्स में भर्ती है. संभवत अगले एक-दो दिन में उसे यहां से खापोली ले जाया जाएगा. हालांकि, इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में उपचार के लिए लगी याचिका को लेकर पुलिस ने सवाल किया तो बताया गया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर खपोली नहीं आने को कहा था. लेकिन इस बार कोर्ट ने इसके आदेश दे दिया.

गौरतलब है कि यौन शोषण के मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर पुलिस इंदौर से गिरफ्तार कर राजस्थान लेकर आई थी. 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

त्रिशूल नाड़ी के लिए दी गई पंचेड बूटी आई थी चर्चा में : 2013 में गिरफ्तारी के बाद जब आसाराम बीमार हुआ तो उसके उपचार के लिए वैद्य नीता को बुलाया गया था. विद्या नीता ने उस समय खुलासा किया था कि आसाराम त्रिशूल नाड़ी नामक रोग से ग्रसित है, जिसे मेडिकल की भाषा में ट्राइजेमिनल न्यूरोलॉजिया कहा जाता है. जिसका उपचार करने के लिए वैद्य नीता को जेल में जाने की अनुमति मिली थी. वैद्य नीता ने आसाराम के उपचार के लिए पंचेड़ बूटी देना बताया था, तब नीता चर्चा में आई थी, लेकिन इसके बाद आसाराम के पूर्व वैद्य अमृत प्रजापति ने कहा कि आसाराम को अफीम लेने की आदत है. औषधि के नाम पर इसका सेवन करता है. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद आसाराम को जेल में निजी वैद्य से उपचार की अनुमति नहीं दी गई. उसके बाद उपचार के लिए बाहर लाया जाने लगा.

शिष्य ने कोर्ट में की गुहार : 'आसाराम पिछले 4 दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती है. सीने में दर्द को लेकर भर्ती करवाया गया था. हालत चिंता जनक बनी हुई है.' इसको लेकर आसाराम का शिष्य रामचंद्र भट्ट कोर्ट में पेश हुआ था. इसके बाद कोर्ट ने एम्स से आसाराम की मौजूदा मेडिकल रिपोर्ट्स मंगवाई और उसके आधार पर 7 दिन की आपातकालीन पैरोल दी है.

11 साल से लगातार प्रयास : बता दें कि आसाराम अपने ही आश्रम की शिष्या के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इस मामले में करीब 11 साल से आसाराम लगातार बाहर आने का प्रयास करता रहा, लेकिन कभी उसे कोर्ट से राहत नहीं मिली. यह पहला मौका है जब कोर्ट ने आसाराम की 7 दिन की आपातकालीन पैरोल मंजूर करते हुए महाराष्ट्र में उपचार करवाने की अनुमति दी है.

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस डॉक्टर पीएस भाटी की खंडपीठ में पैरोकार रामचंद्र भट्ट की ओर से एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया, जिस पर उपचार के लिए 7 दिन की आपातकालीन पैरोल को मंजूर किया गया. रामचंद्र भट्ट ने पैरोल नियमों को चुनौती देते हुए याचिका पेश की थी, जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के साथ फैसला सुरक्षित रखा गया था. वहीं, अचानक आसाराम के बीमार होने पर आपातकालीन पैरोल के लिए आवेदन किया गया था, जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए पुलिस कस्टडी में 7 दिन के लिए माधव बाग महाराष्ट्र में उपचार की अनुमति दी गई है.

जोधपुर: यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को पहली बार उपचार के लिए पैरोल मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पुष्पेंद्र भाटी और जस्टिस मुन्नारी लक्ष्मण की खंडपीठ ने मंगलवार को जोधपुर एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 7 दिन की पैरोल दी है. इससे पहले भी आसाराम की ओर से कई बार पैरोल के लिए याचिका लगाई गई थी, लेकिन राहत नहीं मिली.

आसाराम की ओर से हमेशा यह दलील दी जाती रही है कि वह सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद उपचार करवाएगा. यही कारण है कि उसे इस बार 7 दिन की आपातकालीन पैरोल मिली है. इस दौरान महाराष्ट्र के खपोली स्थित माधव बाग अस्पताल में हार्ट का उपचार होगा. इससे पहले आसाराम का शुरुआत में वैद्य नीता उपचार करती थी. बाद में उसे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. सजा मिलने के बाद उसका आयुर्वेद उपचार जारी रहा.

