नई दिल्ली: रेलवे के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. अब रेलवे के कर्मचारियों को भी रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल में रोबोटिक सर्जिरी की सुविधा मिलेगी. इसके लिए रेलवे कर्मचारियों को अब निजी अस्पतालों में मोटा पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा. इसी साल दिसंबर से रोबोटिक सर्जरी की सुविधा रेलवे के अस्पतालों में शुरू जो जाएगी. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की तरफ से रेलवे के अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की मांग की गई थी. रोबोटिक सर्जरी के उपकरण आदि खरीदने शुरू हो गए हैं.
रेलवे के लाखों कर्मचारियों को मिलेगा फायदा: देश भर में रेलवे का बड़ा नेटवर्क है. लाखों कर्मचारी रेलवे के अधीन कार्य करते हैं. कर्मचारियों के इलाज के लिए रेलवे के खुद कई अस्पताल हैं. रेलवे का अपना खुद का बड़ा स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिसमें एंबुलेंस, डॉक्टर, अस्पताल, मेडिकल स्टोर आदि शामिल हैं. देश के तमाम अस्पतालों में आजकल रोबोट से सर्जरी हो रही है. इसमें कम चीरा लगाना पड़ता है. आसानी से सर्जरी हो जाती है. मरीज जल्द स्वस्थ हो जाते हैं. ऐसे में रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल में रोबोटिक सर्जिरी होना, लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है.
तीन तरीके की रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध: ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि इस बार के बजट में रेलवे को इसके लिए पैसा मिल गया है. तीन तरीके की रोबोटिक सर्जरी की सुविधा दिल्ली स्थित रेलवे के सेंट्रल अस्पताल में शुरू की जाएगी. इसमें लोग रोबोटिक सर्जरी के जरिए ट्रांसप्लांट करा सकेंगे. इसके साथ ही अन्य सर्जरी भी रोबोट से की जाएगी. दिसंबर से एक सर्जरी का काम रोबोट से शुरू हो जाएगा. अन्य सर्जरी अगले साल जून तक शुरू होंगी. साथ ही नोएडा में रेलवे का अत्याधुनिक फिजियोथेरेपी सेंटर भी खुल रहा है, जहां पर कर्मचारी फिजियोथेरेपी के जरिए इलाज करा सकेंगे.
लोगों ने किया किया रक्तदानः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रेलवे के कर्मचारियों ने जगह जगह रेडक्रास सोसाइटी की मदद से रक्तदान किया. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि कर्मचारी अपना खून पसीना बहाकर भारतीय रेल को चलाने का काम करते हैं. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन रक्तदान में कभी पीछे नहीं रहता है. इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कई राज्यों में 500 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों से यही कहना है कि जब भी किसी को रक्त की जरूरत पड़े वह पीछे न हटें, जिससे किसी की रक्त की कमी की वजह से जान न जाए.