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पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित हुआ राज प्रसाद बिजे नीति अनुष्ठान, रथयात्रा की तैयारियां तेज - Puri Jagannath Rath Yatra - PURI JAGANNATH RATH YATRA

पुरी जगन्नाथ मंदिर में राज प्रसाद बिजे नीति अनुष्ठान आयोजित किया गया. यह अनुष्ठान द्वादशी के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया. बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा में अब केवल तीन दिन शेष रह गए हैं और इसे लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं.

Rath Yatra of Puri Jagannath Temple
पुरी जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा (फोटो - ETV Bharat Odisha Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 3, 2024, 6:59 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 7:23 PM IST

पुरी: ओडिशा में पुरी जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को राज प्रसाद बिजे नीति अनुष्ठान आयोजित किया गया. द्वादशी के शुभ अवसर पर देवताओं के राजप्रसाद बिजे अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जगन्नाथ मंदिर में सुबह के अनुष्ठान के बाद, जय-विजय द्वार बंद कर दिए जाएंगे, और बेहरन द्वार खोल दिए जाएंगे, जिससे राजप्रसाद बिजे मंदिर से श्री नहरा (शाही महल) तक जा सकेगा.

राजा प्रसाद बीजे नीति अनुष्ठान क्या है: दैतापति सेवकों द्वारा भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के बुखार से ठीक होने की सूचना देने के लिए गजपति के महल (श्री नहर) में जाने की रस्म को राजा प्रसाद बीजे नीति कहा जाता है.

रथ यात्रा की तैयारी: विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में अब केवल तीन दिन शेष रह गए हैं. तीनों रथों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. इसी तरह पुरी में रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु जुट रहे हैं. जिला, पुलिस और मंदिर प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां तेज कर दी गई हैं.

53 साल बाद ओडिशा में इस बार दो दिवसीय होगी रथ यात्रा: इस साल विश्व प्रसिद्ध यह त्योहार 7 जुलाई को नेत्र उत्सव और देवताओं के नवजौबन के साथ पड़ रहा है, 7 जुलाई को थोड़ी दूरी तक रथों को खींचा जाएगा और अगले दिन फिर से रथ यात्रा शुरू होगी. 1971 की रथ यात्रा की तरह इस बार भी रथ खींचने का काम दो दिन तक जारी रहेगा.

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उम्मीद जताई है कि इस साल की रथ यात्रा ऐतिहासिक होगी, क्योंकि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रथ यात्रा में भाग लेने जा रही हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 7 और 8 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.

पुरी: ओडिशा में पुरी जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को राज प्रसाद बिजे नीति अनुष्ठान आयोजित किया गया. द्वादशी के शुभ अवसर पर देवताओं के राजप्रसाद बिजे अनुष्ठान का आयोजन किया गया. जगन्नाथ मंदिर में सुबह के अनुष्ठान के बाद, जय-विजय द्वार बंद कर दिए जाएंगे, और बेहरन द्वार खोल दिए जाएंगे, जिससे राजप्रसाद बिजे मंदिर से श्री नहरा (शाही महल) तक जा सकेगा.

राजा प्रसाद बीजे नीति अनुष्ठान क्या है: दैतापति सेवकों द्वारा भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के बुखार से ठीक होने की सूचना देने के लिए गजपति के महल (श्री नहर) में जाने की रस्म को राजा प्रसाद बीजे नीति कहा जाता है.

रथ यात्रा की तैयारी: विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में अब केवल तीन दिन शेष रह गए हैं. तीनों रथों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है. इसी तरह पुरी में रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु जुट रहे हैं. जिला, पुलिस और मंदिर प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां तेज कर दी गई हैं.

53 साल बाद ओडिशा में इस बार दो दिवसीय होगी रथ यात्रा: इस साल विश्व प्रसिद्ध यह त्योहार 7 जुलाई को नेत्र उत्सव और देवताओं के नवजौबन के साथ पड़ रहा है, 7 जुलाई को थोड़ी दूरी तक रथों को खींचा जाएगा और अगले दिन फिर से रथ यात्रा शुरू होगी. 1971 की रथ यात्रा की तरह इस बार भी रथ खींचने का काम दो दिन तक जारी रहेगा.

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उम्मीद जताई है कि इस साल की रथ यात्रा ऐतिहासिक होगी, क्योंकि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रथ यात्रा में भाग लेने जा रही हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 7 और 8 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.

Last Updated : Jul 3, 2024, 7:23 PM IST
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