पढ़ें : आसाराम को राहत: उपचार के दौरान नहीं देना होगा पुलिस कस्टडी चार्ज, जेल में मिल सकते हैं एलोपैथिक डॉक्टर - Rajasthan High Court

कोरोना काल के बाद आसाराम को कई तरह की परेशानियां हुईं, जिसके चलते उसे जोधपुर एम्स लाया जाने लगा. पिछले चार दिनों से आसाराम एम्स में भर्ती है. संभवत अगले एक-दो दिन में उसे यहां से खापोली ले जाया जाएगा. हालांकि, इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में उपचार के लिए लगी याचिका को लेकर पुलिस ने सवाल किया तो बताया गया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर खपोली नहीं आने को कहा था. लेकिन इस बार कोर्ट ने इसके आदेश दे दिया.

गौरतलब है कि यौन शोषण के मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर पुलिस इंदौर से गिरफ्तार कर राजस्थान लेकर आई थी. 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

त्रिशूल नाड़ी के लिए दी गई पंचेड बूटी आई थी चर्चा में : 2013 में गिरफ्तारी के बाद जब आसाराम बीमार हुआ तो उसके उपचार के लिए वैद्य नीता को बुलाया गया था. विद्या नीता ने उस समय खुलासा किया था कि आसाराम त्रिशूल नाड़ी नामक रोग से ग्रसित है, जिसे मेडिकल की भाषा में ट्राइजेमिनल न्यूरोलॉजिया कहा जाता है. जिसका उपचार करने के लिए वैद्य नीता को जेल में जाने की अनुमति मिली थी. वैद्य नीता ने आसाराम के उपचार के लिए पंचेड़ बूटी देना बताया था, तब नीता चर्चा में आई थी, लेकिन इसके बाद आसाराम के पूर्व वैद्य अमृत प्रजापति ने कहा कि आसाराम को अफीम लेने की आदत है. औषधि के नाम पर इसका सेवन करता है. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद आसाराम को जेल में निजी वैद्य से उपचार की अनुमति नहीं दी गई. उसके बाद उपचार के लिए बाहर लाया जाने लगा.

शिष्य ने कोर्ट में की गुहार : 'आसाराम पिछले 4 दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती है. सीने में दर्द को लेकर भर्ती करवाया गया था. हालत चिंता जनक बनी हुई है.' इसको लेकर आसाराम का शिष्य रामचंद्र भट्ट कोर्ट में पेश हुआ था. इसके बाद कोर्ट ने एम्स से आसाराम की मौजूदा मेडिकल रिपोर्ट्स मंगवाई और उसके आधार पर 7 दिन की आपातकालीन पैरोल दी है.

11 साल से लगातार प्रयास : बता दें कि आसाराम अपने ही आश्रम की शिष्या के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इस मामले में करीब 11 साल से आसाराम लगातार बाहर आने का प्रयास करता रहा, लेकिन कभी उसे कोर्ट से राहत नहीं मिली. यह पहला मौका है जब कोर्ट ने आसाराम की 7 दिन की आपातकालीन पैरोल मंजूर करते हुए महाराष्ट्र में उपचार करवाने की अनुमति दी है.

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस डॉक्टर पीएस भाटी की खंडपीठ में पैरोकार रामचंद्र भट्ट की ओर से एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया, जिस पर उपचार के लिए 7 दिन की आपातकालीन पैरोल को मंजूर किया गया. रामचंद्र भट्ट ने पैरोल नियमों को चुनौती देते हुए याचिका पेश की थी, जिस पर 22 जुलाई को सुनवाई पूरी होने के साथ फैसला सुरक्षित रखा गया था. वहीं, अचानक आसाराम के बीमार होने पर आपातकालीन पैरोल के लिए आवेदन किया गया था, जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए पुलिस कस्टडी में 7 दिन के लिए माधव बाग महाराष्ट्र में उपचार की अनुमति दी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.